13.1 C
Ranchi
Sunday, February 16, 2025 | 03:04 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में बचा है मात्र 10 यूनिट ब्लड

Advertisement

ब्लड की कमी से मरीज हो रहे परेशान

Audio Book

ऑडियो सुनें

कटिहार. सदर अस्पताल का ब्लड बैंक एक बार फिर ब्लड की कमी से जूझ रहा है. ब्लड बैंक के ब्लड स्टॉक में इन दिनों काफी कमी हो गयी है, वर्तमान समय में मात्र 10 यूनिट ब्लड ही मौजूद है. जिस कारण ब्लड की जरूरत वाले मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. ब्लड के लिए पहुंचे मरीज का ब्लड ग्रुप नहीं मिलने से उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है. ब्लड के लिए या तो उन्हें मेडिकल कॉलेज जाना पड़ रहा है या ब्लड की जरूरत को पूरा करने के लिए उन्हें पूर्णिया जाना पड़ रहा है. ब्लड बैंक के कर्मियों की माने तो जिले में थैलेसीमिया के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है. वर्तमान की बात करें तो अभी जिले में कुल 110 थैलेसीमिया के मरीज है. पिछले साल की अपेक्षा 2024 के आंकड़े के अनुसार 40 थैलेसीमिया के मरीज बढे हैं. जबकि 2023 में थैलेसीमिया के 70 मरीज ही थे. कुछ सामाजिक संस्थान ऐसे हैं जो ब्लड संग्रह करने के लिए अपनी पूरी सहभागिता निभा रहे है. जरूरतमंदों को ब्लड की कमी नहीं होने दे रहे है. कई संगठन रक्तदान शिविर का आयोजन कर अच्छा खासा यूनिट संग्रह कर ब्लड बैंक में जमा कराया. कई सामाजिक संस्थान के द्वारा भी कैंप का आयोजन कर ब्लड डोनेट किया गया था. इसके बावजूद अभी ब्लड बैंक में ब्लड की कमी है.

प्रतिमाह थैलेसीमिया से ग्रसित मरीजों को दी जाती है 110 यूनिट ब्लड

ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन रवि शंकर झा ने बताया कि जिला में अभी 110 मरीज थैलेसीमिया से ग्रसित है. जिसे प्रत्येक मरीज को कम से कम एक महीने में एक यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है. इस हिसाब से महीने में 100 से 110 यूनिट के आसपास ब्लड थैलेसीमिया मरीज को ही चला जाता है. उन्होंने बताया कि कुछ थैलेसीमिया मरीज ऐसे हैं. जिसे महीने में दो यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है. लेकिन एक मरीज को महीने में एक यूनिट की आवश्यकता पड़ ही जाती है. उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया से ग्रसित मरीज के परिजनों को शिविर लगाकर ब्लड संग्रह करने का गाइड लाइन है. लेकिन मरीज के परिजन शिविर का आयोजन ही नहीं करते हैं. यहां तक कि एक्सचेंज के लिए भी डोनर अपने साथ नहीं लाते हैं. जिस कारण से थैलेसीमिया मरीजों को ब्लड तो दी जाती है. लेकिन उनके एवज में ब्लड का संग्रह नहीं हो पाता है. टेक्नीशियन रविशंकर ने बताया की ब्लड बैंक में जो अभी ब्लड के स्टॉक है वह चिंताजनक है. भगवान न करें यदि जिला में कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो इस हिसाब से ब्लड बैंक में स्टॉक ब्लड नाकाफी होगी. क्योंकि जिला में जो थैलेसीमिया के मरीज है. उस हिसाब से ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में ब्लड स्टॉक होने चाहिए जो अभी नहीं हैं.

जिला में ब्लड चढ़ाने के निर्देश के बाद ब्लड की कमी

थैलेसीमिया मरीज को जिला अंतर्गत ब्लड चढ़ाने के निर्देश के बाद कटिहार ब्लड बैंक में ब्लड की कमी से हमेशा जूझ रहा है. दरअसल जिले में जो थैलेसीमिया के मरीज है. उनमें बारसोई, बलरामपुर के ज्यादा मरीज है. सरकार के निर्देश के आलोक में अब सभी मरीजों को अपने जिला स्तर पर ब्लड चढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है. पहले थैलेसीमिया मरीज अपने कार्ड के जरिए किसी भी जिला में ब्लड चढ़ाने के लिए उन पर कोई भी बंदीशे नहीं थी. जिस कारण से बारसोई, बलरामपुर के खासकर मरीज अपने पड़ोसी राज्य बंगाल में पहुंचकर ब्लड चढ़ा लेते थे. लेकिन अब इस पर रोक लग गई है. जो भी मरीज जिस जिला से है वह अपने जिला के अंतर्गत ही ब्लड ले सकते हैं. जिस कारण से अब जिला में जितने भी थैलेसीमिया मरीज हैं. उन्हें उनका एक ही कटिहार ब्लड बैंक सहारा बना हुआ है. जिस कारण से थैलेसीमिया मरीज को कटिहार ब्लड बैंक को ब्लड निर्गत करना उनका दायित्व बन गया है.

कहते हैं ब्लड बैंक के प्रभारी

ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ आर सुमन ने कहा कि ब्लड बैंक में ब्लड की कमी है. यह काफी चिंता का विषय है. जिस हिसाब से जिले में थैलेसीमिया के मरीज बढ़े हैं. वैसे ब्लड बैंक में ब्लड की आवश्यकता बढ़ी है. ऐसे में लोगों को जागरूक होना होगा कि वह समय-समय पर ब्लड डोनेट करें. ताकि ब्लड बैंक में ब्लड की कमी नहीं हो. नेता व राजनेता भी किसी जरूरत मंद को ब्लड देने को लेकर दबाव डालते है. उन्हें भी चाहिए कि समय-समय पर ब्लड डोनेशन कैंप लगायें. थैलेसीमिया के मरीज के परिजन जो ब्लड लेते हैं. वह भी समय-समय पर ब्लड कैंप लगाएं. इसके अलावा ब्लड की कमी को पूरा करने को लेकर विभाग की ओर से ब्लड कैंप के आयोजन को लेकर सभी सरकारी विभाग के भी अधिकारियों से मिलकर कैंप आयोजन को लेकर तैयारी की जा रही है. ताकि ब्लड बैंक में ब्लड की कमी न हो.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें