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अगले सप्ताह से सदर अस्पताल में मरीजों को मिलने लगेगी इसीजी की सुविधा

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सदर अस्पताल में जिले के लोगों को एक सप्ताह के भीतर इसीजी की सुविधा मिलने लगेगी.

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जहानाबाद.

सदर अस्पताल में जिले के लोगों को एक सप्ताह के भीतर इसीजी की सुविधा मिलने लगेगी. स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल को ईसीज़ी की एक नई मशीन भेजी है. सदर अस्पताल के पास एक इसीजी की पुरानी मशीन पहले से ही पड़ी हुई है. इस तरह अब सदर अस्पताल के पास इसीजी की दो मशीनें हो गई है जिन्हें चालू करने की कवायद की जा रही है. इन दोनों मशीनों को चालू करने के लिए उसकी आवश्यक सामग्री की खरीदारी का निर्देश सदर अस्पताल के अधीक्षक ने प्रबंधन को दिया है. इन मशीनों को चालू करने के लिए इसीजी रोल के साथ-साथ ग्लू और कुछ अन्य सामग्री की खरीद की जानी है. इन सामग्रियों की खरीद पूरी हो जाने के बाद मशीन को चालू कर दिया जाएगा. इसके बाद सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों को ईसीज़ी की सुविधा मिलने लगेगी. इन इसीजी मशीनों को चलाने के लिए सदर अस्पताल की जीएनएम को लगाया जायेगा. इसके लिए जीएनएम को इसीजी चलाने की ट्रेनिंग दी गई है. सदर अस्पताल में फिलहाल इसीजी चलाने के लिए कोई टेक्नीशियन उपलब्ध नहीं है जिसके कारण इसकी जिम्मेदारी ज़ीएनएम को दी जा रही है. इन दो मशीनों में से एक मशीन को इमरजेंसी तथा एक मशीन को ओपीडी में रखा जायेगा. सदर अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा किसी मरीज को ईसीज़ी जांच लिखे जाने के बाद उन्हें यह सुविधा मुफ्त दी जायेगी. सदर अस्पताल में मरीजों को इसीजी कराने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा.

किन मरीजों की करायी जाती है इसीजी की जांच :

हृदय रोग से पीड़ित अथवा हाइब्लड प्रेशर वाले मरीज को इसीजी की जांच लिखी जाती है. ऐसे मरीजों की तबीयत अचानक खराब होने पर उनके लिए इसीजी की जांच बहुत जरूरी होती है. इसीजी की जांच से हृदयघात का पता चलता है. इसीजी जांच यह बता देता है कि मरीज को कुछ घंटे पहले हार्ट अटैक आया है अथवा नहीं, जिससे डॉक्टर को मरीज के इलाज में आसानी होती है. इसीजी से हृदय घात का पता चलने पर मरीज को हार्ट अटैक का प्राथमिक उपचार किया जाता है. इसके बाद उसे आनन -फानन में बेहतर इलाज के लिए पटना हृदय रोग संस्थान में भेज दिया जाता है. समय पर इसीजी जांच नहीं होने के कारण मरीज में हृदय घात का पता नहीं चलता और उसे उचित इलाज नहीं मिल पाता है, जिसके कारण मरीज की जान भी जा सकती है.

जिले के किसी सरकारी अस्पताल में नहीं है इसीजी की सुविधा :

जिले के किसी सरकारी अस्पताल में फिलहाल मरीज को इसीजी जांच की सुविधा नहीं मिल रही है. यहां तक कि जिले के सरदार अस्पताल के मरीज भी इस सुविधा से वंचित है. सदर अस्पताल में यह सुविधा चालू होने के बाद जिले के मरीजों को पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में मुफ्त इसीजी की सुविधा मिल पायेगी.

पहले प्राइवेट एजेंसी के द्वारा शुल्क लेकर दी जाती थी यह सुविधा :

कुछ साल पहले सदर अस्पताल में एक प्राइवेट एजेंसी के द्वारा मरीजों को इसीजी की सुविधा दी जाती थी. इसीजी का यह सेंटर ओपीडी के ऊपर चलाया जाता था, जहां प्राइवेट एजेंसी के द्वारा एक टेक्नीशियन रखकर सदर अस्पताल के मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी. इसके बदले एजेंसी मरीजों से प्रति व्यक्ति प्रति इसीजी 50 रुपये का शुल्क वसूल करती थी.

ओपीडी के ऊपर अब चलता है अधीक्षक का कार्यालय :

जब सदर अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर नई बिल्डिंग बनाने के लिए उसे खाली की गई और जगह की कमी हुई तो प्राइवेट एजेंसी का इसीजी का वह सेंटर हटा दिया गया. अब उस कमरे में सदर अस्पताल के अधीक्षक का कार्यालय चलाया जा रहा है. इसके बाद से सदर अस्पताल में मरीजों को इसीजी की सुविधा मिलनी बंद हो गई. उसके बाद से मरीजों को इसीजी के लिए प्राइवेट सेंटरों में जाना पड़ता है. प्राइवेट से एक करने पर उन्हें मोटी फीस देनी पड़ती है. इस जांच के लिए मरीज को 250 से 300 रुपये देने पड़ते हैं. सक्षम मैरिज यह जांच प्राइवेट से कर लेते हैं, किंतु गरीब मरीज जिनके पास पैसे नहीं है वह बाजार से इसीजी की जांच नहीं करा पाते, जिसके कारण उनका इलाज सही ढंग से नहीं हो पाता है.

क्या कहते हैं अधीक्षक

विभाग द्वारा सदर अस्पताल को इसीजी की एक नयी मशीन दी गयी है. एक मशीन पहले से है. दोनों मशीनों को चालू करने के लिए कुछ आवश्यक सामग्री की खरीद का निर्देश दिया गया है. सामग्री की खरीद हो जाने पर एक मशीन को ओपीडी और दूसरी मशीन को इमरजेंसी में लगाया जायेगा. इससे मरीजों को फ्री इसीजी की सुविधा मिल सकेगी.

डॉ प्रमोद कुमार, प्रभारी अधीक्षक, सदर अस्पताल, जहानाबाद

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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