27.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 02:54 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

गुरु-शिष्य परंपरा कायम रखते हुए भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना समय की मांग

Advertisement

मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति के निर्देश पर केकेएम कॉलेज कि सभागार में गुरु-शिष्य परंपरा पर लघु-संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

जमुई. मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति के निर्देश पर केकेएम कॉलेज कि सभागार में गुरु-शिष्य परंपरा पर लघु-संगोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी प्राचार्य डॉ. गौरी शंकर पासवान ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा नूतन नहीं, बल्कि पुरातन है. गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास का जन्म करीब 3000 वर्ष पहले हुआ था. अतः गुरु पूर्णिमा को व्यास दिवस भी कहा जाता है. गुरु ज्ञान मानव जीवन का आधार है. गुरु के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है. गुरु एक जीवंत रोड मैप की तरह होते हैं, जो खुद रोड मैप के साथ चलते हैं और शिष्यों को भी प्रेरित करते हैं. गुरु- शिष्य परंपरा को कायम रखना तथा भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना वर्तमान समय की मांग है. एक आदर्श गुरु वह है जो अपने शिष्य को ज्ञानवर्धन,शिक्षा दीक्षा के साथ-साथ उसके अंदर चरित्र का निर्माण करें, उसमें सुसंस्कार विकसित करें एवं सही मार्गदर्शन करें. जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ दीपक कुमार ने कहा कि गुरु का महत्व भगवान से भी बड़ा है. शिष्यों को ईश्वर का दर्शन और इंट्रोडक्शन कोई दूसरा नहीं गुरु ही कराता है. हम गुरुकुल से निकालकर विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय होते हुए कंप्यूटर, सुपर कंप्यूटर तथा इंटरनेट की दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं. उन्होंने गुरु और गुरु पूर्णिमा के महत्व पर बच्चों को अवगत कराया. मनोविज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो रणविजय कुमार सिंह ने लघु संगोष्ठी कार्यक्रम का समापन करते हुए कहा कि गुरु की महिमा अपरंपार है. इनके संबंध में बखान करना सूरज को दीपक दिखाने के समान है. कुल मिलाकर गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का दर्जा दिया गया है,जो पूरे विश्व को शिरोधार्य है. उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील की कि आगामी चार सितंबर को हीरा जयंती के अवसर पर भव्य कार्यक्रम होगा,जिसमें प्रतिभागी के रूप में आपकी उपस्थिति आवश्यक है. मौके पर डॉ अनिंदो सुंदर पोले, डॉ सत्यार्थ प्रकाश, प्रो सरदार राय, डॉ श्वेता कुमारी सिंह, डॉ अजीत कुमार भारती, डॉ. प्रीति कुमारी एवं कार्यालय सहायक रवीश कुमार सिंह, सहायक सुशील कुमार आदि ने गुरु शिष्य परंपरा पर अपना विचार रखें. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने भी गुरु-शिष्य परंपरा पर अपना व्याख्यान दिया.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें