19.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 10:05 pm
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

आठ दिनों तक चलने वाला पर्युषण पर्व संवत्सरी के साथ हुआ सम्पन्न

Advertisement

.महापर्व के रूप में मनाया जाने वाला पर्युषण पर्व सम्पन्न हो गया है.रविवार को संवत्सरी और सोमवार को मैत्री दिवस मनाकर पर्युषण पर्व का समापन हो गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

किशनगंज.महापर्व के रूप में मनाया जाने वाला पर्युषण पर्व सम्पन्न हो गया है.रविवार को संवत्सरी और सोमवार को मैत्री दिवस मनाकर पर्युषण पर्व का समापन हो गया है.पूरबपाली स्थित तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमणजी के दिशा निर्देश पर उपासक द्वय सुशील कुमार बाफना और सुमेरमल बैद के सानिध्य में आठ दिनों तक पर्युषण पर्व मनाया गया।आपको बता दें कि पर्युषण पर्व का प्रथम दिन खाद्य संयम दिवस,दूसरा दिन स्वाध्याय, दिवस जैन पर्युषण पर्व का तीसरा दिन सामयिक दिवस, चौथा दिन वाणी संयम दिवस,पांचवा दिन अणुव्रत चेतना दिवस पर्युषण पर्व का छठा दिन जप दिवस,सातवां दिन ध्यान दिवस के रूप में मनाया गया. पर्युषण पर्व का अंतिम दिवस संवत्सरी,मैत्री दिवस और क्षमापना दिवस के रूप में मनाया जाता है.उपासक द्वय ने बताया कि पर्युषण पर्व के सातवें दिन सूर्यास्त के बाद और नवें दिन सूर्योदय से पूर्व तक(36 घण्टे) निराहार रहकर संवत्सरी मनाया जाता है.यह जैन का महापर्व है.निराहार रहकर भी श्रावक समाज इसे उल्लासपूर्वक मनाता है.उपवास करने की विधि का युगों से लोग प्रयोग कर रहे हैं.राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी उपवास करते थे और साथ ही सभी को इसके लिए प्रेरणा देते थे.उपवास की क्रिया से शरीर को आराम मिलता है और उपवास के बाद शरीर मे नई ऊर्जा का संचार होता है.कई रोगों के निवारण में उपवास की महत्ता है।उपवास की समाप्ति के बाद सभी एक दूसरे से आपस मे क्षमा मांगते हैं.मन से वचन से और कर्म से हुई त्रुटियों को स्वीकार कर क्षमा मांगना ही पर्युषण पर्व का सार है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें