16.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 01:10 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jamui News : कंधे पर बिठाकर बच्चों को स्कूल पहुंचाते हैं अभिभावक

Advertisement

जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र का जतहर गांव पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है. लोग नदी की तेज धार से गुजरकर गांव से बाहर जाते हैं. साल के छह महीने अपने ही गांव में कैद होकर रह जाते हैं. कोई बीमार हो, तो चारपाई पर अस्पताल ले जाना पड़ता है. इस दिशा में प्रशासनिक पहल नहीं हो रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jamui News : राहुल सिंह, जमुई. भारत ने आजादी के बाद कई क्षेत्रों में तरक्की की है. लेकिन जमुई जिले का जतहर गांव आज भी पिछड़ेपन का शिकार है. इस गांव के लोग साल के छह महीने अपने ही गांव में कैद होकर रह जाते हैं. इस स्थिति ने गांववासियों की रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह से प्रभावित हो जाती है. खैरा प्रखंड क्षेत्र के जतहर गांव के रहने वाले लोगों का जीवन एक नदी पर निर्भर है. गांव के मुख्य रास्ते पर बहने वाली यह नदी बरसात के मौसम में उफाना जाती है. नदी का पानी इतनी तेजी से बहता है कि डर के मारे गांववासी भगवान भरोसे निकलते हैं. इस नदी की वजह से गांव में कोई सड़क नहीं है. नदी को ही पार करना एकमात्र तरीका है. पानी का तेज बहाव और नदी का उफान गांववासियों के लिए स्थायी संकट बना हुआ है. इसके निदान का कोई उपाय नहीं निकल पा रहा है.

- Advertisement -

जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं बच्चे

इस गांव के बच्चों को भी अपनी शिक्षा के लिए जान जोखिम में डालना पड़ताहै. बरसात के मौसम में जब नदी का बहाव सबसे तेज होता है, तब बच्चों को स्कूल जाने के लिए नदी पार करनी पड़तीहै. हाल ही में एक बच्चा और उसकी मां नदी में बह गये थे, लेकिन गांववासियों की तत्परता से उनकी जान बचायी जा सकी थी. इस तरह की घटनाएं न केवल बच्चों के लिए खतरे की घंटी हैं, बल्कि परिवारों के लिए भी असहज स्थिति उत्पन्न करती है. शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच के बिना, गांव के लोगों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है.

समय पर नहीं मिल पाता चिकित्सा का लाभ

जमुई के इस गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी अत्यंत खराब है. गांव में अगर किसी की तबीयत बिगड़ जाती है, तो उसे चारपाई पर उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ताहै. यह स्थिति ग्रामीणों के लिए बहुत ही कठिन और खतरनाक होती है. खराब मौसम में नदी का तेज बहाव और जंगलों के बीच का रास्ता, मरीजों की जिंदगी के लिए खतरा उत्पन्न कर देता है. ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर कई बार शिकायत की गयी है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है.

अपने समस्या के निराकरण की आस में हैं ग्रामीण

पिछले सत्तर सालों से भी अधिक समय से इस गांव के लोग प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस समस्या के समाधान की उम्मीद लगाए हुए हैं, लेकिन आज तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि हमने कई बार इस स्थिति की जानकारी दी है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाये गये हैं. गांव में लगभग 500 घर हैं और 3000 की आबादी निवास करती है, जो छह महीने तक एक टापू पर तरह कैद रहती है. इस स्थिति ने गांववासियों की जीवनशैली को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है. सरकार से राहत की उम्मीद में ग्रामीण लगातार अपने अधिकारों की लड़ाईलड़ रहे हैं.

ग्रामीणों ने कहा- बस भगवान का नाम लेकर जी रहे हैं

हमारी स्थिति बेहद खराब है. बरसात के मौसम में नदी का पानी इतना बढ़ जाता है कि हम अपने घर से बाहर नहीं निकल पाते. हमारे बच्चों को स्कूल जाने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ताहै. भगवान का नाम लेकर नदी पार करते हैं. प्रशासन को हमारी स्थिति पर ध्यान देना चाहिए. अब तक किसी ने हमारी मदद नहीं की.
-दीपक रविदास, ग्रामीण
अगर किसी की तबीयत खराब हो जाती है, तो हमें उसे चारपाई पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ताहै. यह बेहद खतरनाक है क्योंकि खराब मौसम में नदी का बहाव तेज हो जाता है. हमने कई बार प्रशासन को इस बारे में बताया है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. हमें समस्या का खुद ही जूझना पड़ रहा है.
-तेतरी देवी, ग्रामीण
गांव में बच्चों की शिक्षा पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है. बच्चे नदी पार करने के दौरान अक्सर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं. हाल ही में एक बच्चे की जान बचायीगयी. लेकिन कितनी जानें बचेंगी? शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की भीषण कमी है. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और उचित कार्रवाई करेगी.
-बुद्धदेव रविदास, ग्रामीण
हमने कई बार जनप्रतिनिधियों से इस समस्या को लेकर शिकायत की है, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. हमारी पूरी आबादी छह महीने तक एक टापू पर कैद रहती है. प्रशासन को गांव की स्थिति सुधारने के लिए शीघ्र कदम उठाने चाहिए. गांववासियों की जिंदगी बेहतर होनी चाहिए, और इसके लिए हमें अब तक संघर्ष करना पड़ रहा है.
-नीरज कुमार, ग्रामीण

कहते हैं जिलाधिकारी

अगर इस तरह की समस्या हमारे क्षेत्र में है, तो मैं स्वयं इसका भौतिक सत्यापन करूंगा. ग्रामीणों के हित में जो हो सकेगा, उसे जल्द से जल्द किया जायेगा.
-राकेश कुमार, जिलाधिकारी

कहते हैं विधायक

जतहर गांव की अन्य समस्या को दूर करने का प्रयास किया है. इस समस्या के निष्पादन को लेकर हमारा प्रयास जारी है. विधानसभा में भी मुद्दा उठाया जायेगा. ग्रामीणों के हित में जो हो सकेगा, करवाने का प्रयास किया जायेगा.
-प्रफुल्ल मांझी, विधायक

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें