18.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जिले के अस्पतालों में नहीं है प्लेटलेट्स चढ़ाने की सुविधा

Advertisement

जिले में मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाने की सुविधा नहीं है जिसके कारण डेंगू सहित अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाने के लिए पटना जाना पड़ता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

जहानाबाद. जिले में मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाने की सुविधा नहीं है जिसके कारण डेंगू सहित अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाने के लिए पटना जाना पड़ता है. कई ऐसे गंभीर बीमारियां हैं जिससे प्रभावित मरीज का प्लेटलेट गिर जाता है किंतु इनमें डेंगू सबसे प्रमुख बीमारी है जिसमें प्लेटलेट्स बहुत तेजी से नीचे गिरता है. इस समय भी डेंगू से जिले के लोग प्रभावित हो रहे हैं. जिले में डेंगू की मरीजों की संख्या 200 के पार चली गई है. डेंगू की बीमारी में कुछ दिनों के बाद मरीज का प्लेटलेट्स अकाउंट्स बहुत नीचे चला जाता है. इसके बाद उसकी स्थिति खराब होने लगती है और उसे प्लेटलेट्स चढ़ाना बहुत जरूरी हो जाता है, वरना उसकी जान भी जा सकती है, किंतु जिले में प्लेटलेट्स उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए पटना जाना पड़ता है. इसके अलावा कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों में भी मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है. ऐसे मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए बाहर से प्लेटलेट्स चढ़ानी जरूरी हो जाती है. स्वस्थ्य व्यक्ति में प्लेटलेट्स की संख्या 2 लाख से अधिक होती है किंतु डेंगू सहित कई बीमारियों से पीड़ित होने पर किसी भी व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट की संख्या घटने लगती है. अगर यह संख्या डेढ़ लाख से नीचे चली जाती है तो मरीज का शरीर कमजोर पड़ने लगता है. बीमारी से लड़ने में उसे दिक्कत आने लगती है. जैसे-जैसे प्लेटलेट्स की संख्या घटती है, वैसे-वैसे मरीज और भी कमजोर हो जाता है. जब मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या 50000 से नीचे चली जाती है तो ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर प्रतिदिन या फिर सुबह-शाम प्लेटलेट्स काउंट किया जाता है, क्योंकि अचानक प्लेटलेट ज्यादा गिर जाने के कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. प्लेटलेट्स की संख्या 20000 से कम होने पर मरीजों को प्लेटलेट चढ़ना जरूरी हो जाता है. अब चूंकि जहानाबाद जिले में प्लेटलेट्स उपलब्धि ही नहीं है तो उसे चढ़ाया कैसे जाएगा. जिले में ऐसे ज्यादातर मरीज निजी क्लीनिक और निजी अस्पताल में इलाज करते हैं. इन मरीजो का प्लेटलेट्स जब गिरने लगता है और उन्हें प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ जाती है तो वह पटना चले जाते हैं. चिकित्सक भी जिन मरीजों का प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता है, उन्हें पटना रेफर कर देते हैं क्योंकि जहानाबाद जिले में प्लेटलेट्स उपलब्ध ही नहीं है. जिले में नहीं है खून से प्लाज्मा अलग करने की सुविधा जिले में खून से प्लाज्मा अलग करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है. यह काम ब्लड बैंक में ही किया जा सकता है. जहानाबाद जिले में कोई निजी ब्लड बैंक नहीं है. सदर अस्पताल में जिले का एकमात्र सरकारी ब्लड बैंक मौजूद है. इस ब्लड बैंक में सेपरेटर मशीन उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण यहां किसी खून से प्लेटलेट्स या प्लाज्मा अलग नहीं किया जा सकता है. इस ब्लड बैंक के द्वारा दाता से होल ब्लड निकाला जाता है और खून की कमी वाले जरूरतमंद मरीज को वही होल ब्लड चढ़ा दिया जाता है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें