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पुण्यतिथि पर याद किये गये पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम

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प्रखंड अंतर्गत टाल क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय फदरपुर में देश के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न, मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की नौंवी पुण्यतिथि मनायी गयी.

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बड़हिया . प्रखंड अंतर्गत टाल क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय फदरपुर में देश के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न, मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की नौंवी पुण्यतिथि मनायी गयी. इस अवसर पर कक्षा छह के 20 छात्र-छात्राओं के बीच संस्कृत शिक्षक पीयूष कुमार झा के सौजन्य से कलम का वितरण किया गया. प्रधानाध्यापक अजय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित पुण्यतिथि कार्यक्रम में सबसे पहले पूर्व राष्ट्रपति के तैल्य चित्र पर छात्रों व शिक्षकों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया. इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए संस्कृत शिक्षक पीयूष कुमार झा ने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में हुआ था. इनका बचपन काफी संघर्षपूर्ण रहा. उन्होंने बचपन में अपनी पढ़ाई के लिए अखबार बेचने का भी काम किया, परंतु लक्ष्य के प्रति जागरूक रहे. इन्होंने भारतीय रक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में अपना योगदान दिया तथा बैलिस्टिक मिसाइल का आविष्कार किया. इनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों के कारण ही इन्हें 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण तथा 1997 में देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से विभूषित किया गया. उन्होंने भारतीय गणराज्य के 11वें राष्ट्रपति के रूप में 2002 से 2007 तक अपनी सेवा देश को दिया. वे युवाओं एवं छात्रों के हमेशा प्रेरणास्रोत रहे. इन्होंने युवाओं को आह्वान करते हुए कहा था कि ‘छोटा लक्ष्य रखना पाप है’ तथा हमेशा स्वप्न खुली आंखों से देखो ताकि तुम उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तत्पर रहो. उन्होंने अपने आप को पूर्व राष्ट्रपति के बजाय शिक्षक कहलाना अधिक पसंद किया. उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को शिलांग में एक व्याख्यान देते वक्त हृदयाघात से हो गयी. मौके पर शिक्षक मुकेश कुमार दास, जितेंद्र कुमार, प्रीति कुमारी महतो, रविशंकर कुमार सहित बाल संसद के सभी सदस्य उपस्थित थे. कार्यक्रम का समापन वंदेमातरम के सामूहिक गान से हुआ.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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