21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 07:43 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार में शराब की बोतलें जीविका दीदियों के लिए बनी आमदनी का साधन, जानिए कैसे हो रही कमाई

Advertisement

पायलट प्रोजेक्ट के तहत सबलपुर इकाई शुरू की गयी है. फिलहाल इन निर्मित चूड़ियों को जीविका दीदियों के जरिए ही ग्रामीण बाजार में बेचा जा रहा है. जीविका अधिकारियों की मानें तो मार्च के बाद उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बिहार में शराबबंदी के बाद मद्यनिषेध विभाग के लिए परेशानी का सबब बनी शराब की जब्त बोतलें अब जीविका दीदीयों के आय का साधन बन गयी हैं. जिन बोतलों के नष्ट किये जाने पर पहले जहां मिट्टी के प्रदूषण की परेशानी झेलनी पड़ती थी, अब उन नष्ट बोतलों की कांच से बनी रंग-बिरंगी चूड़ियां महिलाओं के हाथों में खनक रही हैं. यह बदलाव जीविका की तरफ से पटना जिले के सबलपुर क्षेत्र में लगाये गये चूड़ी निर्माण केंद्र से आया है. मार्च महीने तक इस निर्माण केंद्र को करीब 39 टन शराब की बोतलें मिली थीं, जिनसे करीब छह लाख चूड़ियों का निर्माण किया जा चुका है. इसके लिए खाली बोतलें मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने मुहैया करायी.

- Advertisement -

फिरोजाबाद के विशेष कारीगरों की ली जा रही सेवा

शराब की बोतलों की टूटी कांच से चूड़ियां बनाने के कार्य में करीब तीन दर्जन जीविका दीदियां लगी हैं. इसमें उनका सहयोग फिरोजाबाद से आये करीब एक दर्जन विशेषज्ञ कारीगर कर रहे हैं. फिरोजाबाद के कारीगरों की सबसे अधिक मदद चूड़ी निर्माण को स्थापित भट्ठी के संचालन में ही ली जा रही है. इस भट्ठी का संचालन एलपीजी से हो रहा है. भट्ठी को जलाने के लिए 435 किग्रा का एलपीजी सिलेंडर इंस्टाल किया गया है. इसमें ही कांच की बोतलों को गला कर तरल रूप दिया जाता है, जिसके बाद उससे मनचाहे आकार की चूड़ियां बनायी जाती हैं.

फिलहाल ग्रामीण बाजार में बिक रही रही चूड़ियां

मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत सबलपुर इकाई शुरू की गयी है. फिलहाल इन निर्मित चूड़ियों को जीविका दीदियों के जरिए ही ग्रामीण बाजार में बेचा जा रहा है. जीविका अधिकारियों की मानें तो मार्च के बाद उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद है.

मुजफ्फरपुर से मिली सबसे अधिक खाली बोतलें

अधिकारियों के मुताबिक चूड़ी निर्माण के लिए सबसे अधिक 22,723 किलोग्राम शराब की बोतल मुजफ्फरपुर जिले से मिली हैं. इसके अलावा विक्रमगंज से चार हजार किग्रा से अधिक, जबकि वैशाली से 3600 किग्रा से अधिक कांच की बोतलें मिली हैं. पटना से 1200 किलोग्राम कांच की बोतलें उपलब्ध करायी गयी है.

Also Read: Bihar Tourism : बिहार के सभी पर्यटन स्थलों को परिवहन सेवा से जोड़ा जाएगा, जिलों से मांगी गई जानकारी
कहां से कितनी मिली खाली बोतलें

  • जिला – बोतलें (किग्रा)

  • मुजफ्फरपुर – 22,723

  • विक्रमगंज – 4081

  • वैशाली – 3628

  • पूर्वी चंपारण – 2413

  • मधेपुरा – 1765

  • पटना – 1200

  • कैमूर – 200

  • खगडिया – 190

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें