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बिहार: लाखों बच्चों के लिए चलेगी विशेष कक्षा, इन छात्रों की होगी अलग परीक्षा, जानिए कैसा होगा कक्षा का कैलेंडर

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Bihar Board: बिहार में लाखों बच्चों के लिए विशेष कक्षा का संचालन किया जाएगा. इन छात्र व छात्राओं की अलग से परीक्षा भी होगी. इनकी परीक्षा को लेकर कैलेंडर भी जारी किया जाएगा.

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Bihar Board: बिहार में लाखों बच्चों के लिए विशेष कक्षा का संचालन होगा. इन छात्र व छात्राओं की अलग से परीक्षा भी ली जाएगी. इनकी परीक्षा को लेकर कैलेंडर भी जारी होगा. राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कमजोर बच्चों के लिए एक दिसंबर से विशेष दक्ष क्लास आयोजित की जायेगी. इन बच्चों को विशेष कक्षा के तहत वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण कराने का निर्णय लिया गया है. वार्षिक परीक्षा के बाद भी दक्ष क्लास में शामिल बच्चों की अलग से परीक्षा लेकर उनके पढ़ाई का स्तर जांचा जायेगा. परीक्षा के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त की जायेगी कि दक्ष क्लास से बच्चों को कितना फायदा हुआ है. शैक्षणिक सत्र 2023- 24 की वार्षिक परीक्षा 20 मार्च 2024 से 31 मार्च 2024 के बीच आयोजित की जायेगी. वार्षिक परीक्षा के बाद अप्रैल महीने में होने वाली गर्मी की छुट्टियों में जिला स्तर पर दक्ष क्लास में शामिल बच्चों की परीक्षा ली जायेगी. यह परीक्षा जिले के डायट, बायट, पीटीइसी और सीटीइ में रखी जायेगी.

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चयनित सभी बच्चों को परीक्षा में भाग लेना अनिवार्य

परीक्षा का प्रश्न पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी भी इन्ही संस्थानों को दी गयी है. दक्ष परीक्षा की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी एससीइआरटी को भी दी गयी है. परीक्षा में स्कूलों की ओर से चयनित सभी बच्चों को भाग लेना अनिवार्य होगा. पटना पढ़ाई में बेहद कमजोर सरकारी स्कूलों के कक्षा तीन आठ तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षाएं लगायी जायेंगी. यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी. यह कक्षाएं विद्यालय गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जायेंगी.

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अधिकतम पांच बच्चों को पढ़ाना अनिवार्य

विशेष कक्षाएं मिशन दक्ष के रूप में संचालित की जायेगी. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को जरूरी पत्र लिखा है. अपर मुख्य सचिव पाठक ने कहा कि यह समूची कवायद एक दिसंबर से प्रारंभ की जायेगी. इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है, जिसमें मिशन दक्ष के संचालन के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं. अपर मुख्य सचिव पाठक ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे. इससे अधिक नहीं. शिक्षकों को इतने बच्चे एडोप्ट करने होंगे. इन शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि बच्चों को उस कक्षा का स्तरीय ज्ञान दें , जिस में उनका नामांकन कराया गया है. दरअसल कमजोर बच्चों से आशय ऐसे विद्यार्थियों से है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं.

प्रधानाध्यापक और शिक्षकों पर हो सकती है कार्रवाई

अपर मुख्य सचिव पाठक ने यह व्यवस्था दी है कि मिशन दक्ष में माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की अहम भूमिका होगी. कहा है कि सभी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की हाजिरी दैनिक रूप में लगेगी, लेकिन यह ध्यान रखा जायेगा कि इस दौरान उन्होंने कितनी कक्षाएं ली हैं. अगर मिशन दक्ष की कक्षा मिला कर यह शिक्षक छह घंटिया नहीं पढ़ाते हैं तो यह माना जायेगा कि वह विद्यालय में केवल सशरीर उपस्थित थे. लिहाजा उस दिन का वेतन भुगतान नहीं किया जायेगा. अपर मुख्य सचिव पाठक ने जिला पदाधिकारियों को बताया है कि अप्रैल 2024 में 25 लाख बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जायेगी. यदि उस परीक्षा में यह बच्चे फेल होते हैं तो संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों पर विभागीय कार्यवाही की जायेगी. इस पूरी कवायद का जिम्मा जिला पदाधिकारियों को सौंपा गया है.

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एक अप्रैल से अगले साल 15 मार्च तक चलेंगी कक्षाएं

माध्यमिक शिक्षकों को नियमित रूप से अपने विद्यालय के पोषक क्षेत्र के दायरे में आने वाले प्राइमरी स्कूलों में एकेडमिक सपोर्ट देना होगा. जिला पदाधिकारियों से कहा गया है कि वह माध्यमिक शिक्षकों से यह सुनिश्चित करायें कि वह रोजाना कम से कम छह कक्षाएं जरूर लें. उल्लेखनीय है कि राज्य के स्कूलों में कुल शिक्षकों की संख्या पांच लाख हो गयी है. विशेष कक्षाओं की कैलेंडर की बात करेंतो शैक्षणिक सत्र 2023- 24 के लिए एक दिसंबर से 15 मार्च तक चलेगा और अकादमिक सत्र 2024- 25 के लिए यह कक्षाएं एक अप्रैल से अगले साल 15 मार्च तक चलेंगी.

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