21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 06:55 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

स्कूलों में बनायी जायेगी एंटी चाइल्ड बुलिंग कमेटी

Advertisement

स्कूल जाने वाले बच्चे के सामने होमवर्क, अच्छे मार्क्स लाने और परीक्षा देने जैसी चुनौतियां ही नहीं होती. इनके अलावा और भी कई चीजें हैं जो बच्चे को परेशान कर सकती हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

मोतिहारी.स्कूल जाने वाले बच्चे के सामने होमवर्क, अच्छे मार्क्स लाने और परीक्षा देने जैसी चुनौतियां ही नहीं होती. इनके अलावा और भी कई चीजें हैं जो बच्चे को परेशान कर सकती हैं. होमवर्क, परीक्षा आदि तो सकारात्मक चुनौतियां हैं जो बच्चे के भविष्य को संवारने में मदद करती हैं लेकिन बुली से पीड़ित होने की स्थिति इसके उलट उसका वर्तमान और भविष्य दोनों बिगाड़ सकती है. रफ्तार से भरे दौर में जिस तेजी से संवेदनाएं खत्म हो रही हैं वहां बुली करने वाले लोग और ऐसी स्थितियां अब पहले से और अधिक बिगड़े स्वरूप में सामने आ रही हैं. शरीर के आकार, रंग-रूप, आर्थिक या पारिवारिक स्थिति, आदि जैसे कई पहलू हैं जिनको लेकर बच्चे को बुली किया जा सकता है. बुली करना यानी सामान्य भाषा में समझें तो किसी को परेशान करना, सताना, प्रताड़ना देना या दुर्व्यवहार करना. स्कूलों में आजकल इसकी घटनाएं बढ़ रही हैं और परेशान करने के तरीके पहले की तुलना में अधिक हिंसक होते जा रहे हैं. इसलिए जरूरी है कि अगर बच्चा इसका शिकार हो रहा है तो उसको समय पर मदद मिले.

बाल संरक्षण आयोग ने पॉक्सो एक्ट के तहत स्कूलों को जारी किया दिशा निर्देश

- Advertisement -

ऐसे में अब जिले के स्कूलों में एंटी चाइल्ड बुलिंग कमेटी बनेगी. इसके लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पॉक्सो एक्ट के तहत सभी स्कूलों को दिशा निर्देश जारी किया है. सभी स्कूलों को इसी वर्ष कमेटी बनानी है जो तीन स्तरों पर काम करेगी. पहला मोरल वैल्यू बताना. दूसरा अन्य बच्चों के साथ व्यवहार करना और तीसरा बुलिंग करने पर सजा मिलने की जानकारी देगी. इस कमेटी के तहत बुलिंग करने वाले बच्चों को सजा के तौर पर सेक्सन बदलना, डांटना, अभिभावक से शिकायत करना आदि का प्रावधान है. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में एंटी बुलिंग सेल का गठन के बाद इसकी जानकारी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को देनी है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मानें तो स्कूलों में 70 फीसदी किशोर बुलिंग के शिकार होते हैं. ऐसे बच्चे विभिन्न तरह के मानसिक तनाव में रहते हैं. इसका असर जीवनशैली के साथ शैक्षणिक माहौल पर होता है. वे डरे सहमे रहते हैं. उनके स्वभाव और व्यवहार दोनों में बदलाव हो जाता है. वे आम लोगों से कटने लगते हैं और उनका आत्मविश्वास भी कमजोर होने लगता है.

जिंदगियों में मशीनीकरण व वर्चुअल दुनिया की हुई है घुसपैठ

विभाग की माने तो जिस तेजी से हमारी जिंदगियों में मशीनीकरण और वर्चुअल दुनिया की घुसपैठ हुई है, उसी तेजी से लोगों में भावनाओं और संवेदनाओं के स्तर में भी कमी आई है. इसका सबसे बुरा पहलू छोटे बच्चों में बढ़ती हिंसक घटनाओं और उनके व्यवहार में आये नकारात्मक परिवर्तन के रूप में सामने आ रहा है. स्कूलों में छोटी सी किसी बात को लेकर बच्चों में मार-पीट और दुर्व्यवहार आम होते जा रहे हैं. इन पर विचार करने और ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें