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Bihar News: पांच लाख रुपये गबन में पीएचइडी के तत्कालीन कनीय अभियंता 24 साल बाद गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

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पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 1998 में भरत भूषण प्रसाद लोक स्वास्थ्य विभाग मुजफ्फरपुर में पदस्थापित थे. इसी दौरान उसके द्वारा पांच लाख 46 हजार 732 रुपये की धोखाधड़ी कर सरकारी राशि का गबन कर लिया गया था.

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  • बेगूसराय के साहेबपुर कमाल के रहने वाले हैं तत्कालीन जेई

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  • नगर थाना में 1998 में 5.46 लाख के गबन का लगा था आरोप

  • जेइ के घर की कुर्की जब्ती करने गये थे नगर थाना के दारोगा

मुजफ्फरपुर. सरकारी राशि गबन करने के मामले में करीब 24 वर्षों से फरार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के तत्कालीन कनीय अभियंता (जेइ) भरत भूषण प्रसाद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वह 1998 से फरार चल रहे थे. इस केस के आधा दर्जन से अधिक आइओ भी बदल चुके हैं. दारोगा सुनील पंडित शनिवार को बेगूसराय के साहेबपुरकमाल थाना क्षेत्र के खरहट जाकर आरोपी के घर कुर्की जब्ती को स्थानीय थाना के साथ पहुंचे.

बेगूसराय के साहेबपुर कमाल के रहने वाले हैं तत्कालीन जेइ

इसकी जानकारी होते ही आरोपी मौके पर उपस्थित हो गया. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इधर केस के आइओ दारोगा सुनील पंडित ने बताया कि बेगूसराय के साहेबपुरकमाल थाना क्षेत्र के खरहट स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सुनवाई के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. अब पुलिस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की कवायद शुरू कर दी है.

एडीजी के आदेश के बाद की गयी कार्रवाई

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 1998 में भरत भूषण प्रसाद लोक स्वास्थ्य विभाग मुजफ्फरपुर में पदस्थापित थे. इसी दौरान उसके द्वारा पांच लाख 46 हजार 732 रुपये की धोखाधड़ी कर सरकारी राशि का गबन कर लिया गया था. इस संबंध में 1998 में लोक स्वास्थ्य अवर प्रमंडल मुजफ्फरपुर के अवर प्रमंडल पदाधिकारी ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जांच में उनके खिलाफ कार्रवाई की गई.

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नौकरी से हटा दिया गया था. लेकिन मामला दर्ज करने के बाद पूर्व के पुलिस पदाधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. इस बीच गत दिनों पटना से नगर थाने पहुंचे एडीजी (एटीएस) रविंद्रण शंकरण ने पुराने लंबित मामलों की समीक्षा कर लंबित केसों में तेजी से कार्रवाई का आदेश दिया था. इसके बाद इस केस में कार्रवाई की गयी.

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