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चापाकल से खेत पटवन का मामला पहुंचा एसपीजीआरओ के पास

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भोखरी में सरकारी चापाकल में सबमर्सिबल लगाकर खेत पटवन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. शिकायतकर्ता रामटहल सिंह ने इस मामले में मोहनिया अनुमंडलीय लोक शिकायत में परिवाद दायर किया है.

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मोहनिया सदर. भोखरी में सरकारी चापाकल में सबमर्सिबल लगाकर खेत पटवन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. शिकायतकर्ता रामटहल सिंह ने इस मामले में मोहनिया अनुमंडलीय लोक शिकायत में परिवाद दायर किया है. यहां इस मामले की सुनवाई 11 दिसंबर को होगी. शिकायतकर्ता ने इस मामले में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत लोक सूचना पदाधिकारी से इसकी जानकारी की मांग की थी. पंचायत सचिव द्वारा दी गयी आरटीआई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है कि योजना संख्या 10/2022-23 षष्टम राज्य वित्त आयोग मद से 118500 रुपये चापाकल व दो एचपी सबमर्सिबल पर भुगतान किया गया है. जबकि, उक्त चापाकल में तीन एचपी सबमर्सिबल लगाया गया है, जिससे लोगों की प्यास बुझाने की बजाय खेतों की प्यास बुझाई जा रही है. यहां पंचायत सचिव के चहेते लोग उक्त सबमर्सिबल से खेतों का पटवन कर रहे हैं. इतना ही नहीं उक्त सबमर्सिबल को चलाने के लिए चोरी की बिजली का प्रयोग किया जा रहा है. मालूम हो कि घनी आबादी से काफी दूरी पर खेत में चापाकल लगवाया गया है, जिसमें सबमर्सिबल डालकर खेतों का पटवन करने का कार्य किया जा रहा है. जबकि, यह पूरा मामला लोगों की समझ से परे हो गया है कि आखिर किन परिस्थितियों में आबादी से दूर खेत में चापाकल व सबमर्सिबल पर एक लाख 18 हजार 500 रुपये पानी की तरह बहा दिये गये. यदि उक्त चापाकल व सबमर्सिबल को बस्ती में लगाया गया होता तो लोगों को पीने का शुद्ध पेयजल नसीब होता. लेकिन, यहां तो सरकारी तंत्रों की मेहरबानी से किसी व्यक्ति विशेष के खेतों का पटवन किया जा रहा है, हालांकि इस मामले में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अपना क्या फैसला सुनाते है और किस हद तक उनके निर्णय पर अमल किया जायेगा, इसकी गवाही तो आने वाला समय ही देगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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