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Buxar: बक्सर मुफस्सिल थाना के महदह गांव के रहने वाले अनिल कुमार सिंह ने डीआईजी बनकर एक बार फिर जिले के नाम को रोशन किया है.

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Buxar: बक्सर मुफस्सिल थाना के महदह गांव की रहने वाली दीक्षा सिंह द्वारा अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में मेडल प्राप्त कर विश्व के मानचित्र पर बक्सर का नाम अंकित करने के बाद एक बार फिर महदह गांव चर्चा में है. बताते चले की इसी गांव के रहने वाले अनिल कुमार सिंह ने डीआईजी के पद को प्राप्त कर एक बार फिर जिले के नाम को रोशन किया है. डीआइजी बनने के बाद उनके जिम्मे पूरे बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है.

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नक्सलियों के खिलाफ किए कई सफल ऑपरेशन 

वर्ष 1979 में महदह गांव के रहने वाले भगवती प्रसाद सिंह के दूसरे बेटे के रूप में अनिल कुमार सिंह का जन्म हुआ था. उनके पिता प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे. जिन्होंने अपने पुत्रों की शिक्षा पर काफी ध्यान दिया. विलक्षण प्रतिभा के धनी अनिल का चयन सीमा सुरक्षा बल में किया गया जहां जान हथेली पर लेकर उन्होंने सफलतापूर्वक कई सफल ऑपरेशन किये. वह मध्य प्रदेश के नक्सली इलाके में पदस्थापित थे. जहां उन्हें पदोन्नति करते हुए डीआईजी बनाकर बांग्लादेश के सीमा की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है. 

मिट्टी की याद सताती है: अनिल सिंह

उन्होंने बताया कि बक्सर की जमीन काफी उर्वर है जहां शिक्षा, खेल, राष्ट्र सेवा एवं प्रशासन के अलावे सभी क्षेत्रों में छात्र न सिर्फ सफल हो सकते हैं बल्कि पूरे विश्व में अपना परचम लहरा सकते हैं. उन्होंने बताया कि पहले की अपेक्षा छात्रों में जागरूकता बढ़ी है तथा वे अपनी जिम्मेदारियों को समझ रहे हैं जरूरत है सिर्फ उन्हें सही दिशा निर्देशन की. बक्सर पर विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि बचपन में वे महदह गांव से क्रिकेट का मैच खेलने के लिए नदाव जाया करते थे. हर पर्व त्यौहार में ग्रामीण परिवेश में लोगों के साथ समय बिताना उन्हें काफी पसंद है तथा यहां की मिट्टी की याद उन्हें सताती रहती है. देश सेवा में समर्पित होने बावजूद भी निरंतर गांव आया-जाया करते हैं. 

 रिटायरमेंट के बाद खोलेंगे ट्रेनिंग सेंटर

उन्होंने बताया कि जिस तरह उत्तर प्रदेश के गहमर गांव के लोग सेना में समर्पित होकर एक कीर्तिमान बनाएं है, वैसा ही इच्छा और उद्देश्य उनके दिल में है जहां रिटायरमेंट के बाद बक्सर जिले के छात्रों के लिए एक ऐसा ट्रेनिंग सेंटर बनना चाहेंगे जहां से सेना के सभी अंगों के लिए छात्र छात्राओं को तैयार किया जा सके.

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