15.2 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 01:11 am
15.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Gopalganj News : परिवार पर पड़ी आफत, तो 500 की दिहाड़ी पर मणिपुर कमाने चला गया सोनेलाल मुखिया

Advertisement

Gopalganj News : गंडक नदी के किनारे बसे बीन टोली गांव के श्रमिक सोनेलाल मुखिया का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था. अपने घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने और परिवार की खुशहाली के लिए वह दिन-रात मेहनत कर रहा था. कभी खेतों में काम करता, तो कभी गांव में छोटी-मोटी नौकरी ढूंढ़ता. लेकिन, बाढ़ की त्रासदी ने उसके जीवन को एक और मोड़ पर ला दिया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

गोपालगंज. गंडक नदी के किनारे बसे बीन टोली गांव के श्रमिक सोनेलाल मुखिया का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था. अपने घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने और परिवार की खुशहाली के लिए वह दिन-रात मेहनत कर रहा था. कभी खेतों में काम करता, तो कभी गांव में छोटी-मोटी नौकरी ढूंढ़ता. लेकिन, बाढ़ की त्रासदी ने उसके जीवन को एक और मोड़ पर ला दिया.

बाढ़ की त्रासदी से बिगड़ी परिवार की आर्थिक स्थिति

गंडक नदी से आयी बाढ़ में उसका खेत और पक्का घर पूरी तरह से तबाह हो गये थे. इसके बाद, परिवार का खर्च चलाने के लिए उसे अपनी किस्मत को दूसरे स्थानों पर आजमाने की जरूरत महसूस हुई. सोनेलाल का जीवन एक ओर संघर्ष का हिस्सा बन गया, जब उसके बड़े भाई मुन्ना लाल, जो पहले गांव में ही रहते थे, अपनी शादी के बाद हिमाचल प्रदेश में अपनी ससुराल में बस गये. घर में बचे चार भाईयों के साथ बुजुर्ग मां-बाप भी थे, जिनकी देखभाल का जिम्मा अब सोनेलाल पर था. गांव में कोई काम नहीं मिलने के कारण, वह और उसका परिवार बहुत ही कठिनाई में जीवनयापन कर रहे थे. ऐसे में एक दिन उसने और उसके पिता ने मणिपुर जाने का निर्णय लिया, जहां शायद रोजगार के अवसर मिल सके. इस निर्णय के बाद, सोनेलाल अपने पिता बिरेंद्र मुखिया के साथ मणिपुर के काकचिंग जिले में मजदूरी करने चला गया. वहां उसे प्रतिदिन 500 रुपये की दिहाड़ी पर काम मिल गया था. दीपावली के अगले दिन, यानी एक नवंबर को सोनेलाल ने घर से रवाना होकर अपनी मेहनत से घर का खर्च और अपने छोटे भाईयों की पढ़ाई का खर्च उठाने की उम्मीद जतायी थी.

सोनेलाल की हत्या से टूट गया भाईयों का सपना

सोनेलाल की मां लीलावती देवी ने बताया कि छठ महापर्व के समय लोग घर लौटते हैं, लेकिन पेट की भूख ऐसी थी कि हमें त्योहार से पहले ही मणिपुर जाना पड़ा. बेटे ने हमेशा हमें भरोसा दिलाया था कि वह छोेटे भाईयों लक्ष्मण और आनंद की पढ़ाई के लिए भी पैसा भेजेगा, लेकिन अब वो हमसे हमेशा के लिए दूर चला गया. लीलावती देवी के आंसू थम नहीं रहे थे और उनकी बातों में एक गहरी चिंता और दुःख का आभास हो रहा था. बीते तीन दिसंबर को सोनेलाल ने अपने घर के लिए कुछ पैसे भेजे थे और अगले महीने घर बनाने के लिए और पैसे इकट्ठा करने की योजना बनायी थी. सोनेलाल का सपना था कि उसकी मेहनत से उसका परिवार एक बेहतर जीवन जी सकेगा. लेकिन 14 दिसंबर को मणिपुर में हुई उपद्रवी घटना ने सोनेलाल की जीवन की सभी आशाओं को समाप्त कर दिया. हिंसा वाले मणिपुर में उपद्रवियों ने सोनेलाल को गोली मारी और उसकी मृत्यु हो गयी. सोनेलाल की हत्या के बाद उसके परिवार में शोक का माहौल है. पिता वीरेंद्र मुखिया, सोनेलाल के शव को इम्फाल मेडिकल कॉलेज से पोस्टमार्टम के बाद लेकर गोपालगंज के लिए रवाना हो गये हैं.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें