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किसानों के लिए नजीर बने हैं रिटायर्ड फौजी राजेश

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एक ऐसे भी किसान हैं जो इस समय में सब्जी की बढ़ती महंगाई के बीच सब्जी के उत्पादन से लाखों की आमदनी कर रहे हैं.

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पीपराकोठी.एक तरफ किसान अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए काफी परेशान हैं. पारंपरिक खेती धान एवं गेहूं के उत्पादन से किसानों को अपने खर्च को निकलना कठिन है. सरकार भी इसके लिए प्रयासरत है. बावजूद किसान परेशान हैं. वहीं एक ऐसे भी किसान हैं जो इस समय में सब्जी की बढ़ती महंगाई के बीच सब्जी के उत्पादन से लाखों की आमदनी कर रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र के पड़ोलिया गांव निवासी तथा सेना से सेवानिवृत्त जवान अपनी सेवानिवृत्ति के बाद किसी दूसरी नौकरी या व्यवसाय के बजाय कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क किया और उन्होंने खेती के मार्ग को चुना. और उसमें भी धान गेहूं के बजाय उन्होंने मौसम के अनुसार सब्जी उत्पादन के मार्ग को चुना. आज स्थिति यह है कि सब्जी के बढ़ती महंगाई के बीच इस साल के अभी तक केवल कद्दू उत्पादन से लाखों की आमदनी कर लिया है. राजेश कुमार यादव बताते हैं की एक एकड़ में कद्दू, दस कट्ठा में बोडी, मूली व पालक तथा दो एकड़ में पपीता का उत्पादन कर रहा हूं. मेरे यहां जो भी उत्पादन होता है मैं बाजार नहीं जाता बल्कि व्यापारी मेरे खेतों में स्वयं आकर मेरे उत्पाद को ले जाते हैं. इससे दर्जनों लोगों को मेरे यहां रोजगार भी मिल रहा है. इस कार्य के सफलता में मेरे सैनिक भाई का भी सहयोग है तथा समय समय पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन मिलते रहता है. ये बताते हैं कि जिले के अन्य प्रखंडों के किसान तथा एग्रीकल्चर के छात्र छात्रा हमारे खेतों में आकर जानकारी लेते रहते हैं. और उन्हें यहां आकर खेती करने की प्रेरणा मिलती है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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