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Darbhanga News: दादा की वक्फ की गई जमीन को पोतों ने बेचा, सर्वे करने गई टीम पर किया हमला

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Darbhanga News: दरभंगा में साल 1921 में वक्फ की गई जमीन को अब उनके पोतों ने करीब 100 साल बाद अधिकारियों के साथ मिलकर बेच दिया है.

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Darbhanga News: बिहार के दरभंगा में परदादा ने जो जमीन आज से 100 साल पहले वक्फ बोर्ड को दान कर दी थी. उस जमीन को अब पोतों ने बेच दिया है. यह मामला जिले के हनुमान नगर अंचल के तालपुपरी मौजे का है. अब इस जमीन की वापसी के लिए वक्फ बोर्ड के लोग अधिकारी से गुहार लगा रहे है. बोर्ड के सदस्य हाजी मो महबूब आलम ने बताया कि साल 1921 में मरहूम एलाही बख्श ने वक्फ अल औलाद को यह जमीन वक्फ किया था. लेकिन उनके नातियों ने अधिकारियों की मिलीभगत से उसे बेच डाला. इस बीच भू माफिया मस्जिद की जमीन को नापने के लिए पहुंच गए और उनके ऊपर हमला कर दिया. उनके साथ गाली गलौज, मारपीट की गई. लेकिन पुलिस के पहुंचने के कारण बाल बाल बच गए.

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जमीन का कब्जा हमारे पास: महबूब आलम

मरहूम इलाही बख्श के परपोते हाजी मो महबूब आलम ने बताया कि मेरे परदादा ने 1921 में जमीन का 16 आना वक्फ अल औलाद कर दिया. इसमें करीब 22 एकड़ 29 डिसमिल जमीन है. वक्फ का मतलब है कि इस जमीन पर हम घर बनाकर रह सकते है या उपजा कर सकते है,बेच नहीं सकते है. लेकिन इसमें से 14 एकड़ जमीन लिखाई गई है. जबकि वक्फ अल औलाद की भूमि के रूप में कई दस्तावेज हमारे पास है. अधिकारियों की मिलीभगत से इसे बेच दिया गया है. इधर जमीन बेचने वाले ने दावा किया कि हमारे पूर्वजों और उनकी बहन ने 1948 में रजिस्ट्री कर दिया.

जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं भू-माफिया: पीड़ित 

इस पूरे मामले में इलाही बख्श के वंशज ने कहा कि जब हमारे परदादा हासिम खान के नाम केवाला कर दिए वक्फनामा कर दिए, तो उनके नातियों का इस जमीन पर कोई अधिकार नहीं बनता है. लेकिन फुलवरिया एवं औंसी के रहने वाले उनके नातियों ने इस जमीन को बेच दिया. सौ डेढ सौ साल बाद वे आते है और जमीन भू माफिया को कर देते है. अब भू माफिया से हम लोगों के जान का खतरा है. हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले और जमीन वक्फ बोर्ड को वापस हो. कुछ भू माफिया 6 दिसंबर को मस्जिद की जमीन को भी नापने आ गए थे. जब हम नमाज पढ़ने जा रहे थे, तो हम पर भी हमला हुआ. हमारे साथ मारपीट हुई और जान से मारने की धमकी दी गई.

वक्फ बोर्ड के वेबसाइट पर उक्त संपत्ति दर्ज नहीं: डीएम 

डीएम राजीव रौशन ने कहा कि इस बारे में परिवादी से शिकायत मिली है. साथ ही परिवादी उनसे मिले हैं. लेकिन वक्फ बोर्ड के वेबसाइट पर उक्त संपत्ति दर्ज नहीं है. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के आदेश में उक्त जमीन को वक्फ की संपत्ति नहीं बताया गया है. इसके बाद उस जमीन की रजिस्ट्री हुई है. अगर वक्फ बोर्ड के द्वारा संशोधित आदेश में उक्त जमीन को वक्फ की बताई जाती है तो उस आलोक में करवाई होगी.

इसे भी पढ़ें: वक्फ की संपत्ति नहीं ले सकती मोदी सरकार : फिरहाद

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