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खेतों की प्यास बुझा रहा चापाकल व जगमग कर रही स्ट्रीट लाइट

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प्रखंड की भोखरी पंचायत में सरकारी तंत्रों के हैरतअंगेज कारनामों ने सभी को पशोपेश में डाल दिया है. यहां पंचायत सचिव की मिलीभगत से सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं अपने उद्देश्य से भटक गयी हैं

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मोहनिया सदर. प्रखंड की भोखरी पंचायत में सरकारी तंत्रों के हैरतअंगेज कारनामों ने सभी को पशोपेश में डाल दिया है. यहां पंचायत सचिव की मिलीभगत से सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं अपने उद्देश्य से भटक गयी हैं. भोखरी में पंचायत सचिव की मेहरबानी से सरकारी चापाकल आबादी वाले क्षेत्र में नहीं बल्कि बस्ती से लगभग 500 मीटर दूर खेत में लगवाया गया है, जो इंसानों की नहीं बल्कि खेतों की प्यास बुझाने का कार्य कर रहा है. हाल यह है कि उक्त चापाकल में तीन फेज का मोटर डालकर इन दिनों धान की फसल व सब्जियों की सिंचाई की जा रही है. जबकि, चापाकल लगाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराना होता है, जिससे कि लोगों की प्यास बुझाई जा सके. जहां ऐसे बड़े चापाकल लगवाने में हजारों रुपये खर्च आते हैं फिर भी साहब की दया दृष्टि से व्यक्ति विशेष के खेतों का पटवन करने के लिए इस चापाकल को गांव से दूर खेत में लगवा दिया गया है. पंचायत सचिव कुछ लोगों पर इस कदर मेहरबान हैं मानो सरकार की राशि को कुबेर का खजाना समझ कर दोनों हाथों से लूटा रहे हों, तभी तो इनकी मिलीभगत से भोखरी के वार्ड आठ की कुछ गलियों में भले ही रातों में अंधेरा पसरा रहता है. लेकिन, घनी आबादी से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर खेत में बाहा के किनारे सोलर स्ट्रीट लाइट लगवायी गयी है, ताकि व्यक्ति विशेष के खेतों को रोशनी मिलती रहे. भोखरी की गलियां भले ही रात में अंधकार की गर्त में समाहित रहे, लेकिन खेतों में सोलर स्ट्रीट लाइट की दुधिया रोशनी इस तरह जगमगाती है मानो रात में आसमान में घने बादलों के बीच से चांद निकला हो. ऐसे में सरकारी तंत्रों की उदासीनता से मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट जैसी महत्वपूर्ण योजना अपने उद्देश्य से भटक गयी हैं, जिसका परिणाम है कि वार्ड की गलियों को जगमग करने की बजाय खेतों को जगमग किया जा रहा है. # हाकिमों की नजरें इन खामियों की तरफ क्यों नही जाती हद तो तब हो जाती है, जब इन खामियों के उजागर होने के बाद भी हाकिमों की नजरें अपने सरकारी तंत्रों द्वारा किये गये हैरतअंगेज कारनामों की तरफ नहीं जाती है या फिर अपने मातहतों की करतूतों पर पर्दा डालने के लिए ऐसे मामलों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. यहीं कारण है कि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं सही तरीके से न तो धरातल पर उतर पाती है और न ही सही मायने में इसका लाभ लोगों को मिल पाता है. इस तरह सरकारी तंत्र की मेहरबानी से अपने उद्देश्य से योजनाएं भटक जाती हैं या भ्रष्टाचार की सूली चढ़ जाती हैं. # बोले पंचायत सचिव इस संबंध में पूछे जाने पर पंचायत सचिव प्रफुल्ल झा ने पहले तो कहा कि चापाकल में मोटर डालकर खेतों का पटवन नहीं किया जाता है, लेकिन जब उनसे कहा गया कि उसका वीडियो फुटेज भी उपलब्ध है, तब उन्होंने कहा कि हमने मुखिया को कह दिया है कि उससे खेतों का पटवन बिल्कुल नहीं किया जाये और रही सोलर स्ट्रीट लाइट की बात तो वार्ड सदस्य द्वारा स्थल का चयन किया गया था, लेकिन यह सही है कि जिन स्थानों पर चापाकल व स्ट्रीट लाइट लगी है, वहां बस्ती नहीं है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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