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भव्या एप के संचालन में सदर अस्पताल के कई चिकित्सक पीछे, सिविल सर्जन ने लगायी फटकार

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सिविल सर्जन ने लगायी फटकार

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मरीजों का कई चिकित्सक नहीं कर रहे ऑनलाइन कंसलल्ट, प्रतिनिधि, मुंगेर. सदर अस्पताल सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों के इलाज की सुविधा को पूरी तरह पेपरलेस बनाने के लिये सरकार द्वारा भव्या और आभा एप शुरू किया गया है. इसका संचालन सदर अस्पताल में अप्रैल माह से ही आरंभ हो चुका है. इसके लिये विभाग द्वारा चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, डाटा ऑपरेटर सहित अन्य सभी को प्रशिक्षण दिया गया है, लेकिन सदर अस्पताल के कई चिकित्सक भव्या एप संचालन में पीछे है. इसे लेकर हुए ऑनलाइन मासिक समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन ने ऐसे चिकित्सकों को जमकर फटकार लगायी है. साथ ही अगले समीक्षा तक भव्या एप पर उपलब्धि बढ़ाने का निर्देश दिया है. बता दें कि सदर अस्पताल सहित सभी अनुमंडल अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर अब मरीजों का आभा एप बनाया जा रहा है. इसकी मदद से ही मरीज बिना पर्ची कटाये अपना कहीं भी इलाज करा सकते हैं, जबकि अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में भव्या एप शुरू किया गया है. इसमें मरीज के आभा आईडी के अनुसार उनका मेडिकल डाटा अपलोड करना है. इसमें जहां स्वास्थ्यकर्मियों, जांच कर्मियों को मरीजों के सभी प्रकार के जांच को पोर्टल पर अपलोड करना है. वहीं चिकित्सकों को भी इस एप के माध्यम से ही मरीजों का इलाज और दवा प्रिसक्राइव करना है, लेकिन इसमें सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ रईस, डॉ किष्टो, डॉ मुकेश कुमार, डॉ के रंजन, डॉ हेमंत कपूर, डॉ ध्रुव कुमार, डॉ रौशन कुमार और डॉ पंकज सागर की उपलब्धि करीब शून्य है. वहीं डॉ निरंजन, डॉ निधि, डॉ आशीष, डॉ लोचनचंद्र पाठक, डॉ रूपेश कुमार, डॉ रफिक रजा, डॉ शशांक कुमार, डॉ पंकज सागर और डॉ आलोक रंजन की उपलब्धि 50 प्रतिशत से कम हैं.

डॉ रामप्रवेश, डॉ बीएन सिंह और डॉ अर्चना सहित कई का बेहतर प्रदर्शन

बताया गया कि भव्या एप पर मरीजों के ऑनलाइन कंसल्टेशन में सदर अस्पताल के कई चिकित्सकों का प्रदर्शन काफी बेहतर है. जिसमें डॉ अर्चना, डॉ असीम, डॉ रामप्रवेश, डॉ बीएन सिंह, डॉ अजय कुमार, डॉ स्मृति सिंह, डॉ स्वाति अटोलिया, डॉ अलका, डॉ पुतुल कुमारी, डॉ निर्मला गुप्ता और डॉ अजय कुमार शामिल है.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि भव्या एप पर मरीजों का ऑनलाइन कंसल्टेशन में कई चिकित्सकों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है. जिसे लेकर उसमें सुधार लाने का निर्देश दिया गया है, जबकि ऑनलाइन समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने के कारण दो चिकित्सक से स्पष्टीकरण पूछा गया है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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