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सदर अस्पताल में मरीजों का नहीं हो रहा सिटी स्कैन

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सदर अस्पताल में मरीजों का नहीं हो रहा सिटी स्कैन

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प्रतिनिधि, मधेपुरा सदर अस्पताल की हर समस्याओं से निजात दिलाने के लिए भले ही मॉडल नवनिर्माण के लिए अग्रसर है. बहुत हद तक मॉडल अस्पताल बन भी गया है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है. दरअसल सदर अस्पताल के हर विभाग में नियुक्ति का नहीं होना सबसे बड़ी समस्या है. हर विभाग में कर्मियों का अभाव है, जिससे सदर अस्पताल हर मामले में असफल साबित हो रहा है. बाहर से देखने में भले ही यह सदर अस्पताल बेहतर लगने लगा हो, लेकिन अंदर जाने के बाद अस्पताल के व्यवस्था की पोल खुल जाती है. सदर अस्पताल में डीएम से लेकर प्रशासनिक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का लगातार आना लगा रहता है. इसके बावजूद चिकित्सक व कर्मियों की कमी का समाधान नहीं हो पा रहा है.

सिटी स्कैन के लिए मरीजों को रोज किया जाता है रेफर

सदर अस्पताल में सिटी स्कैन की सुविधा नहीं है. सिटी स्कैन की सुविधा नहीं रहने के कारण मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है, जिससे गंभीर मरीजों को इलाज कराने में परेशानी होती है. बता दें कि सिटी स्कैन में न्यूनतम 5000 रुपये व अधिकतम डेढ़ लाख रुपये खर्च होते हैं. प्रतिमाह औसतन एक सौ से अधिक मरीजों को पीएमसीएच या डीएमसीएच रेफर किया जाता है. जब मरीजों को सदर अस्पताल से हायर सेंटर रेफर किया जाता है, तो अक्सर हायर सेंटर ले जाने के क्रम में रास्ते में ही मौत हो जाती है. लोगों का कहना है कि अगर सिटी स्कैन की सुविधा यहां होती तो गंभीर रूप से घायलों की जान बच सकती है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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