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लोकनायक जयप्रकाश नारायण के पैतृक गांव सिताब- दियारा पहुंचे अमित शाह, जेपी को याद कर जानें क्या कहा…

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आज सारण के सिताब दियारा में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्म जयंती के अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण के स्मारक का उद्घाटन किया और उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान उन्होंने सभा को भी संबोधित किया. जानें क्या कहा..

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सारण. लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी जन्मभूमि सिताब दियारा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जेपी की प्रतिमा का अनावरण किया. इसके बाद उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन पर प्रकाश भी डाला. उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जन्म जयंती के दिन आज मुझे उनके जन्म स्थान पर आने और उनकी प्रतिमा का अनावरण करने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ.

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जयप्रकाश नारायण के जीवन पर गृह मंत्री ने डाला प्रकाश

अमित शाह ने कहा कि लोकनायक जी के कार्यों से समग्र राष्ट्र के युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनके जन्म स्थान पर उनकी आदमकद प्रतिमा और उनके नाम पर स्मारक बनाने का निर्णय लिया था जिसका संयोगवश उनकी जन्म जयंती के अवसर पर ही लोकार्पण हो रहा है. लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का संपूर्ण जीवन अनेक मायनों में विशिष्ट रहा है. वे देश की आजादी के लिए क्रांति के रास्ते पर भी लड़े, महात्मा गाँधी जी के बताये रास्ते पर चलें और आजादी के बाद जब सत्ता में भागीदारी का समय आया तो वे एक सन्यासी की भांति सत्ता का परित्याग करते हुए आचार्य विनोबा भावे जी के सर्वोदय आंदोलन के साथ जुड़ कर जीवन भर भूमिहीनों, गरीबों, दलितों एवं पिछड़ों के कल्याण के लिए लड़ते रहे. लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने समाजवाद, सर्वोदय की विचारधारा और जातिविहीन समाज की रचना की कल्पना की थी और इसके लिए जीवन पर्यंत काम किया.

गृह मंत्री ने कांग्रेस पर बोला हमला

आगे केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 70 के दशक में जब सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार की खुली लूट के लिए देश पर आपातकाल थोपा, तब लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने इसके खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन किया. 1973 में गुजरात में इंदिरा जी की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार चल रही थी, चिमन भाई पटेल मुख्यमंत्री थे और बिहार में अब्दुल गफूर मुख्यमंत्री थे. तब केंद्र की इंदिरा गाँधी सरकार के संरक्षण में सार्वजनिक रूप से कांग्रेस सरकारें चंदा उगाहने का काम कर रही थी, तब इस भ्रष्टाचार के खिलाफ गुजरात के विद्यार्थियों ने आंदोलन किया और उस आंदोलन का नेतृत्व लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने किया था जिसके बल पर गुजरात में सत्ता परिवर्तन हुआ.

बिहार में जेपी  के नेतृत्व में आंदोलन शुरू हुआ- अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कि बिहार में उनके नेतृत्व में आंदोलन शुरू हुआ. गाँधी मैदान में उनकी ऐतिहासिक रैली को देख कर तब इंदिरा गाँधी के पसीने छूट गए थे. जब जनता और अदालत, दोनों का निर्णय इंदिरा गाँधी के खिलाफ आया, तब इंदिरा गाँधी जी ने देश पर आपातकाल थोप दिया. लोकनायक जयप्रकाश जी को भी जेल में डाल दिया गया. उनके साथ ही विपक्ष के कई नेताओं को भी जबरन जेल में डाल दिया गया, उन्हें यातनाएं दी गई. सत्ता में बैठे लोगों को लगा कि यदि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जी सरीखे जनता की आवाज को बंद कर दिया जाएगा तो इससे उनके हौसले पस्त हो जायेंगे लेकिन जिस लोकनायक को 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो की क्रांति के दौरान हजारीबाग की जेल भी न रोक सकी, उस जयप्रकाश को इंदिरा गाँधी की यातनाएं भी कर्तव्य पथ से डिगा नहीं सकी. जब देश से आपातकाल का काला दौर ख़त्म हुआ तब लोकनायक ने पूरे विपक्ष को एक किया और इसका परिणाम यह हुआ कि देश में पहली बार एक गैर-कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ.

‘संपूर्ण क्रांति के नारे को कांग्रेसी ने सफल बनाने का यत्न नहीं किया’

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब मैं बहुत छोटा था, तब मैंने नारा सुना था – “अंधेरे में एक प्रकाश, जयप्रकाश जयप्रकाश.” उसी नारे पर गुजरात और बिहार के युवा एकत्रित होकर सत्ता परिवर्तन करने में सहायक हुए थे लेकिन लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा भी दिया था. संपूर्ण क्रांति के नारे को किसी भी कांग्रेसी ने सफल बनाने का यत्न नहीं किया. संपूर्ण क्रांति के नारे को सफल बनाने का काम देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है. विगत 8 वर्षों में देश के लगभग 60 करोड़ लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, उनके लिए रोजगार के अवसर बनाने एवं उनके घरों से अंधियारे को हटा कर उजियारा करने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है.

महागठबंधन पर साधा निशाना

वहीं, अमित शाह अपने संबोधन के दौरान महागठबंधन पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि जब 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने बिहार में क्रांति का बिगुल बजाया था, वह गैर-राजनीतिक आंदोलन था. सभी विचारधाराओं के छात्र लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की अगुआई में एकत्रित हुए थे. यहाँ सुशील मोदी जी बैठे हैं, ये भी उसी आंदोलन के प्रोडक्ट हैं मगर इस आंदोलन के कई और लोग हैं जो पूरा जीवन जेपी और लोहिया जी का नाम लेते रहे लेकिन आज वे सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में बैठे हुए हैं. मैं आज बिहार की जनता से पूछना चाहता हूँ कि जो जेपी का नाम लेकर उनके आंदोलन से निकले और जो आज केवल और केवल सत्ता के लिए आज कांग्रेस की गोद में बैठे हुए हैं, क्या आप उससे सहमत हैं? यह लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का बताया हुआ मार्ग नहीं है. लोकनायक ने जीवन भर सत्ता के लिए नहीं बल्कि सिद्धांतों के लिए लड़ाई लड़ी लेकिन उनका नाम लेकर राजनीति में आने वाले लोग, सत्ता के लिए पांच-पांच बार पाला बदलने वाले लोग बिहार का मुख्यमंत्री बने बैठे हैं. बिहार की जनता को यह तय करना है कि उन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के दिखाए हुए रास्ते पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार चाहिए या फिर लोकनायक के बताये रास्ते से भटक कर सत्ता के लिए लालायित गठजोड़ करने वाली सरकार?

बीजेपी सरकार की गिनाई उपलब्धियां

वहीं, इस दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बीजेपी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई. उन्होंने कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार चल रही है. विगत 8 वर्षों से आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी और आचार्य विनोबा भावे के सर्वोदय के सिद्धांत के अनुरूप ही अंत्योदय की अवधारणा पर गरीब कल्याण का अभियान शुरू किया है. अब देश के लगभग 50 करोड़ से अधिक लोगों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड है. लगभग 9 करोड़ गरीब महिलाओं को गैस का कनेक्शन मिला है, 11 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ, ढाई करोड़ से अधिक लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर घर मिला, हर गाँव – हर घर में बिजली पहुंची, हर गाँव को पक्के सड़क से जोड़ा गया और लगभग ढाई साल से देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन दिया जा रहा है.

गृह मंत्री ने की घोषणाएं

अपने संबोधन के अंत में अमित शाह ने कई घोषणाएं भी की. उन्होंने कहा कि यहाँ पर एक बहुत बड़ा रिसर्च सेंटर बनने वाला है, फैकल्टी के रहने की सुविधाएं भी बनेगी और विद्यार्थियों के लिए भी रिसर्च की सुविधा होगी. लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के ग्रामोत्थान, सहकारिता और सर्वोदय के सिद्धांत को हम आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित हैं.

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