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Tuesday, February 11, 2025 | 07:14 am
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Gopalganj News : एनआइए ने विदेश भेजनेवाले एजेंट, उनके सहयाेगी व उनके रिश्तेदारों के यहां ली तलाशी, खुलेंगे कई राज

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गोपालगंज. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) की जांच लगातार दूसरे दिन भी चली. गोपालगंज के अलग-अलग ठिकानों पर एनआइए ने विदेश भेजनेवाले एजेंट, सहयाेगी और उनके रिश्तेदारों के यहां तलाशी ली. एनआइए के सहयोग में स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही. तलाशी में संपत्ति और वित्तीय दस्तावेजों के साथ-साथ मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप और आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित कई डिजिटल उपकरणों को जब्त किया गया. इसके अलावा, रु. 34,80,800/- नकद भी बरामद किया गया है. एनआइए ने एक कमरे में सभी एजेंटों को अलग-अलग करके घंटों पूछताछ की है. एनआइए ने कई लोगों को नोटिस देकर पटना में पूछताछ के लिए भी बुलाया है. गोपालगंज में मांझा, मीरगंज, हथुआ, कुचायकोट, नगर थाना क्षेत्र के अलावा एजेंटों के कई ठिकानों पर जांच की है.

युवाओं को दिये जा रहे थे आकर्षक लोभ

एनआइए की अब तक की जांच से पता चला है कि युवाओं को आकर्षक वैध नौकरियों के बहाने लुभाया जा रहा था और फिर उन्हें साइबर गुलामी के लिए मजबूर किया गया. तस्करी के शिकार युवाओं को उनके पासपोर्ट जब्त करके घोटालेबाज कंपनियों में स्थानांतरित किया जा रहा था. पीड़ितों द्वारा एनआइए को दिये गये बयानों में साइबर धोखाधड़ी करने से इंकार करने पर घोटालेबाज कंपनियों के प्रबंधकों द्वारा बिजली के झटके सहित मानसिक और शारीरिक यातना देने का खुलासा हुआ है. मामले में आगे की जांच जारी है. हालांकि स्थानीय पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है. वहीं, एनआइए की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऑपरेशन गुरुवार को मानव तस्करी और जबरन साइबर धोखाधड़ी मामले में छह राज्यों में 22 स्थानों पर चलाया गया. एनआइए ने इस दौरान गोपालगंज समेत सभी जगहों पर व्यापक तलाशी ली.

डाटा व दस्तावेज हटाने में जुटे एजेंट

वहीं, एनआइए की इस कार्रवाई से विदेश भेजनेवाले एजेंटों में हड़कंप मचा हुआ है. एनआइए के राडार में कौन-कौन लोग हैं, ये कहा नहीं जा सकता है, लेकिन एनआइए की कार्रवाई शुरू होने के बाद से कई एजेंट, उनके रिश्तेदार और इस गोरखधंधे में लगे लोग भूमिगत हो गये हैं. विदेश भेजने वाले कई एजेंट अपने कंप्यूटर और फोन के साथ-साथ इ-मेल से डाटा हटाने में लगे हुए हैं, लेकिन इनके लिए यह कदम नुकसानदायक साबित हो सकता है. डाटा या किसी दस्तावेज से छेड़छाड़ करने के बाद भी एनआइए के राडार से दोषी बच नहीं सकते हैं. नगर थाने के अलावा अन्य थानों के पुलिस पदाधिकारियों से भी एजेंटों के बारे में एनआइए ने जानकारी और सबूत इकट्ठा किया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

गोपालगंज. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) की जांच लगातार दूसरे दिन भी चली. गोपालगंज के अलग-अलग ठिकानों पर एनआइए ने विदेश भेजनेवाले एजेंट, सहयाेगी और उनके रिश्तेदारों के यहां तलाशी ली. एनआइए के सहयोग में स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही. तलाशी में संपत्ति और वित्तीय दस्तावेजों के साथ-साथ मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप और आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित कई डिजिटल उपकरणों को जब्त किया गया. इसके अलावा, रु. 34,80,800/- नकद भी बरामद किया गया है. एनआइए ने एक कमरे में सभी एजेंटों को अलग-अलग करके घंटों पूछताछ की है. एनआइए ने कई लोगों को नोटिस देकर पटना में पूछताछ के लिए भी बुलाया है. गोपालगंज में मांझा, मीरगंज, हथुआ, कुचायकोट, नगर थाना क्षेत्र के अलावा एजेंटों के कई ठिकानों पर जांच की है.

युवाओं को दिये जा रहे थे आकर्षक लोभ

एनआइए की अब तक की जांच से पता चला है कि युवाओं को आकर्षक वैध नौकरियों के बहाने लुभाया जा रहा था और फिर उन्हें साइबर गुलामी के लिए मजबूर किया गया. तस्करी के शिकार युवाओं को उनके पासपोर्ट जब्त करके घोटालेबाज कंपनियों में स्थानांतरित किया जा रहा था. पीड़ितों द्वारा एनआइए को दिये गये बयानों में साइबर धोखाधड़ी करने से इंकार करने पर घोटालेबाज कंपनियों के प्रबंधकों द्वारा बिजली के झटके सहित मानसिक और शारीरिक यातना देने का खुलासा हुआ है. मामले में आगे की जांच जारी है. हालांकि स्थानीय पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है. वहीं, एनआइए की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऑपरेशन गुरुवार को मानव तस्करी और जबरन साइबर धोखाधड़ी मामले में छह राज्यों में 22 स्थानों पर चलाया गया. एनआइए ने इस दौरान गोपालगंज समेत सभी जगहों पर व्यापक तलाशी ली.

डाटा व दस्तावेज हटाने में जुटे एजेंट

वहीं, एनआइए की इस कार्रवाई से विदेश भेजनेवाले एजेंटों में हड़कंप मचा हुआ है. एनआइए के राडार में कौन-कौन लोग हैं, ये कहा नहीं जा सकता है, लेकिन एनआइए की कार्रवाई शुरू होने के बाद से कई एजेंट, उनके रिश्तेदार और इस गोरखधंधे में लगे लोग भूमिगत हो गये हैं. विदेश भेजने वाले कई एजेंट अपने कंप्यूटर और फोन के साथ-साथ इ-मेल से डाटा हटाने में लगे हुए हैं, लेकिन इनके लिए यह कदम नुकसानदायक साबित हो सकता है. डाटा या किसी दस्तावेज से छेड़छाड़ करने के बाद भी एनआइए के राडार से दोषी बच नहीं सकते हैं. नगर थाने के अलावा अन्य थानों के पुलिस पदाधिकारियों से भी एजेंटों के बारे में एनआइए ने जानकारी और सबूत इकट्ठा किया है.

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