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स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की तैयारी में नगर परिषद जमालपुर, कई चुनौतियां हैं सामने

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राष्ट्रीय स्तर पर नगर निकायों के कार्यकलापों को लेकर दी जाने वाली रैंकिंग के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाता है.

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जमालपुर. राष्ट्रीय स्तर पर नगर निकायों के कार्यकलापों को लेकर दी जाने वाली रैंकिंग के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाता है. जिसमें अलग-अलग 10 बिंदुओं पर नगर निकाय में चल रहे कार्यों की समीक्षा की जाती है और उसके आधार पर अंक प्रदान करते हुए रैंकिंग की जाती है. इस वर्ष 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. परंतु नगर परिषद जमालपुर के सामने इस परीक्षा में सफल होने के लिए कई चुनौतियां हैं. आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो वर्षों में नगर परिषद जमालपुर की रैंकिंग फिसली है. 2022 में नगर परिषद जमालपुर का स्टेट रैंकिंग 13 तो नेशनल रैंकिंग 311 था. परंतु 2023 में फिसल कर स्टेट रैंकिंग 16 और नेशनल रैंकिंग 393 हो गया. ऐसे में 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर परेशानी बढ़ी है.

ट्रिपल आर को लेकर नगर परिषद की स्थिति

इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर ट्रिपल आर का थीम दिया गया है. जिसमें कुल 9500 अंक में से 60 फीसदी यानी 5705 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस, 26 फीसदी यानी 2500 अंक सर्टिफिकेशन और 14 फीसदी यानी 1295 अंक मास मूवमेंट के लिए निर्धारित है. इसके अनुसार पहले आर रिड्यूस के अंतर्गत नगर परिषद क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रचलन ज्यों का त्यों बना हुआ है. सिंगल यूज प्लास्टिक के बदले जूट की थैली का उपयोग नहीं किया जा रहा. जिसके कारण बड़े नाले और छोटी नालियों में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक देखा जा सकता है. दूसरे आर अर्थात रिड्यूज को लेकर नगर परिषद की स्थिति कुछ अच्छी है. डोर-टू-डोर कचरा उठाव के बाद काली पहाड़ी से सटे डंपिंग यार्ड में ले जाकर गीले कचरे से कंपोस्ट खाद तैयार किया जाता है. जबकि घरेलू स्तर पर रीयूज के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसी प्रकार तीसरी आर अथवा री-सायकल को लेकर नगर परिषद जमालपुर द्वारा मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर अर्थात एमआरएफसी तैयार कर लिया गया है. जहां सूखा कचरा की छटनी की जाती है और उसे दोबारा री-सायकल के लिए भेजा जाता है. जिसका काम चालू है. वैसे शहर से उठने वाले कचरे को ट्रैक्टर की खुली ट्रॉली पर डंपिंग यार्ड तक पहुंचा जा रहा है. जो शहरवासियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

ड्रेनेज व सीवरेज सिस्टम ब्रिटिश कालीन

नगर परिषद जमालपुर क्षेत्र में नए सिरे से ड्रेनेज सिस्टम या सीवरेज सिस्टम ब्रिटिश कालीन नाले पर निर्भर है. सहायक लोग स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी सोनम राज ने बताया कि नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश पर नगर परिषद क्षेत्र में एसटीपी अर्थात सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर सर्वे का काम तो पूरा कर लिया गया. परंतु इस सर्वे के आधार पर नगर परिषद क्षेत्र में डीएवी पब्लिक स्कूल के समीप 70 गुना 70 मीटर और लक्ष्मणपुर इलाके में 50 गुना 50 मीटर की जमीन की जरूरत बताई गयी. जिसके लिए जमालपुर के अंचल अधिकारी को जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया परंतु अब तक इस मामले में उनके तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

स्वच्छता को लेकर कई चुनौतियां भी होगी सामने

नगर परिषद जमालपुर में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर कई चुनौतियां सामने है. शिक्षण संस्थान, विवाह भवन, व्यावसायिक कार्यालय, होटल एवं रेस्टोरेंट संचालक को खुद कचरे से खाद बनाने की मशीन लगानी है. जो जमालपुर में कहीं देखने को नहीं मिलेगा. सड़क किनारे दो कचरा पात्र रखना जरूरी है. परंतु यह भी इक्का-दुक्का जगह पर ही नजर आ रही है. नए निर्माण को लेकर निकलने वाले कचरा के निस्तारण का प्लांट नगर परिषद में अब तक नहीं है. सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पर प्रतिबंध रहने के बावजूद शहर में धड़ल्ले से इसका उपयोग हो रहा है. सब्जी मंडी से लेकर खिचड़ी फ़रोस की दुकान तक में प्लास्टिक के कैरी बैग का उपयोग किया जा रहा है. जिसके आधार पर नंबर कटना तय है.

कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी

कार्यपालक पदाधिकारी विजयशील गौतम ने कहा कि सूखे और गीले कचरे के प्रबंधन के लिए मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर प्लांट तैयार हो गया है. जहां कंपोस्ट खाद भी बनाया जा रहा है. शहर को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. शहर की सफाई की शिकायत के लिए बिजली पोल और सार्वजनिक स्थल पर मोबाइल नंबर जारी कर दिया गया है. शहर से कचरा पॉइंट को हटाकर वहां सेल्फी प्वाइंट बनाया जा रहा है. जबकि प्लास्टिक का उपयोग करने वाले के विरुद्ध अभियान चलाया गया है.

इन बिंदुओं पर सर्वेक्षण टीम करेगी समीक्षा

साफ सफाई की व्यवस्थाकचरा संग्रहण और अपशिष्ट प्रबंधनसामुदायिक शौचालय और टॉयलेटसफाई को लेकर शिकायत निवारण एप्स

शहर में ओडीएफ की स्थिति

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध की स्थिति

सरकारी भवनों और सार्वजनिक स्थल पर पान-गुटके के दाग

सीवरेज या ड्रेनेज सिस्टम की स्थिति

सिटीजन वॉइस में जन भागीदारी

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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