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Gopalganj News : राजेंद्र स्टैंड बस स्टैंड की जमीन के फर्जीवाड़े में सीओ, सीआइ, राजस्व कर्मी की जमानत पर आदेश सुरक्षित

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Gopalganj News : राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन के फर्जीवाड़े में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-16 शेफाली नारायण के कोर्ट में सीओ, सीआइ, राजस्व कर्मचारी की अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई.

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गोपालगंज. राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन के फर्जीवाड़े में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-16 शेफाली नारायण के कोर्ट में सीओ, सीआइ, राजस्व कर्मचारी की अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने घंटों बचाव व अभियोजन पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया. बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता शैलेंद्र तिवारी, अब्बू शमीम, अली असगर की ओर से निलंबित सीओ गुलाम सरवर, सीआइ जटाशंकर प्रसाद, बर्खास्त राजस्व कर्मचारी दिनेश मिश्रा के पक्ष में कोर्ट को बताया गया कि वे सरकारी लोक सेवक हैं. एफआइआर करने से पूर्व नियोक्ता पदाधिकारी से इजाजत नहीं ली गयी. कोर्ट को बचाव पक्ष की ओर से बताया गया कि आरोपितों के योगदान के पहले का फर्जीवाड़ा है. ये लोग निर्दोष हैं. इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी जाये. वहीं विरोध करते हुए नगर परिषद की ओर से अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी व अभियोजन की ओर से एपीपी हरेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि यह केस जमीन किसकी है, इसके लिए नहीं है. यह केस जमाबंदी करने में फ्रॉड का है. इनको लोक सेवक बता कर अनुमति नहीं होने की बात कही जा रही. तो जान लेना चाहिए कि कोर्ट को संज्ञान लेने के पूर्व अनुमति लेना होता है. पटना हाइकोर्ट में अजय दुबे की ओर से दाखिल जमीन के कागजात में एक बिगहा, 15 कट्ठा, नौ धूर है. जमाबंदी एक बिगहा 14 कट्ठा नौ धूर का होता है. एक कट्ठा जमीन ये कैसे छोड़ दिये. पुलिस को क्यों नहीं दे रहे मूल दस्तावेज नगर परिषद की ओर से सीओ व रजिस्ट्रार से कुछ कागजात मांगे गये हैं. सीओ व रजिस्ट्रार की ओर से भ्रमित करने वाली रिपोर्ट दी गयी है. वेद प्रकाश तिवारी ने बताया कि हाइकोर्ट ने अजय दुबे की अरेस्टिंग इसलिए स्टे की कि वे अपना मूल दस्तावेज पुलिस को दें, ताकि जांच हो सके. आठ दिन बीत गये. मूल दस्तावेज नहीं दिये गये. रजिस्ट्री कार्यालय छाप रजिस्टर, स्टांप वेंडर का नाम व इश्यू रजिस्टर, दस्तावेज मांगे गये हैं ताकि फॉरेंसिक जांच हो सके कि उसकी उम्र, लिखावट कब की है. नगर परिषद का पुराना कार्यालय बस स्टैंड में ही था. इसमें बहुत सारे कागजात हैं. जिसे छू लेने पर फट जा रहा है. उसको स्कैन किया जा रहा है. ऑनरेबल कोर्ट को समय पर उपलब्ध करा दिया जायेगा. उसके बाद कोर्ट ने जमानत पर निर्णय को सुरक्षित रख लिया. वहीं, कोर्ट के मांगने के बाद भी पुलिस की ओर से पुरानी ही डायरी को उपलब्ध करा दिया गया. अप टू डेट डायरी नहीं मिली. बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट से अपील की गयी कि जो आदेश करना है, कर दिया जाये. उसके बाद कोर्ट ने ऑर्डर रख लिया. मालूम हो कि डीएम के आदेश पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुलधर दुबे ने नगर थाने में 18 सितंबर को सीओ, राजस्व कर्मचारी, सीआइ व भू-माफिया सासामुसा के चंद्रमा दुबे के पुत्र अजय दुबे के खिलाफ नगर थाना कांड सं-673/24 दर्ज करा दिया था. खतियान एवं पंजी-2 के आधार पर जमाबंदी दाखिल-खारिज केस नं0-360/1980-81 के द्वारा पुराने जमाबंदी नं0-192 एवं 195 से घटाकर निलंबित सीओ गुलाम सरवर के द्वारा दो सितंबर 2024 को सुबह 10:44 बजे भू-माफिया अजय दुबे के नाम पर जमाबंदी परिमार्जन के तहत की गयी. तीन सितंबर को 1985 से 2025 तक की रेंट रसीद भी काट दी गयी थी.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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