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जिले के हर गर्भवती महिला को सुरक्षित प्रसव की सुविधा करें प्रदान: डीएम

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जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने को लेकर आवश्यक पहल लगातार की जा रही है.

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सभी स्वास्थ्य कर्मियों को शत-प्रतिशत कार्य करने की जरूरत

जिलापदाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में दिये कई आवश्यक निर्देश

किशनगंज.स्वास्थ्य सेवाओं को जनसाधारण तक पहुंचाने में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का महत्वपूर्ण योगदान होता है. वे स्वास्थ्य योजनाओं को लागू करने, जागरूकता लाने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों का उद्देश्य आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना होता है. जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने को लेकर आवश्यक पहल लगातार की जा रही है. जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर विशेष मुहिम को ज्यादा कारगर व असरदार माना जा रहा है.

मातृ-शिशु सेवाओं की बेहतरी को लेकर जिले में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ रूप से मुहैया करने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है. इसीलिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में लगातार स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया जा रहा है. नियमित रूप से सभी स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण भी जिलाधिकारी स्वयं कर रहे है. जिला सभागार में डीएम विशाल राज की अध्यक्षता में स्वास्थ्य योजनाओं की सफलता की रणनीति से जुड़ी उपलब्धियों की समीक्षा की गयी.

उन्होंने कहा स्वास्थ्य का महत्व अनमोल है; यह जीवन की गुणवत्ता और समृद्धि का आधार है. एक स्वस्थ व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से सक्षम होता है, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी संतुलित रहता है. स्वस्थ रहने का उद्देश्य केवल बीमारियों से बचना नहीं, बल्कि जीवन का आनंद लेना और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना है. इस संदर्भ में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है.

बैठक में सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ,सीडीओ डॉ मंजर आलम ,डीपीएम् डॉ मुनाजिम, डीडीए सुमन सिन्हा, डब्लूएचओ के एसएम्ओ डॉ प्रीतम,अश्वनी कुमार पिरामल फाउंडेशन एवं सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे.

जिले के हर गर्भवती महिला को सुरक्षित प्रसव की सुविधा करें प्रदान

डीएम ने बताया कि हमारे उद्देश्य का पहला कदम है कि हम हर गर्भवती महिला को सुरक्षित प्रसव की सुविधा प्रदान कर सकें. इसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रशिक्षित होना अनिवार्य है ताकि वे ग्रामीण महिलाओं को समय पर सही परामर्श और चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकें.अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्यकर्मियों का इस कार्यक्रम में अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है. गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रखंड और जिला स्तर पर कॉल सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है. इससे गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं का ट्रैक रखा जायेगा. उन्हें समय पर उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जायेंगी. यह ट्रैकिंग संबंधित आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा की जायेगी, जो गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की निगरानी करेंगी.

जिले के सभी पंचायतों को गृह प्रसव से मुक्त करने का दिया निर्देश

जिला पदाधिकारी के द्वारा बैठक में सभी स्वास्थ्य अधिकारियो जिले के सभी पंचायतों को गृह प्रसव से मुक्त करने का आदेश दिया गया. इस कदम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना और मातृ मृत्यु दर को कम करना है. जिले के बहादुरगंज, दिघलबैंक और टेढ़ागाद प्रखंडों में 40 प्रतिशत से अधिक गृह प्रसव एचएमआईएस रिपोर्ट में दर्ज हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया.जिले में गृह प्रसव को समाप्त करने की दिशा में उठाए गए इन महत्वपूर्ण कदमों से ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिलेगी. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के इस संयुक्त प्रयास से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलेगी. आने वाले समय में, इस प्रकार की पहल से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और प्रभावशाली बनाई जा सकेगी. स्वास्थ्य का उद्देश्य केवल बीमारियों का इलाज नहीं, बल्कि सम्पूर्ण समाज की समृद्धि और खुशहाली है, और इसके लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका अनिवार्य है.

सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रसव केन्द्रों में सुनिश्चित करायें निर्धारित रोस्टर का अनुपालन

जिलाधिकरी के द्वारा सिविल सर्जन एवं जिला स्तरीय पदाधिकारी को लगातार क्षेत्र भ्रमण के दौरान विभिन्न अस्पतालों के संचालन से जुड़ी खामियों को इंगित करते हुए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसमें सुधार को लेकर कड़े निर्देश देने का निर्देश दिया गया है|जिले के सभी प्रसव केंद्रों में दो दिनों के अंदर प्रसव कक्ष में टॉयज रूम ,टॉयलेट और फिक्स रोस्टर का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा, प्रखंड स्तर पर संबंधित पंचायतों की सभी आशा फैसिलिटेटर, एएनएम और सीएचओ का उन्मुखीकरण और उपयुक्त भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी.

उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में निर्धारित रोस्टर का अनुपालन सख्तीपूर्वक सुनिश्चित करायी जाये. वेलनेस सेंटर पर ओपीडी सेवाओं को ज्यादा कारगर व प्रभावी बनाया जाए . उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निवर्हन नहीं करने वाले चिकित्सक व कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए .

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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