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लॉकडाउन के बीच ‘समर्थ’ बना किसानों का तारणहार

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गया : लॉकडाउन के बीच गेहूं की कटनी में आयी तमाम दिक्कतों को रीपर बाइंडर की मदद से समर्थ नामक संस्था किसानों की समस्याओं को दूर करने में जुटी है. संस्था इस महामारी के बीच तारणहार के रूप में उभर कर सामने आयी है. संस्था की इस पहल से किसानों के बीच गेहूं की कटनी […]

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गया : लॉकडाउन के बीच गेहूं की कटनी में आयी तमाम दिक्कतों को रीपर बाइंडर की मदद से समर्थ नामक संस्था किसानों की समस्याओं को दूर करने में जुटी है. संस्था इस महामारी के बीच तारणहार के रूप में उभर कर सामने आयी है. संस्था की इस पहल से किसानों के बीच गेहूं की कटनी कराने की जबर्दस्त होड़ सी लगी है. फिलहाल संस्था को करीब दो सौ बीघे की कटनी करने का ऑर्डर मिल चुका है. अब तक दस बीघे से अधिक में गेहूं की कटनी की जा चुकी है. हालांकि संस्था के पास एक ही रीपर बाइंडर है, इसलिए वह किसानों के जबर्दस्त डिमांड को पूरा नहीं कर पा रही है.

यही वजह है कि संस्था के प्रयास कोंच से टिकारी तक में ही सिमटा पड़ा है. दरअसल लॉकडाउन के प्रभावी होने के बाद सरकार के तमाम गाइड लाइंस के बीच गेहूं की कटनी एक बड़ी समस्या बन कर सामने आयी है. हैंड सैनिटाइज्ड, मशीन व हसिया सैनिटाइज्ड व सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना व कराना किसानों व मजदूरों के समक्ष बड़ी समस्या बनी हुई है. मजदूर भी ऐसे संकट में किसानों को नहीं मिल रहे हैं. यही नहीं कंबाइंड हार्वेस्टर के चालक भी किसानों को नहीं मिल रहे हैं. इस समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार के कस्टम हयरिंग के तर्ज पर समर्थ ने खुद का रीपर बाइंडर को किराये पर देने का काम शुरू किया तो उसे किसानों ने हाथों हाथ ले लिया.

एक दिन में रीपर बाइंडर करीब छह बीघे में लगी गेहूं की फसल की न केवल कटनी करता है, बल्कि बोझा भी बांध देता है. इससे किसानों का न केवल समय बच रहा है, बल्कि मजदूरी की भी बचत हो रही है. किसान को सिर्फ बोझा उठवा कर घर या खलिहान में पहुंचाने के लिए मजदूर की जरूरत पड़ रही है. इधर, समर्थ संस्था के निदेशक मयंक जैन का कहना है कि फिलहाल किसानों की समस्या तो दूर की जा रही है, पर यह लंबा नहीं खींच पायेगा. ऐसा क्यूं के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि रीपर बाइंडर में बोझा बांधे जाने के लिए विशेष रस्सी का प्रयोग होता है, जो संस्था के पास लिमिट में है. रस्सी की खपत होते ही कटनी का काम ठप पड़ सकता है. क्योंकि उसकी रस्सी आम दुकानों में नहीं मिलती है. वह कंपनी के डीलर्स के पास ही उपलब्ध होते हैं. लेकिन, लॉकडाउन के बीच उस रस्सी की खरीदारी करना आसानी से संभव नहीं दिख रहा है.

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