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नुआंव प्रखंड में 26 किसानों से मात्र 3103 क्विंटल धान की खरीद

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धरती के अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों द्वारा मेहनत से उपजाये गये धान पिछले कई दिनों से खेतों से कटाई के बाद खलिहान में पड़े हैं, जिसे किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं.

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नुआंव. धरती के अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों द्वारा मेहनत से उपजाये गये धान पिछले कई दिनों से खेतों से कटाई के बाद खलिहान में पड़े हैं, जिसे किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं. बीते कुछ दिनों पूर्व हुए पैक्स चुनाव के परिणाम आने के बाद भी प्रखंड की सात पैक्स द्वारा 26 किसानों से महज 3103 क्विंटल धान की खरीद की गयी है. जबकि, रामगढ़ प्रखंड की नौ पैक्स अध्यक्षों द्वारा 52 किसानों से 5310 क्विंटल धान रविवार दोपहर तक खरीद की गयी हैं. जबकि, पिछले वर्ष धान अधिप्राप्ति के दिये गये लक्ष्य पर नजर डालें तो नुआंव प्रखंड को एक लाख 38 हजार 220 क्विंटल, जबकि रामगढ़ प्रखंड की 13 पैक्स व एक व्यापार मंडल को एक लाख 97 हजार 610 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था. इधर, 15 नवंबर से किसानों से होने वाली धान अधिप्राप्ति पर नजर डालें तो पैक्स समितियों द्वारा किसानों से खरीदे गये धान ऊंट के मुंह में जीरा के समान दिख रहे हैं, ऐसे में पैक्सों द्वारा काफी सुस्त गति से धान खरीद के कारण सर्द हवाओं के बीच आज भी किसान खलिहान में धान की रखवाली करने को विवश हैं. #तीन पंचायतों में धान की खरीद शुरू नहीं नुआंव प्रखंड की 10 पंचायत में केवल सात पैक्स द्वारा किसानों से धान खरीद की गयी है. अखिनी पैक्स द्वारा एक किसान से 100 क्विंटल, अकोल्ही पैक्स द्वारा एक किसान से 10 क्विंटल, चंदेश में 9 किसान से 849 क्विंटल, दूमदुमा में चार किसान से 850 क्विंटल, एवती में पांच किसान से 604 क्विंटल, कोटा में एक किसान से 50 क्विंटल, नुआंव में पांच किसान से 640 क्विंटल, इस तरह कुल सात पैक्सों द्वारा 26 किसानों से मात्र 3103 क्विंटल धान खरीद की गयी है. जबकि, तीन पंचायत मुखराव में पैक्स प्रबंधन समिति के डिफाल्टर होने, तरैथा में प्राधिकार द्वारा अगले आदेश तक चुनाव नहीं कराये जाने व पंजराव में पैक्स प्रबंधन कार्यकारिणी के गठन नहीं होने के कारण किसानों से अब तक एक छटांक भी धान की खरीद नहीं की गयी है. # दो पंचायतों में प्रबंधन कार्यकारिणी का गठन नहीं रामगढ़ प्रखंड की क्रियाशील 11 पैक्स समितियों में नौ पैक्स द्वारा 52 किसानों से अब तक 5310 क्विंटल धान खरीद की गयी हैं. इसमें अधिवास पैक्स में एक किसान से 100 क्विंटल, बड़ौरा 11 किसान से 854 क्विंटल, देवहलिया 11 किसान से 932 क्विंटल, महूवर में तीन किसान से 430 क्विंटल, मसाढी में सात किसान से 719 क्विंटल, नरहन-जमुरना में पांच किसान से 695 क्विंटल, नोनार में चार किसान से 530 क्विंटल, सिंझुआ में सात किसान से 1030 क्विंटल, सिसौड़ा पैक्स में दो किसान से 110 क्विंटल धान की खरीद हुई है. जबकि, दो पंचायत सहूका व सदुलहपुर डरवन पैक्स के प्रबंधन कार्यकारिणी का गठन नहीं होने के कारण अबतक किसानों से एक छंटाक धान की खरीद नहीं हो पायी है. # क्या कहते है किसान —कैमूर किसान यूनियन के उपाध्यक्ष अखिनी गांव के किसान अफरोज खान ने कहा समिति के रवैये के कारण पिछले साल भी 21 दिनों तक खलिहान में धान की रखवाली करते हुए मजबूर होकर 1850 की दर से बिचौलियों को धान बेचे थे. इस बार भी खेतों से कटाई होकर धान खलिहान में पड़े हैं. जबकि, खेतों की बुआई के लिए डीएपी खाद की सख्त जरूरत है. साथ ही सरकारी दर पर मिलने वाला 1300 रुपये का डीएपी 2000 में मिल रहा है. इसे लेकर मजबूर होकर हमें डीएपी गाजीपुर से लाने पड़ रहे है. नेता मंच के माध्यम से किसानों की आमदनी दो गुनी करने की बात करते हैं, किंतु धरातल का सच कुछ और ही है. —बढ़ा गांव के किसान सह समाजसेवी अनुरंजन राय ने कहा चुनाव बीतने के बाद अगर पैक्स समितियां सक्रिय नहीं हुई, तो बेबस किसान अपने धान को बिचौलियों के हाथों 2050 रुपये तक बेचने को मजबूर होंगे. इस तरह उन्हें क्विंटल पर 250 रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा. इन सभी समस्याओं को लेकर युवा किसानों ने डीएम सावन कुमार से किसानों के इस ज्वलंत मुद्दे पर पहल कर धान खरीद की रफ्तार तेज करवाने का आग्रह किया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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