28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jamui News : जिले में 13 जल परियोजनाओं पर खर्च हुए करोड़ों रुपये, फिर भी सूख रही जमीन

Advertisement

जिले में दो अर्धनिर्मित समेत कुल 13 डैम हैं. इसके बावजूद किसानों को खेती में परेशानी हो रही है. इसका लाभ नहीं मिलता. विभाग भी बारिश की आस लगाये बैठा है. 50 सालों में कोई परिवर्तन नहीं आया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jamui News : जमुई. जिले में सिंचाई परियोजनाओं की विफलता के कारण किसान हर साल अकाल झेलने को मजबूर हैं. इस वर्ष भी सही समय पर बारिश नहीं हुई है. जिले में अधिकांश जगहों पर किसानों के खेत सूखे रह गये हैं. किसानों की इस हालत के पीछे जिले की सिंचाई परियोजनाओं का बड़ा हाथ रहा है. बीते पांच दशक में जिले में करोड़ों रुपये खर्च कर लगभग एक दर्जन डैम का निर्माण कर दिया गया. पर सिंचाई की समस्या बरकरार है. दरअसल जिले में करोड़ों खर्च कर अलग-अलग जल परियोजनाओं के तहत 11 डैम का निर्माण किया गया है. डैम निर्माण करने के बाद इसके रखरखाव के नाम पर साल दर साल करोड़ों रुपये भी खर्च किये गये. विभाग के टेंडर के नाम पर भी कई मर्तबा डैम के रखरखाव के नाम पर राशि की निकासी की गयी. पर उसका असर जमीनी स्तर पर देखने को नहीं मिला.

- Advertisement -

पांच दशक में नहीं बदल सका डैम का इतिहास

जमुई जिला कृषि प्रधान है. यहां के किसानों की समस्या दूर करने के उद्देश्य से 1970 के दशक से लेकर आज तक इन जल परियोजनाओं का निर्माण किया गया. इसका उद्देश्य यही था कि वर्षा जल संचयन कर उसका इस्तेमाल सिंचाई के लिए किया जायेगा. यह संभव भी हो पाता अगर इन जल परियोजनाओं के नाम पर लूट-खसोट नहीं होती. राशि की बंदरबांट नहीं की जाती. पांच दशक गुजर गये, पर आज तक इन परियोजनाओं की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सका है. आलम यह हो गया है कि अगर बारिश होती भी है, तो उस पानी को खेतों तक नहीं पहुंचाया जा सकता है. इसका कारण यह है कि डैम से निकलने वाले मेन केनाल व अलग-अलग वितरणी की खुदाई के नाम पर पैसे निकाले तो जरूर जाते हैं, पर उनकी खुदाई ठीक से या वास्तविक रूप से नहीं करायीजाती. इस कारण नहर, केनाल और वितरणी की गहराई आधे से भी कम हो गयी है. वहीं कई इलाकों में स्थिति यह है कि कनाल का नामोनिशान नहीं बचा है. तो कहीं केनाल जंगल में तब्दील हो गये हैं.

नदियों की स्थिति भी हो गयी दयनीय

जमुई जिले में इतनी बड़ी मात्रा में डैम होने के साथ-साथ 1 दर्जन से अधिक नदियों पर भी जिले की सिंचाई व्यवस्था निर्भर करती है. जमुई जिले में किऊल नदी, अजय नदी, आंजन नदी, उलाय नदी, भारोडोरी नदी, पतरो नदी, डढवा नदी, बरनार नदी, सुखनर नदी, बुनबूनी नदी से भी सिंचाई की जाती रही है. पर इन डैम की स्थिति खराब होने का असर इन नदियों पर भी पड़ाहै. बारिश नहीं होने के कारण ये नदियां सूख कर विलुप्त होने के कगार पर हैं. इस कारण अब ट्यूबवेल और बोरिंग के सहारे खेती करना किसानों के लिए एकमात्र उपाय बचा है. वास्तविकता यह है कि बोरिंग से सिंचाई संभव नहीं है

बारिश की आस में अभी भी बैठे हैं किसान

जिले में कई सारी जल परियोजना के बावजूद अभी तक किसान बारिश की आस में बैठे हुए हैं. गौरतलब है कि रोहिणी नक्षत्र निकलता जा रहा है, लेकिन अभी तक धान का बिचड़ा भी तैयार नहीं हो सका है. किसान बारिश की उम्मीद में बैठे हैं और अगर समय पर बारिश नहीं हुई तो ऐसे में किसान धान का बिचड़ा सही समय पर तैयार नहीं कर पायेंगे. इतना ही नहीं कई जगह पर किसान अब मोटर के सहारे खेती करते हैं. लेकिन बिजली की अनियमित आपूर्ति से भी किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ताहै. कुल मिलाकर किसानों को बारिश के सहारे जिले में खेती करनी पड़तीहै. सभी जल परियोजनाएं किसानों के किसी काम नहीं आ रही है.

जिले में कौन-कौन से हैं डैम, जिनसे होती है सिंचाई

  • 1. गरही डैम
  • 2. घाघरा डैम
  • 3. अजय डैम
  • 4. नागी डैम
  • 5. नकटी डैम
  • 6. कुम्हैनी डैम
  • 7. परमनिया डैम
  • 8. दीवान आहर डैम
  • 9. बेलाटांड डैम
  • 10. तिलवरिया डैम
  • 11. चिरैया डैम
  • (साथ ही दो अर्ध निर्मित डैम पर योजनाएं भी हैं. जिसमें सिकंदरा में कुंड घाट डैम व बरनार जलाशय योजना अर्धनिर्मित है)

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें