13.6 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 02:41 am
13.6 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार: राजभवन ने मुख्य सचिव से की केके पाठक की शिकायत, इस मामले में एक्शन लेने को कहा

Advertisement

राज्यपाल के प्रधान सचिव रोबर्ट एल चौंग्थू ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि शिक्षा विभाग के कुछ कदमों से राज्य का शैक्षणिक माहौल खराब हुआ है. इसके साथ ही उच्च शिक्षा को लेकर पारित तीन पत्रों का हवाला देते हुए कार्रवाई करने को कहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

राजभवन ने शिक्षा विभाग के कुछ विशेष आदेशों को असंवैधानिक मानते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंग्थू ने बिहार के मुख्य सचिव को उच्च शिक्षा को लेकर पारित कुछ आदेशों का हवाला देते हुए एक पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है कि शिक्षा विभाग के कुछ कदमों के कारण राज्य का शैक्षणिक माहौल खराब हो गया है. प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंग्थू ने मुख्य सचिव से कहा है कि इस संबंध में राज्यपाल ने मुझे निर्देश दिया है कि मैं आपसे इस मामले में तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करूं.

- Advertisement -

राज्यपाल ने माना कि शैक्षणिक माहौल को नष्ट करने का किया जा रहा प्रयास

राज्यपाल के प्रधान सचिव ने उच्च शिक्षा के संदर्भ में जारी तीन पत्रों का हवाला देते हुए राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है. मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल ने माना है कि शिक्षा विभाग के आदेश से ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग राज्य के शैक्षणिक माहौल को बर्बाद करना चाहता है.

विधान परिषद सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को सौंपा था ज्ञापन

दरअसल, राज्य विधान परिषद के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 19 दिसंबर को राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था. विधान पार्षदों ने शिक्षा विभाग के फैसलों को असंवैधानिक, निरंकुश और अपने विशेषाधिकारों का हनन बताते हुए उस पर कड़ा विरोध जताया था. राज्यपाल से शिक्षा विभाग के उक्त संदर्भित पत्रों को रद्द करने के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्रवाई करने की अपील भी की गयी थी.

21 और 28 नवंबर को जारी किये गए पत्रों का दिया गया हवाला

जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने कुछ विशेष मामलों में कुछ एमएलसी का वेतन और पेंशन रोकने का आदेश दिया था. इसके अलावा सरकारी आदेशों की आलोचना करने वाले कुछ शिक्षक संगठनों के नेताओं का वेतन और पेंशन रोकने के आदेश भी दिए गए. राजभवन ने जिन पत्रों का हवाला देते हुए यह पत्र लिखा है, उनमें से एक 21 नवंबर को और दूसरा 28 नवंबर को जारी किया गया था.

Also Read: बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर केके पाठक ने दी खुशखबरी, कहा हर साल आएंगी 50 हजार वैकेंसी

क्या था विधान पार्षदों के ज्ञापन में

ज्ञापन के माध्यम से विधान पार्षदों ने राज्यपाल के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा था कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कुछ आदेशों के जरिये अपना मनमाना रवैया जाहिर किया है. इस पर नियंत्रण लगना चाहिए. विधान पार्षदों ने अपनी शिकायत में कहा था कि शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को संघ बनाने और विभिन्न मुद्दों पर विरोध व्यक्त करने के अधिकार पर पाबंदी लगायी है. साथ ही अखबारों में विज्ञप्ति जारी करने के कारण कुछ शिक्षक संगठनों के वेतन और पेंशन पर भी रोक लगायी गई है, जो संविधान के अनुच्छेद 19, 20 और 21 के प्रावधान पर मौलिक अधिकारों का हनन है. यह रोक हटनी चाहिए.

Also Read: केके पाठक के विभाग का नया आदेश, 25 दिसंबर से शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें