मधुबनी. कमला, कोसी, बलान निस दिन झर झर गीत सुनावे रे सब देवता मिल फूल बरसावे, मोहर बंसी बजावे रे सीता बहीन छथि पाहुन राम, मंडन, अयाची राजा जनक के गाम स्वर्ग स सुंदर मिथिला धाम, मंडन अयाची राजा जनक के गाम ….. मिथिला का जब भी वर्णन होता है यहां के कोसी, कमला, बलान सहित अन्य नदियों के कल कल करते पानी, मछली, पान, मखान का वर्णन जरूर होता है. पर जिस कमला बलान नदी के कल – कल करते पानी को देख कर गीतकार व साहित्यकारों ने अपनी रचना की थी, आज परिदृश्य पूरी तरह से बदल चुका है. अब तो नाम मात्र को ये नदियां व तालाब रह गयी है. न तो कमला, बलान, कोसी में पानी की गीत सुनाई देती है न जीवछ व भूतही बलान की पानी से किसान अपने खेतों की सिंचाई कर पाते हैं. आज कमला, बलान खुद पानी को तरस रही हैं. भूतही बलान नदी में दूर – दूर तक रेत ही रेत नजर आ रहे जो गीतकारों व साहित्यकारों की रचना की मानो हंसी उड़ा रही है. अन्य छोटी मोटी नदियों के बीच धारा इन दिनों युवाओं व बच्चों के खेल के मैदान के रुप में काम आ रहा है. नदियों में पानी की बूंद तक नजर नहीं आ रही. साल दर साल स्थिति खराब हो रही है. बारिश नहीं होने का असर : नदियों में पानी नहीं रहने का सबसे अहम कारण सामान्य से कम बारिश होना बताया जा रहा है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता भी बताते हैं कि मधुबनी सहित नेपाल के तराई क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने के कारण नदियों में पानी नहीं है. यदि नेपाल में भी बारिश होती तो वहां की पानी सीधे सीधे मधुबनी जिले के नदियों में आ जाता. इसे रोका नहीं जा सकता. पर वहां भी बारिश कम हुई. पानी स्टोरेज कर रखने का अब तक कहीं पर साधन नहीं है. दूसरा कारण नदियों में जल जमाव नहीं होना है. सालों से नदियों की सफाई नहीं होने से नदियों में गाद भर गया है. हालांकि अब कई घाटों का बंदोबस्ती किये जाने की प्रक्रिया शुरु की गयी है. वर्षापात का आंकड़ा इस प्रकार है. माह सामान्य बारिश वास्तविक बारिश प्रतिशत में कम जून 213.6 58.6 – 73% जुलाई 333.6 198.6 – 40% अगस्त 293.9 286.0 – 13% सितंबर 238.6 124.3 – 48% नदियों में उड़ रहा धूल व गुबार आपदा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के विभिन्न भागों में छोटी बड़ी कुल 32 नदियां अब भी अस्तित्व में हैं. बीते कुछ साल पहले तक ये नदियां ही किसानों के सिंचाई, पशुओं के पीने व नहाने के लिये एक मात्र मुख्य जरिया था. पर वर्तमान में इन 32 नदियों में अधिकांश नदियों में दूर दूर तक पानी की बूंद तक नजर नहीं आ रही. बाढ़ के दौरान मिट्टी कटाव से बने मोइन तक सूखे पड़े हैं. नदियां गाद व बालू से पटा है. जिसमें अब धूल व गुबार उड़ रहे हैं. क्या कहते हैं अधिकारी इस बावत बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता संजय कुमार बताते हैं कि बैराज बनने के बाद इस समस्या से निदान मिल जायेगा. बरसात के दिनों में पानी स्टोरेज हो जाने के बाद इसे आवश्यकता अनुसार नदियों में लाया जा सकता है. नदियों में पानी नहीं होने का सबसे अहम कारण सामान्य से कम बारिश होना ही है. प्रखंड वार नदियों का नाम प्रखंड नदियां * मधवापुर : धौंस, रातो * बेनीपट्टी : बुधवन, धौंस, बछराजा, थुमहानी, जीवछ, अधवारा * हरलाखी : जमुनी * बिस्फी : धौंस, धनुषी, अधवारा * रहिका : जीवछ * पंडौल : कमला * कलुआही : जीवछ * खजौली : कमला, बलान, धौरी, सुगरबे * राजनगर : कमला * बाबूबरही : कमला, बलान, सुगरबे, झांखी * बासोपट्टी : बछराजा * जयनगर : बछराजा, गौरी, कमला * लदनियां : त्रिशुला, गागन, गौरी * झंझारपुर : कमला, बलान * लखनौर : कमला, बलान, गेहुमा, सुपेन * मधेपुर : कोसी, गेहुमा, बाथी, कमला * अंधराठाढ़ी : कमला, बलान, सुगरबे * फुलपरास : भूतही, बलान, गेहुमा, कनकनियां * खुटौना : सुगरबे, भूतही, बलान, बिहुल * घोघरडीहा : भूतही बलान * लौकही : तिलयुगा, पांची, घोरहद, बिहुल, खड़ग
BREAKING NEWS
Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.
Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.
Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement
कमला, कोसी, बलान में पानी नहीं, भूतही और जीवछ में उड़ रहे गुबार
Advertisement
आज कमला, बलान खुद पानी को तरस रही हैं. भूतही बलान नदी में दूर - दूर तक रेत ही रेत नजर आ रहे
ऑडियो सुनें
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition