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मुख्य मार्गों को कवच 4.0 से लैस करेगा रेलवे

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कटिहार. पूर्वोत्तर सीमा रेलवे पर कवच के क्रियान्वयन के लिए कटिहार रेल मंडल के मालदा टाउन से डिब्रूगढ़ तक लगभग 1966 किमी लंबे मार्ग की पहचान की गयी है. 2024-25 में रेलवे ने 30,000 आरकेएम से अधिक मार्ग पर कवच प्रणाली के स्थापना कार्य को मंजूरी दी है. इनमें से 14,375 के लिए बोलियां आमंत्रित की गयी है. रेलवे ने 2025-26 में अतिरिक्त 17,000 आरकेएम और 2026-28 में 30,000 आरकेएम के लिए बोलियां आमंत्रित करने की भी योजना बनायी है. 10 हजार इंजनों व 14,375 रूट किलोमीटर से अधिक रेल पटरियों पर अत्याधुनिक कवच लगेगा

रेलवे देश भर में 10,000 इंजनों और 14,375 रूट किलोमीटर आरकेएम से अधिक रेल पटरियों पर अत्याधुनिक कवच 4.0 स्वचालित ट्रेन संरक्षा प्रणाली लगाने के लिए तेजी से कार्य कर रही है. कवच प्रणाली की स्थापना के लिए निविदाएं पहले ही आमंत्रित की गयी है. कुल 14,735 आरकेएम में से 1,105 आरकेएम पर कवच लगाने के लिए बोलियां खोली गयी है. शेष के लिए बोलियां नवंबर के अंत तक खोली जानी है. इसके अतिरिक्त रेलवे ने 10,000 इंजनों पर कवच सिस्टम की स्थापना के लिए निविदाएं आमंत्रित की है. वर्तमान में वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है. इसके अलावा, उन सभी इंजनों, जहां कवच के निचले संस्करण स्थापित किए गए थे. उन्हें अपग्रेडेड कवच 4.0 के साथ प्रतिस्थापित किया जायेगा. ट्रेन परिचालन में संरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए रेलवे 2030 तक अपने नेटवर्क के लगभग सभी मुख्य मार्गों पर कवच के तेजी से रोल आउट की योजना बना रही है.

कहते हैं अधिकारी

रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कवच 4.0 की शुरुआत करके रेल यात्रियों के लिए रेल यात्रा को और भी अधिक सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह कदम देश के रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने और उसके संरक्षा उपायों को बढ़ावा देने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है.

कपिंजल किशोर शर्मा, मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी एनएफ रेलवे

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

कटिहार. पूर्वोत्तर सीमा रेलवे पर कवच के क्रियान्वयन के लिए कटिहार रेल मंडल के मालदा टाउन से डिब्रूगढ़ तक लगभग 1966 किमी लंबे मार्ग की पहचान की गयी है. 2024-25 में रेलवे ने 30,000 आरकेएम से अधिक मार्ग पर कवच प्रणाली के स्थापना कार्य को मंजूरी दी है. इनमें से 14,375 के लिए बोलियां आमंत्रित की गयी है. रेलवे ने 2025-26 में अतिरिक्त 17,000 आरकेएम और 2026-28 में 30,000 आरकेएम के लिए बोलियां आमंत्रित करने की भी योजना बनायी है. 10 हजार इंजनों व 14,375 रूट किलोमीटर से अधिक रेल पटरियों पर अत्याधुनिक कवच लगेगा

रेलवे देश भर में 10,000 इंजनों और 14,375 रूट किलोमीटर आरकेएम से अधिक रेल पटरियों पर अत्याधुनिक कवच 4.0 स्वचालित ट्रेन संरक्षा प्रणाली लगाने के लिए तेजी से कार्य कर रही है. कवच प्रणाली की स्थापना के लिए निविदाएं पहले ही आमंत्रित की गयी है. कुल 14,735 आरकेएम में से 1,105 आरकेएम पर कवच लगाने के लिए बोलियां खोली गयी है. शेष के लिए बोलियां नवंबर के अंत तक खोली जानी है. इसके अतिरिक्त रेलवे ने 10,000 इंजनों पर कवच सिस्टम की स्थापना के लिए निविदाएं आमंत्रित की है. वर्तमान में वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है. इसके अलावा, उन सभी इंजनों, जहां कवच के निचले संस्करण स्थापित किए गए थे. उन्हें अपग्रेडेड कवच 4.0 के साथ प्रतिस्थापित किया जायेगा. ट्रेन परिचालन में संरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए रेलवे 2030 तक अपने नेटवर्क के लगभग सभी मुख्य मार्गों पर कवच के तेजी से रोल आउट की योजना बना रही है.

कहते हैं अधिकारी

रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कवच 4.0 की शुरुआत करके रेल यात्रियों के लिए रेल यात्रा को और भी अधिक सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह कदम देश के रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने और उसके संरक्षा उपायों को बढ़ावा देने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है.

कपिंजल किशोर शर्मा, मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी एनएफ रेलवे

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