प्रतिनिधि, गोगरी अनुमंडल क्षेत्र सहित जिले में आगामी 15 जुलाई तक विवाह की शहनाई बजेगी. उसके बाद 17 जुलाई से चतुर्मास प्रारंभ होने के कारण लगातार चार माह तक मांगलिक कार्य पर ब्रेक लग जायेगा. इसको लेकर शहर के अधिकांश होटल, बैंक्वेट हॉल, विवाह भवन की लोगों ने बुकिंग कराई है. लगातार लग्न मुहूर्त को लेकर टेंट संचालक, बैंड बाजे, बग्घी वाले व मरवा, स्टेज, गाड़ी व पंडाल सजाने वालों की मांग बढ़ गयी है. जमालपुर के एक विवाह भवन के प्रबंधक मनोज गुप्ता ने बताया कि लोग अपनी सुविधा को देखते हुए विवाह भवन से शादी करना पसंद कर रहे हैं. उन्हें एक रात का खर्च डेढ़ लाख लगता है. इसमें पंडाल, हॉल, स्टेज की सजावट, कुर्सी व रोशनी की व्यवस्था भवन करता है. उन्हें केवल भोजन की व्यवस्था होती है. आचार्य शुभम सावर्ण ने बताया कि इस वर्ष 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद से चातुर्मास शुरू हो जायेगा. इसके साथ ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्य भी बंद हो जायेंगे. 12 नवंबर को देव उठनी एकादशी से फिर से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जायेगी. इस वर्ष 14 दिसंबर तक शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. अगस्त से अक्टूबर तक नहीं है शादी की मुहूर्त आचार्य ने बताया कि इस वर्ष अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है. इसलिए इन तीन महीनों में सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं होंगे. नवंबर में देव उठनी एकादशी (12 नवंबर) के साथ ही मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे. जबकि 14 दिसंबर तक चलेंगे. पंचांग के अनुसार, नवंबर के महीने में विवाह के 07 और दिसंबर में 08, अगव शुभ मुहूर्त हैं. इस बार वर्ष के अंत में मांगलिक कार लेख के लिए शुभ मुहूर्त बहुत कम रहेंगे. 14 दिसंबर के बा इस वर्ष कोई शुभ मुहूर्त नहीं है.
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