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जेबीएसवाई योजना में संस्थागत प्रसव के लिए 6.30 करोड़ का हुआ भुगतान

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सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है. ताकि शिशु व मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सके

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मधुबनी . सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है. ताकि शिशु व मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सके. संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए लाभार्थियों को जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. ताकि गर्भवती महिलाओं का रुझान संस्थागत प्रसव की ओर बढ़े. जिला स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिले के 26 स्वास्थ्य संस्थानों में जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव के 55 हजार 415 लाभार्थियों को 6 करोड़ 30 लाख 56 हजार रुपए का भुगतान किया गया. जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 44 हजार 445 लाभार्थियों को 6 करोड़ 22 लाख 27 हजार रुपए व शहरी क्षेत्र की 829 लाभार्थियों को 8 लाख 29 हजार रुपए का भुगतान किया गया है. वहीं 792 सिजेरियन प्रसव के लिए ओटी के सर्जन, एनेस्थेटिक, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 10 लाख 4 हजार रुपए का भुगतान किया गया है. सदर अस्पताल के लेखा कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 – 24 में 55 हजार 415 संस्थागत प्रसव हुआ. जिसमें 54 हजार 623 सामान्य प्रसव व 792 सिजेरियन प्रसव कराया गया. हालांकि वित्तीय वर्ष 2022-23 व 2023-24 में सी-सेक्शन प्रसव में 25 फीसदी से अधिक का अंतर रहा. वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां 1178 सिजेरियन प्रसव हुआ. वहीं 2023-24 में महज 792 सिजेरियन प्रसव हुआ. इसके अलावे सी-सेक्शन में 2022-23 में 35 लाख 34 हजार के एवज में सिजेरियन प्रसव के लिए 18 लाख 14 हजार 471 रुपए प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया. वहीं 2023-24 में महज 10 लाख 4 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि का ही भुगतान किया गया. जिला लेखा प्रबंधक अभिनय सिन्हा ने कहा कि आवंटन के अभाव में भुगतान नही किया गया है. लंबित भुगतान एवं बैकलॉग को समाप्त करने का निर्देश सभी लेखापाल को दिया गया है. सुरक्षित है संस्थागत प्रसव सिविल सर्जन डा. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा है कि संस्थागत प्रसव सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय है. अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कुशल चिकित्सक एवं प्रशिक्षित स्टाफ नर्स की देखरेख मे होता है. संस्थागत प्रसव का मुख्य उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर को रोकना है. संस्थागत प्रसव में किसी भी खतरे को समय रहते पहचाना जा सकता है. सरकार द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चलायी जा रही हैं. साथ ही संस्थागत प्रसव से संबंधित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान व जननी सुरक्षा योजना की जानकारी आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से चिन्हित गर्भवती महिलाओं व उनके परिजनों को दी जा रही है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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