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लोकसभा चुनाव के अगले पांच चरणों में जेडीयू के 11 उम्मीदवार मैदान में, जानें कहां किससे होगा मुकाबला?

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बिहार की 40 में से 16 लोकसभा सीटों पर जदयू ने इस बार अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से 5 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. वहीं अन्य 11 सीटों पर उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला अगले 5 चरणों में होगा

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कृष्ण कुमार, पटना

इस बार के लोकसभा चुनाव में जदयू के 16 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से 11 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला अगले पांच चरणों में होगा. इनमें से सीतामढ़ी, किशनगंज, सीवान और शिवहर सीट पर पार्टी ने नये उम्मीदवार उतारे हैं. अब तक दो चरणों के चुनाव हो चुके हैं. दूसरे चरण की सभी पांच सीटों पर एनडीए समर्थित जदयू के उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. इनमें भागलपुर, बांका, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं.

अब लोकसभा चुनाव के बचे पांच चरणों में जदयू के उम्मीदवार 11 सीटों पर खड़े हैं. इनमें वाल्मीकि नगर, शिवहर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, मुंगेर, नालंदा और जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं. आठ सीटों पर जदयू के पुराने उम्मीदवार ही इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी ने सभी सीटों पर अपनी पूरी ताकत लगा दी है. सभी प्रकोष्ठ के लोगों को संबंधित चुनावी क्षेत्र में डयूटी लगायी गयी है.

स्थानीय समीकरण के अनुसार मिला है जदयू नेताओं को टास्क

पार्टी ने अपने सभी उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए स्थानीय जातीय और धार्मिक समीकरण के अनुसार अपने नेताओं को जिम्मेदारी दी है. करीब आधा दर्जन टीम चुनाव प्रचार में अपने-अपने तरीके से जुटी है. इसमें जिलास्तरीय, पंचायत स्तरीय टीम के साथ ही विधानसभा स्तरीय टीम भी शामिल है. पार्टी नेताओं को संबंधित लोकसभा क्षेत्र में जातीय बहुलता वाले नेताओं को अधिक से अधिक लोगों से व्यक्तिगत संपर्क साधने के लिए कहा गया है. साथ ही अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करने का टास्क दिया गया है. इसे लेकर कई नेता लोकसभा क्षेत्रों में ही कैंप कर चुनाव प्रचार अभियान चला रहे हैं.

वाल्मीकिनगर में लड़ाई राजद से

इस बार के चुनाव में वाल्मीकिनगर में जदयू के सांसद सुनील कुमार मैदान में हैं. महागठबंधन ने उनके मुकाबले राजद के दीपक यादव को मैदान में उतारा है. जदयू के लिए यह प्रतिष्ठा वाली सीट है. इसके लिए पार्टी ने यहां तपे तपाये कार्यकर्ताओं की फौज लगायी है.

शिवहर में फूल-कुल और मोदी का नारा

शिवहर सीट पर इस बार पूर्व सांसद लवली आनंद को जदयू ने उम्मीदवार बनाया है. लवली आनंद पूर्व सांसद आनंद माेहन की पत्नी हैं. पिछले चुनाव में यह सीट भाजपा के पास थी. यहां से इस बार महागठबंधन ने राजद की रितु जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है. जदयू और एनडीए का फोकस पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के मतदाताओं पर है.यहां फूल-कूल और मोदी का नारा दिया जा रहा.

सीतामढ़ी में सामाजिक समीकरण साधने पर पार्टी का फोकस

सीतामढ़ी सीट पर जदयू ने विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है. राजद ने अर्जुन राय को प्रत्याशी घोषित किया है. यादव और कुशवाहा तथा अति पिछड़ी जातियों के वोटरों की गोलबंदी यहां हार-जीत का फैसला करती है. अल्पसंख्यक मतदाताओं की भी अच्छी तादाद है. उम्मीद की जा रही है कि सीतामढ़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाएं करायी जायेंगी. इसके अलावा पार्टी ने सामाजिक समीकरण के आधार पर भी नेताओं को प्रचार में उतारा है.

