15.2 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 02:08 am
15.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

BRABU के कुलपति घर से चला रहे विश्वविद्यालय, 29 महीने में चार दिन ही पहुंचे ऑफिस, छात्रों ने उठाए कई सवाल

Advertisement

वाइस चांसलर डॉ हनुमान पांडे ने 12 मार्च 2020 को कुलपति का पदभार ग्रहण किया था. जॉइन करने के बाद तीन दिनों तक वह कार्यालय तो आए परंतु उसके बाद कोरोना की वजह से लॉकडाउन हुआ और विश्वविद्यालय बंद हो गया. इसके बाद से उनका विश्वविद्यालय में दिखना नदारद हो गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बिहार में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ हनुमान पांडे विश्वविद्यालय जाना भी भूल गए हैं. वाइस चांसलर डॉ हनुमान पांडे के पास तिलका मांझी विश्वविद्यालय भागलपुर का भी प्रभार है. लेकिन वहां भी उनका मिलना मुश्किल होता है. अगर कोई छात्र वाइस चांसलर से मिलना चाहे तो यह लगभग नामुमकिन ही है. पहले तो आवास पर मुलाकात हो जाती थी परंतु अब तो आवास में भी प्रवेश नहीं मिलता.

- Advertisement -

12 मार्च 2020 को किया था पद भार ग्रहण 

वाइस चांसलर डॉ हनुमान पांडे ने 12 मार्च 2020 को कुलपति का पदभार ग्रहण किया था. जॉइन करने के बाद तीन दिनों तक वह कार्यालय तो आए परंतु उसके बाद कोरोना की वजह से लॉकडाउन हुआ और विश्वविद्यालय बंद हो गया. इसके बाद से उनका विश्वविद्यालय में दिखना नदारद हो गया है. इन्हें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का भी प्रभार दिया गया है परंतु ये वहां भी नहीं दिखते हैं. हाल ऐसा ही की 29 महीने में वह सिर्फ चार दिन ही कार्यालय पहुंचे हैं.

छात्र उठा रहे सवाल 

कुलपति के दफ्तर में नहीं मौजूद होने को लेकर कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं. छात्रों द्वारा कुलपति के अनुपस्थिति का विरोध शुरू हो गया है. छात्र नेता चंदन यादव का कहना है की कुलपति बीमारी का बहाना कर कमरे से बाहर ही नहीं आते और न ही छात्रों से जुड़े कागजातों का हस्ताक्षर करते हैं. वहीं फंडिंग से जुड़े फ़ाइलों पर तुरंत साइन कर देते हैं. छात्र दूर दूर से काम करवाने आते है परंतु उनका कार्य नहीं हो पाता है.

Also Read: श्रावणी मेला 2022 : 54 फीट के कांवर को बारी-बारी कंधा दे रहे 400 कांवरिया, 54 घंटे में पहुंचेंगे बाबाधाम
छात्र नहीं कर पाते हैं मुलाकात 

वाइस चांसलर से मिलने जब कोई छात्र उनके कक्ष में जाता है तो उससे कई सारे सवाल पूछकर लौटा दिया जाता है. और अगली बार आने को कहा जाता है. छात्र दूर दराज से अपना काम करवाने आते हैं परंतु उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ता है. छात्रों द्वारा कुलपति को लेकर सवाल उठाए जाने पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा कहा जाता है की कुलपति भले ही यूनिवर्सिटी नहीं आते हो पर वह अपना पूरा कार्य घर से करते हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें