16.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 01:34 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार का इकलौता IPS अफसर, जिसने लालू यादव के नाक में कर दिया था दम, CM राबड़ी ने पद से हटाया तो छोड़ी नौकरी

Advertisement

Bihar: 1967 बैच के आईपीएस अधिकारी डीपी ओझा को न तो पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और न ही राष्ट्रीय जनता दल के नेता पंसद करते थे. इसके बावजूद राबड़ी देवी की सरकार ने उन्हें बिहार का डीजीपी नियुक्त किया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक डीपी ओझा का गुरुवार 5 दिसंबर की रात लंबी बिमारी के बाद निधन हो गया. ओझा के बारे में लोग बताते है कि वह बिहार के उन चुनिंदा अफसरों में से एक थे जिन्होंने पद पर रहते हुए लालू यादव की सरकार के दौरान हो रही गुडांगर्दी को रोकने की कोशिश की. इतना ही नहीं जब समय से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने उन्हें पद से हटाया तो इसके विरोध में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. 

- Advertisement -

जनवरी 2003 में राबड़ी सरकार में बने थे DGP

1967 बैच के आईपीएस अधिकारी डीपी ओझा भूमिहार जाति से आते थे। उनकी कार्यप्रणाली को न तो पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और न ही राष्ट्रीय जनता दल के नेता पंसद करते थे. इसके बावजूद    तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ओझा को वरीयता के आधार पर बिहार के डीजीपी पद पर नियुक्त किया. जिसके बाद पुलिस महानिदेशक रहते हुए उन्होंने सीवान से तत्कालीन सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया. उस समय शहाबुद्दीन के खिलाफ हत्या, अपहरण, फिरौती जैसे कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे. इन केसों की जांच के दौरान ओझा के नेतृत्व में शहाबुद्दीन के ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी और गिरफ्तारी अभियान चलाया. जिससे नाराज होकर राबड़ी देवी ने उन्हें पद से हटा दिया.  

पद से हटाया तो सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा 

पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और राजद नेताओं से मेल न होने के कारण  ओझा तब की सरकार के आंखों में खटकने लगे. इसके बाद राबड़ी देवी सरकार ने दिसंबर 2003 में डीपी ओझा को पद से हटा दिया और सूबे के पुलिस विभाग का नया मुखिया डब्लूएच खान को बना दिया. इससे आहत होकर ओझा ने रिटायरमेंट से पहले ही भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. वैसे भी वह फरवरी 2004 में रिटायर होने वाले थे. वहीं, डीजीपी को बिना किसी गलती के पद से हटाए जाने पर विपक्ष ने इसे मुद्दा बना दिया जो आगे चलकर राबड़ी देवी सरकार के लिए खतरा बना. 

बिहार ने लफंगों के हाथों में सत्ता डाल दी

इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री जेल में बंद अपने सांसद शहाबुद्दीन से मिलने पहुंचे तो डीपी ओझा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कह दिया कि बिहार के लोगों ने लफंगों के हाथों में सत्ता डाल दी. सत्ताधारी नेता भी अपराधियों के चरण छूने पहुंच जाते हैं. नौकरी से इस्तीफा देने के बाद ओझा ने 2004 में बेगूसराय से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा.

इसे भी पढ़ें: Bihar: मोदी सरकार ने दी बिहार को 3900 करोड़ के फोरलेन हाइवे की सौगात, पटना से दिल्ली जाना होगा आसान 

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें