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बिहार का यह अफसर निकला धनकुबेर, निगरानी की कार्रवाई में मिला 16 लाख कैश, 1.88 करोड़ का फ्लैट और प्लॉट भी

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निगरानी ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार की सुबह सीवान जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार के कार्यालय और आवास के साथ-साथ पटना में उनके दो ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. इस कार्रवाई में करोड़ों की संपत्ति और लाखों के कैश का पता चला.

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सीवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार के कार्यालय और आवास के साथ-साथ पटना में भी उनके दो परिसरों पर निगरानी ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार की सुबह एक साथ छापेमारी की. निगरानी की टीम को उनके पटना और सीवान स्थित आवास तथा कार्यालय से 16.07 लाख रुपये नकद मिले. इसमें सीवान कार्यालय से 2.22 लाख, सीवान स्थित आवास से 11.85 लाख और पटना के कवि रमण पथ स्थित फ्लैट से दो लाख नगद मिले हैं. निगरानी ब्यूरो की टीम को मिथिलेश कुमार के ग्रेटर नोयडा में चार फ्लैट, औरंगाबाद में पांच प्लॉट, पटना में एक फ्लैट और दो प्लॉट के साक्ष्य मिले हैं. जिनकी कीमत करीब 1.88 करोड़ है. वहीं, सीवान डीइओ के सात बैंक खातों में भी 28.88 जमा है. छापेमारी को लेकर शिक्षा विभाग के महकमें से लेकर स्कूलों में भी दिनभर हलचल रही.

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आय से अधिक मामले में दर्ज किया गया था मुकदमा

डीइओ मिथिलेश कुमार के विरुद्ध छह दिसंबर को आय से अधिक मामले में निगरानी थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसको लेकर विभागीय जांच में भी मामला प्रथम दृष्टया सही पाये जाने पर यह छापेमारी की कार्रवाई की गयी. निगरानी टीम मुकदमा दर्ज करने बाद वारंट के साथ छापेमारी करने पहुंची थी. विभाग का कहना है यह बरमदगी तो सरसरी तौर पर हुई. तलाशी अभी भी जारी है. निगरानी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीम मिथिलेश कुमार के आवास के अंदर पहुंचते ही दरवाजा पूरी तरह से बंद कर लिया,ताकि इसकी भनक लोगों को नहीं लगे.

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लावारिस स्थिति में कॉर्टन में पड़े थे 500-500 के नोट के बंडल

जिला शिक्षा अधिकारी मिथिलेश कुमार ने आलमारी में कपड़े, घड़ियां, टाई, पैन और ज्वेलरी बहुत ही संभाल करके रखी थी. लेकिन पैसे लावारिस स्थिति में एक कार्टन में पड़े हुए थे. निगरानी विभाग द्वारा बरामद रुपये से भरे पॉलिथिन को कार्टन में रखकर उसके ऊपर पुरानी कपड़े डाला हुआ था,ताकि किसी को पैसे के बारे में कोई जानकारी नहीं हो सके. निगरानी ब्यूरो द्वारा बरामद नोट में पांच सौ रुपये के 14 गड्डी बने हुए थे, जबकि एक अतिरिक्त पांच सौ की गड्डी में केवल 50 हजार रुपए के नोट थे. नोट के ऊपर उसकी संख्या भी पेंसिल से लिखी हुयी थी.

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कार्यालय के डीइओ कक्ष में रुपये चर्चा का विषय

जिला शिक्षा पदाधिकारी के आवास के अलावा कार्यालय कक्ष में भी रुपये मिलने की चर्चा हर किसी के जुबान पर रही. लोग यह जानना चाह रहे थे कि शिक्षा विभाग के सबसे बड़े अफसर के आवास के अलावा कार्यालय में आखिर इतनी बड़ी रकम कैसी रखी गयी थी. आमतौर पर नगद भुगतान संबंधित कोई कार्य कार्यालय में संपादित नहीं होता है. ऐसे में 2 लाख 25 हजार रुपये का मिलना हर किसी के लिए कौतूहल का विषय बना रहा.

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बरामद रुपयों का निगरानी मांगेगी हिसाब

विभागीय सूत्रों के मुताबिक आमतौर पर निगरानी किसी व्यक्ति विशेष की शिकायत पर ही जांच की कार्रवाई करती है. इसी आधार पर ही डीइओ के यहां भी छापेमारी की गयी. अब बरामद रुपयों का अधिकारी को हिसाब देना होगा. डीइओ को अभिलेखों के माध्यम से यह साबित करना होगा कि मोटी रकम किस मकसद से घर व कार्यालय में रखे गये थे.इसका स्रोत बताना होगा. इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह रकम आने का स्रोत बताना बड़े अफसरों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है.

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अप्रैल में डीइओ मिथिलेश सम्मानित हुए थे

डीइओ मिथिलेश कुमार अप्रैल में अच्छे कार्यों के लिए राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया था. बिहार लोक सेवा आयोग के 75वीं वर्षगांठ पर मिथिलेश कुमार को सम्मानित किया गया था. यह सम्मान उन्हें विभिन्न तरह की परीक्षाओं की सही और व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए दिया गया था.

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