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Gaya News : दलाईलामा के बोधगया आने की उम्मीद खत्म, श्रद्धालुओं में मायूसी

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बोधगया. बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा के इस वर्ष बोधगया में टीचिंग कार्यक्रम की उम्मीद लगभग समाप्त हो गयी है. अब तक दलाईलामा के बोधगया आने की सूचना आधिकारिक रूप से नहीं मिल सकी है. दलाईलामा के प्रवास स्थल तिब्बत मोनास्टरी के प्रभारी लामा आमजे भी फिलहाल यह बताने में असमर्थ हो रहे हैं कि दलाईलामा का आने वाले दिनों में बोधगया आगमन होगा या नहीं. इसी तरह जिला प्रशासन को भी दलाईलामा के आगमन की सूचना नहीं मिल सकी है. वैसे, दलाईलामा का हर वर्ष कालचक्र मैदान में तीन दिनों तक टीचिंग का कार्यक्रम होता रहा है. 30 दिसंबर से एक जनवरी तक दलाईलामा का कार्यक्रम कालचक्र मैदान में होता रहा है. अपने धर्मगुरु की टीचिंग व उनके द्वारा की जाने वाली पूजा-आराधना में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में बौद्ध लामा, भिक्षुणी व श्रद्धालुओं के साथ विभिन्न देशों के दलाईलामा के अनुयायी भी बोधगया पहुंचते हैं. इनके कारण यहां स्थित होटल, गेस्ट हाउसों के साथ ही निजी घरों में भी श्रद्धालुओं के प्रवास करने से व्यवसाय को बल मिलता है. श्रद्धालुओं के आगमन के कारण छोटे-छोटे होटल, रेस्टोरेंट के साथ ही फुटपाथ पर दुकानें लगाने वाले मध्यम व छोटे दुकानदारों को लाभ मिलता है. ऑटो, ई-रिक्शा के साथ ही अन्य वाहनों की भी व्यस्तता बनरी रहती है. उन्हें भी बोधगया के पर्यटन सीजन का आनंद व रोजगार का अवसर मिल पाता है. फल व सब्जी विक्रेताओं के साथ ही किराना दुकानदारों की भी बिक्री बढ़ जाती है. माला-फोटो से लेकर अन्य व्यवसाय को भी दलाईलामा की मौजूदगी का अहसास हो पाता है. कुल मिला कर बोधगया की अर्थव्यवस्था को गति देने में दलाईलामा की मौजूदगी व उनकी टीचिंग का बड़ा योगदान होता है. लेकिन, इस वर्ष कारोबार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. विभिन्न क्षेत्रों के व्यवसायियों से बात करने पर यह अंदाजा लगाया गया कि दलाईलामा के बोधगया नहीं आने के कारण चार से पांच करोड़ का नुकसान बोधगया के व्यवसाय को उठाना पड़ सकता है. बहरहाल, ऐसी भी बात सामने आ रही है कि अगले कुछ दिनों में दलाईलामा के बोधगया आने पर निर्णय किया जा सकता है, पर टीचिंग का कार्यक्रम नहीं हो कर केवल तिब्बत मंदिर में प्रवास व महाबोधि मंदिर में धर्मगुरु का पूजा-अर्चना हो सकता है.

आधिकारिक रूप से कोई सूचना नहीं : डीएम

बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा के बोधगया आगमन को लेकर डीएम डॉ त्यागराजन ने बताया कि आधिकारिक रूप से उनके कार्यालय को किसी तरह की सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इस कारण ऐसा प्रतीत होता है कि इस वर्ष दलाईलामा का बोधगया का कार्यक्रम स्थगित हो सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

बोधगया. बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा के इस वर्ष बोधगया में टीचिंग कार्यक्रम की उम्मीद लगभग समाप्त हो गयी है. अब तक दलाईलामा के बोधगया आने की सूचना आधिकारिक रूप से नहीं मिल सकी है. दलाईलामा के प्रवास स्थल तिब्बत मोनास्टरी के प्रभारी लामा आमजे भी फिलहाल यह बताने में असमर्थ हो रहे हैं कि दलाईलामा का आने वाले दिनों में बोधगया आगमन होगा या नहीं. इसी तरह जिला प्रशासन को भी दलाईलामा के आगमन की सूचना नहीं मिल सकी है. वैसे, दलाईलामा का हर वर्ष कालचक्र मैदान में तीन दिनों तक टीचिंग का कार्यक्रम होता रहा है. 30 दिसंबर से एक जनवरी तक दलाईलामा का कार्यक्रम कालचक्र मैदान में होता रहा है. अपने धर्मगुरु की टीचिंग व उनके द्वारा की जाने वाली पूजा-आराधना में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में बौद्ध लामा, भिक्षुणी व श्रद्धालुओं के साथ विभिन्न देशों के दलाईलामा के अनुयायी भी बोधगया पहुंचते हैं. इनके कारण यहां स्थित होटल, गेस्ट हाउसों के साथ ही निजी घरों में भी श्रद्धालुओं के प्रवास करने से व्यवसाय को बल मिलता है. श्रद्धालुओं के आगमन के कारण छोटे-छोटे होटल, रेस्टोरेंट के साथ ही फुटपाथ पर दुकानें लगाने वाले मध्यम व छोटे दुकानदारों को लाभ मिलता है. ऑटो, ई-रिक्शा के साथ ही अन्य वाहनों की भी व्यस्तता बनरी रहती है. उन्हें भी बोधगया के पर्यटन सीजन का आनंद व रोजगार का अवसर मिल पाता है. फल व सब्जी विक्रेताओं के साथ ही किराना दुकानदारों की भी बिक्री बढ़ जाती है. माला-फोटो से लेकर अन्य व्यवसाय को भी दलाईलामा की मौजूदगी का अहसास हो पाता है. कुल मिला कर बोधगया की अर्थव्यवस्था को गति देने में दलाईलामा की मौजूदगी व उनकी टीचिंग का बड़ा योगदान होता है. लेकिन, इस वर्ष कारोबार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. विभिन्न क्षेत्रों के व्यवसायियों से बात करने पर यह अंदाजा लगाया गया कि दलाईलामा के बोधगया नहीं आने के कारण चार से पांच करोड़ का नुकसान बोधगया के व्यवसाय को उठाना पड़ सकता है. बहरहाल, ऐसी भी बात सामने आ रही है कि अगले कुछ दिनों में दलाईलामा के बोधगया आने पर निर्णय किया जा सकता है, पर टीचिंग का कार्यक्रम नहीं हो कर केवल तिब्बत मंदिर में प्रवास व महाबोधि मंदिर में धर्मगुरु का पूजा-अर्चना हो सकता है.

आधिकारिक रूप से कोई सूचना नहीं : डीएम

बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा के बोधगया आगमन को लेकर डीएम डॉ त्यागराजन ने बताया कि आधिकारिक रूप से उनके कार्यालय को किसी तरह की सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इस कारण ऐसा प्रतीत होता है कि इस वर्ष दलाईलामा का बोधगया का कार्यक्रम स्थगित हो सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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