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कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के 43 शिक्षकों का वेतन रुका, नौकरी पर भी संकट, जानें क्या है पूरा मामला

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कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 43 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है. उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस संदर्भ में आधिकारिक पत्र जारी कर दिया है. विश्वविद्यालय ने इन सभी शिक्षकों का वेतन जारी करने का अनुरोध किया था.

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कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 43 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है. उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस संदर्भ में आधिकारिक पत्र जारी कर दिया है. विश्वविद्यालय ने इन सभी शिक्षकों का वेतन जारी करने का अनुरोध किया था. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन से कहा है कि संबंधित शिक्षकों पर आगे की कार्यवाही की जाये. दरअसल, संस्कृत विश्वविद्यालय के जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों ने इन सभी 43 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विभाग या राज्य सरकार से अनुमति तक नहीं ली. जबकि बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 की धारा 359(2) के तहत नियुक्ति से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है.

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नहीं हुई थी नियुक्ति की अनुशंसा

साथ ही, बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की संगत धाराओं के अनुसार कॉलेज सेवा आयोग की अनुशंसा के आलोक में इन शिक्षकों की नियुक्ति शासी निकाय की तरफ से नहीं की गयी हैं. शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान यह भी पाया गया कि किये गये नियोजन करने का कोई भी साक्ष्य विश्वविद्यालयों के पास नहीं है. दूसरा यह कि नियुक्ति के पहले आरक्षण समाशोधन से संबंधित कोई भी साक्ष्य विश्वविद्यालय की तरफ से उपलब्ध नहीं कराया गया है.

शिक्षकों की नियुक्ता वैधता पर है खतरा

दरअसल, वेतन सत्यापन के क्रम में शिक्षा विभाग ने इनकी नियुक्ति संबंधी प्रमाणिक दस्तावेजों की मांग की थी. इसके बाद भी वेतन की मांग की जा रही थी. फिलहाल इन सभी शिक्षकों की नियुक्तियों की वैधता भी खतरे है. फिलहाल उच्च शिक्षा निदेशालय ने जिन शिक्षकों का वेतन रोका है, उनके बारे में अलग-अलग पत्र जारी करने शुरू कर दिये हैं. उल्लेखनीय है कि इन दिनों वेतन सत्यापन को लेकर कोषांग गठित किया गया है. जो सभी विश्वविद्यालयों के लिए वेतन जारी करने से पहले उनके कर्मचारियों के नियुक्ति संबंधी प्रमाणिक दस्तावेजों की जांच कर रहा है.

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