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बिहार के 4 सपूतों को मिला है भारत रत्न, पटना कॉलेजिएट में पढ़ने वाले इस विभूति का सूची में है पहला स्थान

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Bharat Ratna: भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्‍‌न अभी तक 48 विभूतियों को प्रदान किया गया है. इनमें चार बिहार की माटी से हैं. भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पुरस्कार भारत रत्न है जो एक साल में अधिकतम तीन लोगों को दिया जाता है.

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Bihar News: भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्‍‌न अभी तक 48 विभूतियों को प्रदान किया गया है. इनमें चार बिहार की माटी से हैं. यह सम्मान पहली बार दो जनवरी 1954 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी तथा डॉ. चंद्रशेखर वेंकटरमण को दिया गया था. बिहार की बात करें तो पटना में जन्म लेने वाले विधानचंद्र रॉय को 1961 में भारत रत्न से नवाजा गया था. इसके बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खां को भारत रत्न पुरस्कार मिला था.

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जानिए कौन है ये विभूति

बिधान चंद्र रॉय (Bidhan Chandra Roy) बिहार की राजधानी पटना में जन्म लेने वाले एवं पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री विधान चंद्र राय बिहार के पहले सपूत थे जिन्हें भारत रत्‍‌न दिया गया था. उन्हें डॉ. राजेंद्र प्रसाद से एक साल पहले 1961 में भारत रत्‍‌न से सम्मानित किया गया था. उनका जन्म एक जुलाई 1882 में पटना में हुआ था. उनके पिता का नाम प्रकाश चंद्र राय एवं उनके माता का नाम अघोर कामिनी देवी था. उन्होंने मैट्रिक तक शिक्षा पटना कॉलेजिएट स्कूल से हासिल की थी. उन्होंने स्नातक की पढ़ाई भी पटना कॉलेज से किया था. उन्होंने गणित से स्नातक किया था. उसके बाद मेडिकल की पढ़ाई की थी. उन्हें पश्चिम बंगाल का निर्माता भी कहा जाता है. पेशे से चिकित्सक डॉ. विधान चंद्र राय देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिए थे. उन्हीं के जन्म दिन पर एक जुलाई को हर साल चिकित्सा दिवस मनाया जाता है. एक जलाई 1962 में उनका निधन हो गया था.

डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad) 

राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे. उनका जन्म दिसंबर, 1884 को बिहार के एक छोटे से गांव जीरादेई में हुआ था. इनके पिता का नाम महादेव सहाय था, व माता का नाम कमलेश्वरी देवी था. इनके पिता संस्कृत व फारसी भाषा के बहुत बड़े ज्ञानी थे. डॉ राजेंद्र प्रसाद का बाल विवाह 12 साल की उम्र में हो गया था. उनकी पत्नी का नाम राजवंशी देवी था. आजादी के बाद बनी पहली सरकार में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को पंडित जवाहरलाल नेहरु की सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर खाद्य व कृषि विभाग का काम सौंपा गया था. वे एक विद्वान, प्रतिभाशाली, दृढ़ निश्चयी और उदार दृष्टिकोण वाले व्यक्ति थे. सन 1962 में अपने राजनैतिक और सामाजिक योगदान के लिए उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था. राष्ट्रपति बनने के बाद, प्रसाद जी गैर-पक्षपात व स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी से सन्यास ले लिया. 

जय प्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan) लोकनायक जय प्रकाश नारायण- का जन्म 11 अक्टूबर सन 1903 में बिहार के तात्कालिक सारण जिले के सिताब दियारा में हुआ था. इनके पिता का नाम हरशु दयाला और माता का नाम फूल रानी देवी था. इनके पिता स्टेट गवर्नमेंट के कैनल विभाग में कार्यरत थे. भारत का स्वतंत्रता आन्दोलन हो या राजनैतिक आन्दोलन जयप्रकाश नारायण ने देश सेवा में हमेशा अपना योगदान दिया. इस कारण इन्हें कई यातनाएं सहनी पड़ी, किन्तु उन्होंने हार नहीं मानी. आज भी कई राजनेता इनके नाम का प्रयोग अपने भाषणों में करते हैं. वर्ष 1999 में भारत सरकार की तरफ से लोकनायक जय प्रकाश नारायण को भारत रत्न अवार्ड से नवाज़ा गया था.

बिस्मिल्लाह खान (Bismillah Khan)- बिहार की मिट्टी ने एक से एक प्रतिभाओं को जन्म दिया है. इसी मिट्टी में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां भी जन्मे हैं. 21 मार्च, 1916 को बिहार के बक्सर जिले में कमरुद्दीन खान नामक एक बालक का जन्म हुआ था. कहते हैं कि जैसे ही कमरुद्दीन के दादा ने उन्हें गोद में उठाया, उनके मुंह से निकला ‘बिस्मिल्लाह’. जिसके बाद कमरुद्दीन नामक बालक का नाम बिस्मिल्लाह हो गया. बिस्मिल्लाह खान एक संगीत घराने से ताल्लुक रखते थे. उनके चाचा, अली बक्श, काशी विश्वनाथ मंदिर में शहनाई बजाया करते थे. आजादी मिलने के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराकर आज़ादी का जश्न मनाया. वहीं, उन्होंने इस जश्न में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को भी बुलाया, ताकि वो पूरे भारत को आज़ादी की धुन सुना सके. 1961 में बिस्मिल्लाह खां को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. 1968 में पद्म विभूषणस 1980 में पद्म विभूषण तो वहीं 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया गया था. 21 अगस्त की तारीख भारत रत्न महान फनकार बिस्मिल्लाह खां की रुखसती के तौर पर दर्ज है.

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