22.1 C
Ranchi
Sunday, March 2, 2025 | 11:38 pm
22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

उद्घाटन के बाद से है बंद हैचरी, नहीं मिल रहा किसानों को लाभ

Advertisement

उद्घाटन के बाद से है बंद हैचरी, नहीं मिल रहा किसानों को लाभ

Audio Book

ऑडियो सुनें

कटिहार. मत्स्य पालन को लेकर जिले के मछली किसानों के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही है. विभाग द्वारा जिले के मत्स्य पालकों के लिए कई योजनाओं के तहत लाभ दिलाकर इस क्षेत्र में समृद्ध बनाया जा रहा है. प्रतिवर्ष करीब पांच करोड़ से अधिक योजना के तहत राशि मंगाकर मत्स्यपालन के क्षेत्र में भले ही किसानों को समृद्ध बनाने का दावा किया जा रहा है. लेकिन मछली का बीज तैयार करने वाला जिले के डंडखोरा प्रखंड के सौरिया में 42 लाख से बनाया गया 12 एकड़ में हैचरी विभागीय लापरवाही और देखरेख के अभाव में आज तक बंद पड़ा है. उद्घाटन के बाद से लेकर आज तक एक भी मछली का जीरे का उत्पादन उक्त हैचरी से नहीं किया गया. जिसका नतीजा है कि जिले के मत्स्य पालकों को दूसरे राज्यों से मछली के बीज महंगे दामों में लाकर मछली पालन करने की मजबूरी बनी हुई है. जबकि विभाग उक्त हैचरी के लिए निकलने वाले पानी में अधिक आयरन की बात कहकर पाला झाड़ रहा है. हैचरी की देखरेख करने वाले चंदन प्रसाद मंडल का कहना है कि जबसे हैचरी का उद्घाटन किया गया. तब से आज तक एक भी मछली का बीज तैयार नहीं हो पाया है. हालांकि इसके लिए विभाग की ओर से चार हैंचिंग टेंक व एक ब्रीडिंग टेंक का निमाण कराया गया. एक सौ फीट बोरिंग भी कराया गया. लेकिन यहां से एक भी किसानों को एक भी मछली का बीज उपलब्ध नहीं हो पाया. ऐसा इसलिए कि जब से उद्घाटन किया गया. तब से यह बंद ही है.

दूसरे राज्यों से किसान लाते हैं मछली का जीरा

आसपास के लोगों की मानें तो जिस उदेश्य से विभाग द्वारा सौरिया में हैचरी बनाया गया. उसका लाभ नहीं मिलने के कारण मछली पालकों को परेशान होना पड़ रहा है. विभाग द्वारा अनुदानित दर पर मछली का बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. दूसरे राज्यों में बंगाल, झारखंड समेत अन्य जगहों से किसान मछली के जीरा लाकर फसल करने को विवश हैं. दूसरी ओर विभाग को उक्त हैचरी से लाभ के बजाये हानि ही हो रहा है. विभाग द्वारा प्रत्यक्षण करने की नौबत पर दूसरे राज्यों से मछली के जीरा को मंगाये जाने की मजबूरी बन जाती है. बनाये गये हैचरी के आसपास रहने वालों लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा पीपीडी मोड में हैचरी का लीज किया गया. संसाधनों व देखरेख के अभाव में लीज का राशि तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इससे विभाग को घाटा लग रहा होगा. इससे नकारा नहीं जा सकता है.

कहते हैं मत्स्य पदाधिकारी

पानी में अधिक आयरन होने के कारण उत्पाद किये गये मछली के बीज खराब हो जाते है. लीज पर दिये गये व्यक्ति द्वारा चलाया नहीं जा सका. योजना के तहत दस साल के लिए पीपीडी के तहत लीज दिया गया था. एक साल चलाया अंडा नहीं फूटने के कारण सरेंडर कर दिया गया. विभाग द्वारा इस पर केस कर दिया गया. दस साल का कार्यकाल खत्म हो गया. केस का फैसला अभी तक नहीं आया है. नये सिरे से इसके विकास के लिए इस वर्ष योजना में लिया जा रहा है. फिश फार्म के रूप में धीरे धीरे विकास किया जायेगा. इसको लेकर पूरा प्रोजेक्ट बनाकर पटना को भेजा गया है.

अनिल कुमार, मत्स्य पदाधिकारी, कटिहारB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर