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नीतीश कुमार को मल्लिकार्जुन खरगे ने किया फोन, I-N-D-I-A में कांग्रेस को लेकर जानिए क्यों गरम है सियासी चर्चा?

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने फोन किया और दोनों नेताओं की बातचीत हुई है. इंडिया गठबंधन की सक्रियता थमने की वजह सीएम नीतीश कुमार ने खुले मंच से बतायी थी जिसके बाद इसे लेकर सियासी बहस शुरू हुई थी. जानिए पूरा मामला..

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Political News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने फोन किया है. पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों हो रहे हैं और कांग्रेस इन चुनावों की तैयाारी में पूरी तरह लगी हुई है. इस बीच लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर भी सभी दलें अपनी-अपनी तैयारी कर रही है. विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को लेकर कहा जा सकता है कि पिछली बैठक के बाद गठबंधन की रफ्तार सुस्त पड़ी है. इसे लेकर इन दिनों सियासी बहस भी छिड़ी है और खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लेकर खुले मंच से चिंता जाहिर की है. जिसके बाद से अब इंडिया गठबंधन और कांग्रेस की चर्चा तेज है. कांग्रेस अध्यक्ष ने सीएम नीतीश कुमार को फोन किया, इसके पीछे की सियासी वजह भी समझिए..

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जदयू नेता केसी त्यागी का बयान..

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन किया और इंडिया गठबंधन को लेकर बातचीत की. दरअसल, इंडिया गठबंधन में अभी कांग्रेस को लेकर एक गरम मुद्दा छिड़ा हुआ है. जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने शुक्रवार को एक निजी टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा है कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की रणनीति में बदलाव हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के जनक हैं. अब से एक साल पहले हिसार में एक जनसभा में घोषणा की थी कि कांग्रेस पार्टी को साथ लिये बगैर कोई निर्णायक गठबंधन नहीं बन सकता. पटना में मुख्यमंत्री ने सफलता प्राप्त की. इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बगल में अरविंद केजरीवाल, दायीं तरफ ममता बनर्जी और बायीं तरफ अखिलेश यादव बैठे थे. तीसरे मोर्चे की संभावनाएं समाप्त हो गयी थीं. मुंबई के बाद लग रहा था कि गतिविधियां तेज होंगी. अफसोस है कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की रणनीति और कार्यनीति में कुछ ठहराव आया. पिछले कई महीनों से को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक भी नहीं हुई.

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राजद सांसद मनोज झा का बयान

वहीं राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि चिंता और दुख दो अलग शब्द हैं. चिंता को दुख मत बनाइये. चिंता सबकी यह है कि जो विकल्प हम देश के सामने रखना चाहते हैं, उसमें देर नहीं हो. मुख्यमंत्री का नाम लिये बिना मनोज झा ने कहा कि उन्होंने दोनों चीजें कहीं. कांग्रेस पांच राज्यों में चुनाव में व्यस्त है. उनकी चिंता इंडिया गठबंधन को लेकर उसे बेहतर करने को लेकर है. उनकी चिंता को दुख में तब्दील नहीं किया जाये.

पटना की रैली में कांग्रेस को लेकर सीएम नीतीश कुमार का बयान

दरअसल, पटना के मिलर हाई स्कूल के मैदान में बीते गुरुवार को वामदल भाकपा की ओर से एक रैली आयोजित की गयी. भाजपा के खिलाफ आयोजित इस रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आमंत्रित थे. सीएम इस रैली में शामिल हुए और जनसभा को संबोधित भी किए. उन्होंने अपने संबोधन में इंडिया गठबंधन की भी चर्चा की. विपक्षी दलों को एकजुट करने का उद्देश्य भी बताया था. इस दौरान सीएम ने कांग्रेस के रवैये को लेकर चिंता भी जाहिर की थी. अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की सक्रियता थमने के लिए इसके प्रमुख घटक कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी फिलहाल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त है, विपक्षी मोर्चे को आगे बढ़ाने की उसे चिंता नहीं है. रैली में सीएम ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस खुद सभी विपक्षी दलों को बुलायेगी. इस दौरान मंच पर भाकपा महासचिव डी राजा जैसे वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का विरोध करने वाले दल नया गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आये थे. पर हाल के दिनों में उस मोर्चे पर बहुत प्रगति नहीं हुई है. विधानसभा चुनावों के बाद इस पर फिर चर्चा होगी.

कांग्रेस की ओर से आया जवाब

दूसरी ओर, कांग्रेस ने सीएम नीतीश कुमार के बयान पर कहा कि उन्होंने कोई खराब बात नहीं की है. उनके कहने का यही मतलब है कि सभी विपक्षी दल मिलकर भाजपा को सत्ता से बाहर करें. पार्टी प्रवक्ता सैयद नासिर हुसैन ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव से छह महीने से पहले हो रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण हैं और कांग्रेस इनको गंभीरता से ले रही है. वहीं, बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि भाकपा की रैली में उन्होंने नीतीश जी का भाषण सुना. उनकी उत्कंठा यह है कि जल्दी से जल्दी मोदी सरकार को हटाया जाये. लेकिन केंद्र की मौजूदा सरकार को समय से हटाया जायेगा, जब चुनाव होगा. उनके कहने का मतलब यह था कि अभी कांग्रेस चुनाव में व्यस्त है और चुनाव के बाद कांग्रेस सबको बुलायेगी.

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