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बिहार के 3.77 करोड़ लोग गरीबी रेखा से आएं बाहर, जदयू और भाजपा में लगी क्रेडिट लेने की होड़

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नीति आयोग द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार बीते 9 साल में बिहार के 3.77 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. अब इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद भाजपा और जदयू नेताओं में श्रेय लेने की होड़ लगी है. जानिए किसने क्या कहा...

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बिहार के 3.77 करोड़ लोग बीते 9 साल में गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. नीति आयोग द्वारा गरीबी के आंकड़ों पर जारी एक रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद अब राज्य और केंद्र सरकार में इसका श्रेय लेने की होड़ से मच गई है. एक तरफ भाजपा जहां इसे मोदी सरकार की नीतियों का परिणाम बता रही है. वहीं दूसरी तरफ जदयू का कहना है कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगतिशील नीतियों की वजह से हुआ है. नीति आयोग द्वारा जारी इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2005-06 से 2019-21 तक बिहार में 44.52 फीसदी आबादी का गरीबी का टैग हट गया है.

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नीतीश कुमार की प्रगतिशील नीतियों के कारण गरीबी उन्मूलन में बिहार अव्वल : विजय चौधरी

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि नीति आयोग और यूएनडीपी की रिपोर्ट में गरीबी उन्मूलन में बिहार अव्वल है. इसके लिए सिर्फ हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगतिशील नीतियों का योगदान है. बिहार सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रम इसके मुख्य कारक रहे हैं. हम लोगों के नेतृत्व की खासियत सुशासन और न्याय के साथ विकास रहा है. ऐसे में गरीबी उन्मूलन में इनका योगदान होने से इन नीतियों की सफलता भी सामने आ गई है.

नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का भविष्य सुरक्षित : विजय चौधरी

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नीति आयोग और यूएनडीपी की जारी रिपोर्ट में संयोग से 2005-06 से 2022-23 तक का आंकड़ा भी शामिल है. 2005 से ही नीतीश कुमार ने बतौर मुख्यमंत्री बिहार का पदभार संभाला था. तब से लगातार उन्होंने गरीबों की आर्थिक उन्नति के लिए और उनके तरक्की के लिए जो योजनाएं चलाईं, उसके नतीजे अब सतह पर दिखने लगे हैं. यह बिहार के लिए गौरव का विषय है कि आज इस उपलब्धि की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है. यह बताता है कि आने वाले समय में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का भविष्य कितना सुरक्षित, उज्ज्वल और चमकदार रहेगा.

विजय सिन्हा ने पीएम को कहा थैंकयू

वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने इस रिपोर्ट पर कहा कि राज्य के 3.77 करोड़ लोगों को नौ साल में गरीबी रेखा से बाहर लाया गया है. इसके लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में देश के लगभग 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाया गया है. यह भाजपा और प्रधानमंत्री की नियत और निर्णय का परिणाम है.

नौ साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले : रूंगटा

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश रूंगटा ने कहा कि मोदी सरकार की गारंटी का उदाहरण है कि नौ साल में देश के 25 करोड़ लोग गरीबी के दायरे से बाहर आये हैं. नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सबसे अधिक लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान से हैं. अकेले बिहार से 3.77 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं.

उन्होंने कहा कि जहां एक ओर विश्व के अन्य देश अब भी कोविड के नुकसान से उबर नहीं पाये हैं, वहीं मोदी सरकार की गरीबी उन्मूलन योजना का प्रयास लक्ष्य की ओर सतत बढ़ रहा है.

Also Read: नौ साल में 24.82 करोड़ लोग गरीबी से निकले बाहर, नीति आयोग की रिपोर्ट में किया गया दावा

नीति आयोग की रिपोर्ट अविश्वसनीय, केंद्र सरकार जिम्मेवारी से भाग रही है : माले

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश में बहुआयामी गरीबी 2013-14 में 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में मात्र 11.28 प्रतिशत रह गयी है और इस प्रकार विगत नौ सालों में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले गये है. उन्होंने कहा कि अविश्वसनीय प्रतीत हो हैं.

रिपोर्ट के अनुसार बिहार के 3.77 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले चुके हैं. जबकि बिहार सरकार द्वारा हाल ही में किये गये जाति गणना की रिपोर्ट बतलाती है कि राज्य की तकरीबन 34 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है. गरीबी का यह आंकड़ा 6000 रुपये तक मासिक आय वाले परिवारों का है. यदि 10000 रु. तक मासिक आय का पैमाना बनाया जाये, तो राज्य की लगभग दो तिहाई आबादी भयानक गरीबी की चपेट में है. ऐसे में नीति आयोग का दावा हास्यास्पद लगता है.

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