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Bihar News: शादी सीजन में मुजफ्फरपुर का बाजार सजा, शादी से जुड़ी हर चीज की बुकिंग हुई शुरू

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Bihar News: बिहार में शादियों का सीजन शुरू हो चुका है. इसको लेकर मुजफ्फरपुर का बाजार तैयार है और खरीदारी भी शुरू हो चुकी है. कपड़े, ज्वेलरी से लेकर शादियों से जुड़ी सामग्री की दुकानों पर भीड़ लग रही है.

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Bihar News: बिहार में शादियों का सीजन शुरू हो चुका है. इसको लेकर मुजफ्फरपुर का बाजार तैयार है और खरीदारी भी शुरू हो चुकी है. कपड़े, ज्वेलरी से लेकर शादियों से जुड़ी सामग्री की दुकानों पर भीड़ लग रही है. गरीबनाथ मंदिर रोड में पगड़ी, सिंघोड़ा और मौड़ी की विभिन्न वेराइटी शादी वाले परिवार पसंद कर रहे हैं तो सूतापट्टी सहित कपड़ों की अन्य दुकानों में शेरवानी, लहंगा और साड़ियों की खरीदारी हो रही है.

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बाजार में पिछले दो दिनों से खरीदारों की भीड़ बढ़ी

लग्न शुरू होने पर सर्राफा दुकानों में भी रौनक दिख रही है. यहां सुबह से ही खरीदारों का तांता लग रहा हे. दिवाली और छठ के बाद एक बार फिर बाजार में रौनक आ गयी है. हर सेक्टर के बाजार में पिछले दो दिनों से खरीदारों की भीड़ बढ़ी हुई है. अनाज मंडी हो या बर्तन दुकान, सभी जगहों पर शादियों की खरीदारी के लिए ग्राहकों का तांता लगा हुआ है.

दूल्हे के लिए 11 हजार में मिल रही घोड़ी

इस बार के लग्न में दूल्हे के लिए कई तिथियों को घोड़ी उपलब्ध नहीं है. पिछले साल से ही घोड़ी का रेट बढ़ा हुआ है. इस बार घोड़ी का किराया 11 हजार देने पड़ रहे हैँ. उस पर भी कई तिथियों को घोड़ी उपलब्ध नहीं है. इसकी बुकिंग शादी वाले परिवारों ने तीन महीने पहले ही कर ली थी. अस्तबल संचालक प्रेम कुमार कहते हैँ कि इस बार का भी कई तिथियों का लग्न तेज है. जिन लोगों ने पहले बुकिंग करायी थी, उनके लिए परेशानी नहीं है, लेकिन जो लोग अभी बुकिंग कराने आ रहे हैं, उन्हें भटकना पड़ रहा है.

कई तिथियों पर नहीं मिल रहा बैंड बाजा

बैंड बाजा पर इस लग्न में 50 हजार का खर्च आ रहा है. वह भी कई तिथियों को बैंड बाजा खाली नहीं है. हालांकि कुछ कमजोर लग्न में राशि थोड़ी कम ली जा रही है. बैंड बाजा संचालक इकराम अली कहते हैं कि पहले दो-तीन शिफ्ट में बैंड बाजा बुक होता था तो कम राशि में भी काम चल जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. चार-पांच महीने पहले ही लोगों ने इसकी बुकिंग करा ली है. अभी कई तिथियों को बैंड बाजा की बुकिंग नहीं हो पा रही है, वह पहले से बुक है.

स्टेज प्रोग्राम में शारदा सिन्हा के संस्कार गीतों की डिमांड

नवंबर और दिसंबर के लग्न के लिए गीत-संगीत की मंडली की बुकिंग भी हो चुकी है. कुछ तिथियों को 50 हजार में शादी वाले परिवार हल्दी या रिसेप्शन के लिए स्टेज प्रोग्राम की बुकिंग करा रहे हैं. हालांकि स्टेज प्रोग्राम में शामिल होने वाले कलाकरों के आधार पर भी राशि तय की जा रही है. इस बार के कार्यक्रमों में पारंपरिक लोक गीतों की अधिक डिमांड है.

अधिकतर शादी वाले परिवार शारदा सिन्हा के पारंपरिक संस्कार गीतों को सुनना चाह रहे हैं. इस कारण इस बार लोक कलाकारों की डिमांड बढ़ी है. लोकगायक प्रेम रंजन सिंह और नवीन कुमार कहते हैं कि लोगों का झुकाव अपनी संस्कृति की तरफ लौटा है, यह अच्छी बात है. इससे भोजपुरी और मैथिली के पारंपरिक लोकगीतों का विस्तार होगा.

दूल्हे के लिए जयपुरी पगड़ी की डिमांड

लग्न को लेकर गरीबनाथ मंदिर रोड स्थित शादियों से जुड़ी सामग्री की जमकर खरीदारी हो रही है. इस बार दूल्हे के लिए जयपुरी पगड़ी की विशेष डिमांड है. इसकी अधिकतम कीमत 1500 तक है. इसके अलावा आगरा से मंगाया गया नागड़ा जूता भी खूब बिक रहा है. शादी वाले परिवार बरातियों के लिए भी पगड़ी खरीद रहे हैं. नक्काशी किया हुआ दूल्हे की तलवार की भी अच्छी बिक्री हो रही है. समधी के लिए पगड़ी भी बाजार में कई वेराइटी की उपलब्ध है. यह भी दिल्ली और जयपुर से मंगवाया गया है. इसके अलावा हल्दी मेहंदी के लिए थाली सेट और पीले रंग के कृत्रिम ज्वेलरी की भी इस बार डिमांड बढ़ी है. सामग्री विक्रेता इरशाद अली ने बताया कि लग्न की खरीदारी शुरू हो चुकी है. इस बार दिवाली और छठ के बाजार को देखते हुए लग्न के बाजार को भी बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है.

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शहर की मौड़ी की कई जिलों में आपूर्ति

दूल्हे के लिए शहर में बने मौड़ी की कई जिलों में डिमांड है. मौड़ी कारीगर रंधीर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि मौड़ी बनाने का काम लग्न से तीन महीने पहले से ही शुरू कर दिया जाता है. अचानक मांग बढ़ने पर इसकी आपूर्ति नहीं की जा सकती़. यहां से मौड़ी आसपास के जिलों में भी जाता है. पहले मौड़ी में सीसा का काम होता था, लेकिन अब कागज, गत्ता और प्लास्टिक से ही मौड़ी बनाया जाता है. यह हल्का होता है और ऐसे मौड़ी की डिमांड पहले से अधिक है।

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