झंझारपुर में संजय झा और नीतीश मिश्र कर रहे कैंप

झंझारपुर सीट से जदयू के रामप्रीत मंडल इस बार भी उम्मीदवार हैं. पार्टी ने अति पिछड़ी जातियों की गोलबंदी को देखते हुए इस बार दोबारा उन्हें उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला महागठबंधन में वीआइपी के सुमन महासेठ और बसपा के गुलाब यादव से है. झंझारपुर क्षेत्र में पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसद संजय कुमार झा और राज्य सरकार में मंत्री व भाजपा नेता नीतीश मिश्रा कैंप कर रहे हैं. यहां आज शाम चुनाव प्रचार खत्म हो जायेगा.

सुपौल में दूसरी बार जीत का सेहरा बांधने की चुनौती

सुपौल की सीट पर जदयू पिछले दो चुनावों से जीत हासिल करता रहा है. 2014 में यहां कांग्रेस की रंजीता रंजन की जीत हुई थी. इसके पहले 2009 के आम चुनाव में जदयू के विश्वमोहन कुमार यहां से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. इस बार पार्टी ने यहां से नौ बार विधायक रहे मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव को खास जिम्मेवारी दी है.

मधेपुरा में बड़ी लकीर खींचने की तैयारी

मधेपुरा लोकसभा सीट पर जदयू इस बार जीत की बड़ी लकीर खीचने की तैयारी कर रहा है. पार्टी ने मौजूदा सांसद दिनेश चंद्र यादव को एकबार फिर उम्मीदवार बनाया है. उनके पक्ष मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार ने प्रचार किया है. मधेपुरा में उनके कैंप करने से पार्टी का मनोबल बढ़ा है. यहां दिनेश चंद्र यादव के मुकाबले राजद ने नये उम्मीदवार प्रो चंद्रदीप को मैदान में उतारा है.

गोपालगंज में पार्टी ने लगाया पूरा जोर

गोपालगंज लोकसभा सीट पर जदयू ने पूरी ताकत लगायी है. पार्टी के मौजूदा विधायक व मंत्री तथा विभिन्न प्रकोष्ठों के नेताओं को मतदाताओं से संपर्क करने को कहा गया है. यहां मौजूदा सांसद डा आलोक कुमार सुमन को दूसरी बार लोकसभा भिजवाने का पार्टी के समक्ष तगड़ी चुनौती है. महागठबंधन ने यहां वीआइपी से प्रेमनाथ चंचल को उम्मीदवार बनाया है. बसपा से सुजीत कुमार राम मैदान में हैं.

सीवान में नयी उम्मीदवार से है पार्टी को उम्मीद

सीवान लोकसभा की सीट इस बार जदयू के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गयी है. पार्टी ने इस बार यहां मौजूदा सांसद कविता सिंह की जगह कुशवाहा जाति से आने वाली राजलक्ष्मी कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. यहां पूर्व सांसद स्व मो शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है. महागठबंधन से राजद के अवध बिहारी चौधरी मैदान में हैं.

मुंगेर में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को बड़ी जीत दिलाने की तैयारी

मुंगेर लोकसभा की सीट से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को बड़ी जीत दिलाने की पार्टी के लिए चुनौती है. ललन सिंह के कारण यह क्षेत्र राष्ट्रीय मानचित्र पर छाया हुआ है. महागठबंधन ने इस बार उनका रास्ता रोकने के लिए नयी उम्मीदवार अनिता देवी को मैदान में उतारा है.

पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़ी नालंदा की सीट

नालंदा की सीट पर इस बार जदयू के समक्ष नयी चुनौती आयी है. महागठबंधन ने जदयू उम्मीदवार मौजूदा सांसद कौशलेंद्र कुमार के सामने भाकपा माले के विधायक संदीप सौरव को उम्मीदवार बनाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने के कारण पार्टी की प्रतिष्ठा से नालंदा की सीट जुड़ी हुई है. भाकपा माले के साथ राजद के समीकरण जुड़ जाने के तिलस्म को तोड़ पाना जदयू के समक्ष एक चुनौती के रूप में सामने है.

जहानाबाद में नये समीकरण गढ़ने की तैयारी

पिछली बार जहानाबाद सीट पर पार्टी को काफी कम मतों के अंतर से जीत हासिल हुई थी. जदयू ने इस बार इसे चुनौती के रूप में लिया है. पार्टी नेताओं का दावा है कि इस बार पिछली बार के मुकाबले इस बार भारी मतों से जीत हासिल होगी. महागठबंधन ने पिछली बार की तरह इस बार भी राजद से सुरेंद्र प्रसाद यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है.

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