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घर में शराब रख दंपती को फंसाने के मामले का डीएम करेंगे जांच

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किऊल थाना क्षेत्र के वृंदावन गांव में छोटू राम और उसकी पत्नी सविता देवी के घर में शराब रखकर उत्पाद पुलिस द्वारा फंसाये जाने के मामले की जांच डीएम करेंगे.

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लखीसराय. जिले के किऊल थाना क्षेत्र के वृंदावन गांव में छोटू राम और उसकी पत्नी सविता देवी के घर में शराब रखकर उत्पाद पुलिस द्वारा फंसाये जाने के मामले की जांच डीएम करेंगे. इसके लिए उत्पाद न्यायालय द्वितीय ने डीएम से एक सप्ताह के अंदर जांच प्रतिवेदन समर्पित किये जाने का निर्देश दिया है. अधिवक्ता रजनीश कुमार व राखी कुमारी ने पीड़िता सविता देवी का पक्ष रखते हुए न्यायालय को बताया कि 17 अगस्त की संध्या उत्पाद पुलिस अपने संरक्षित शराब तस्कर के मेल व प्रभाव में किऊल रेल स्टेशन पर कार्यरत निबंधित कुली छोटू राम और उसकी पत्नी सविता देवी के घर खुद शराब रखकर सविता देवी के साथ अभद्र और अपमानजनक व्यवहार कर हिरासत में लेकर जेल भेज दिया. जिसका सीसीटीवी फुटेज विधिवत रूप से न्यायालय के अवलोकनार्थ जमा किया गया. अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उत्पाद पुलिस अधिकारी सह मुकदमा का सूचक और अन्वेषक द्वारा न्यायालय में समर्पित कारणपृच्छा न्यायालय को भ्रमित करने वाला है व सही तथ्यों को छिपा कर दिया गया, जिससे पीड़िता के लगाये आरोप को बल मिलता है. उत्पाद अधिकारी का पक्ष उत्पाद अधिवक्ता रामानंद ठाकुर ने रखा. इस संबंध में अधिवक्ता रजनीश कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने बिहार सरकार मुख्य सचिव के पत्रांक संख्या. 4/बि.1- 10 -75 – 2016 गृ.आ. 8303 दिनांक 18.10.2016 के आलोक में डीएम से पीड़िता के शिकायत के आलोक में उचित जांच कर सात दिनों के अंदर जांच प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करने की बात कही. वहीं उत्पाद निरीक्षक सह थानाध्यक्ष द्वारा स्पष्टीकरण नहीं दिये जाने पर न्यायालय ने पुनः सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है. न्यायालय आदेश के आलोक में उत्पाद थाना लखीसराय कांड संख्या- 736सी 2/24 का सूचक और अन्वेषक ने पत्रांक 846/म.नि. लखीसराय 28 अगस्त के माध्यम से 29 अगस्त को न्यायालय में समर्पित किया. इधर, बचाव पक्ष ने अपने स्पष्टीकरण में परिवादी सह पीड़िता पर निराधार और झूठा आरोप लगाने की बात कही है. जिले के किऊल थाना क्षेत्र के वृंदावन गांव में छोटू राम और उसकी पत्नी सविता देवी के घर में शराब रखकर उत्पाद पुलिस द्वारा फंसाये जाने के मामले की जांच डीएम करेंगे.इसके लिए उत्पाद न्यायालय द्वितीय ने डीएम से एक सप्ताह के अंदर जांच प्रतिवेदन समर्पित किये जाने का निर्देश दिया है. अधिवक्ता रजनीश कुमार व राखी कुमारी ने पीड़िता सविता देवी का पक्ष रखते हुए न्यायालय को बताया कि 17 अगस्त की संध्या उत्पाद पुलिस अपने संरक्षित शराब तस्कर के मेल व प्रभाव में किऊल रेल स्टेशन पर कार्यरत निबंधित कुली छोटू राम और उसकी पत्नी सविता देवी के घर खुद शराब रखकर सविता देवी के साथ अभद्र और अपमानजनक व्यवहार कर हिरासत में लेकर जेल भेज दिया. जिसका सीसीटीवी फुटेज विधिवत रूप से न्यायालय के अवलोकनार्थ जमा किया गया. अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उत्पाद पुलिस अधिकारी सह मुकदमा का सूचक और अन्वेषक द्वारा न्यायालय में समर्पित कारणपृच्छा न्यायालय को भ्रमित करने वाला है व सही तथ्यों को छिपा कर दिया गया, जिससे पीड़िता के लगाये आरोप को बल मिलता है. उत्पाद अधिकारी का पक्ष उत्पाद अधिवक्ता रामानंद ठाकुर ने रखा. इस संबंध में अधिवक्ता रजनीश कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने बिहार सरकार मुख्य सचिव के पत्रांक संख्या. 4/बि.1- 10 -75 – 2016 गृ.आ. 8303 दिनांक 18.10.2016 के आलोक में डीएम से पीड़िता के शिकायत के आलोक में उचित जांच कर सात दिनों के अंदर जांच प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करने की बात कही. वहीं उत्पाद निरीक्षक सह थानाध्यक्ष द्वारा स्पष्टीकरण नहीं दिये जाने पर न्यायालय ने पुनः सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है. न्यायालय आदेश के आलोक में उत्पाद थाना लखीसराय कांड संख्या- 736सी 2/24 का सूचक और अन्वेषक ने पत्रांक 846/म.नि. लखीसराय 28 अगस्त के माध्यम से 29 अगस्त को न्यायालय में समर्पित किया. इधर, बचाव पक्ष ने अपने स्पष्टीकरण में परिवादी सह पीड़िता पर निराधार और झूठा आरोप लगाने की बात कही है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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