16.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 12:31 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

World Elephant Day: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में हाथियों की तैनाती, शिकारियों और तस्करों पर रखेंगे नजर

Advertisement

World Elephant Day: बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में अब हाथियों की तैनाती की गई है. इसके लिए हाथियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. इन हाथियों की मदद से जंगल के दुर्गम इलाकों में गश्ती आसान हो गई है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

World Elephant Day: हर साल 12 अगस्त विश्व हाथी दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हाथियों की रक्षा करना है और इसके साथ ही उनके संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना भी है. इधर नेपाल से भटक कर हाथियों के झुंड बिहार के वीटीआर के वन क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं और जंगलों को भ्रमण कर फिर नेपाल वापस चले जाते हैं. पर्यटक भी वीटीआर में आकर हाथी का आनंद लेते हैं. मॉनसून सीजन के दौरान अब बिहार नेपाल सीमा पर स्थित इस वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की सुरक्षा की जिम्मेदारी हाथियों को दी गई है. 900 वर्ग किलोमीटर में फैले इस टाइगर रिजर्व में हाथी शिकारी और तस्कर पर नजर रखेंगे.

- Advertisement -

बाघों की सुरक्षा के लिए हाथियों के साथ खोजी कुत्तों से भी ली जा रही मदद

उल्लेखनीय है कि देश के टॉप टेन व्याघ्र परियोजना में शुमार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की सीमा उत्तर प्रदेश एवं नेपाल से लगती है. जिस कारण यह रिजर्व बेहद ही संवेदनशील है. यहां शिकारियों के घुसने की संभावना हमेशा बनी रहती है. ऐसे में अब बाघों की सुरक्षा के लिए यहां पैदल व हाथी गश्त के साथ खोजी कुत्तों का सहारा लिया जा रहा है.

चप्पे चप्पे पर है हाथियों की नजर

वहीं वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के जंगलों में वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा को और ज्यादा सख्त करने के उद्देश्य से हाथियों से गश्त कराई जा रही है. दुर्गम इलाकों में तस्करों और शिकारियों पर नजर रखने के लिए हाथियों की मदद ली जा रही है. हाथी वन विभाग के कर्मियों का साथ बन जंगल के चप्पे चप्पे पर नजर रख रहे हैं.

बेंगलुरु से लाए गए हाथी

बता दें कि जंगल सुरक्षा के लिए बेंगलुरु से हाथियों को लाया गया है. इनके नाम मणिकंठा, बाला जी, द्रोण और राजा , रूपा है. इन सभी को वनों की सुरक्षा करने का विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है. वन्य जीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए वन विभाग लगातार कोशिश कर है, ताकि तस्करी व शिकार जैसे वन अपराध पर अंकुश लगाया जा सके.

हाथियों को क्यों दी गई सुरक्षा की जिम्मेदारी

इस संबंध मे वाल्मीकि टाईगर रिज़र्व के वन संरक्षक सह निदेशक डॉक्टर के. नेशामणी ने बताया की इलाके में लगातार हो रही बारिश और पहाड़ी नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि के बाद जंगल के कई दुर्गम इलाकों में पहुंच पाना मुश्किल हो रहा था. इसलिए जंगल की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक्सपर्ट हाथियों को सौंपी गई है. हाथी जंगल की पूरी निष्ठा के साथ रखवाली कर रहे हैं और हर एक इलाके पर नजर रख रहे हैं.

हाथियों की मदद से दुर्गम इलाकों में भी हो रही पेट्रोलिंग

वन संरक्षक सह क्षेत्रीय निदेशक डॉ. नेशामणि के. ने बताया कि मॉनसून सीजन में होने वाली तेज बारिश के कारण जंगल के कई इलाकों जल जमाव और मिट्टी का कटाव होने लगता है. ऐसे में वाहन से आवागमन संभव नहीं हो पाता. इस समस्या से निजात दिलाने में हाथियों की एक बड़ी भूमिका साबित हो सकती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए हाथियों को पेट्रोलिंग करने की जिम्मेदारी दी गई है. इस दौरान वन विभाग के कर्मी भी हाथियों के साथ रहते हैं. हाथियों की वजह से दुर्गम जंगली क्षेत्रों में पेट्रोलिंग अच्छे से हो पा रही है.

Also Read: International Tiger Day 2023: 1975 में पहली बार पटना के चिड़ियाघर में आए थे बाघ, जानिए अब कितने टाइगर

इन इलाकों में हाथी लगा रहे गश्त

वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक सह क्षेत्रीय निदेशक डॉ. नेशामणि के. ने बताया कि वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के जटाशंकर वन क्षेत्र, भेड़िहारी वनक्षेत्र, चुलभट्ठा और रूपा से मदनपुर वन प्रक्षेत्र के जंगलों में लगातार हाथी से गश्त किया जा रहा है. ताकि वन अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सके.

Also Read: World Elephant Day: एक दिन में 150 किलो तक खाना खा सकते हैं हाथी, जानें उनसे जुड़ी और रोचक बातें

हाथियों को दिया गया है विशेष प्रशिक्षण

हाथी के साथ वन कर्मियों की टीम भी लगातार गश्त में लगी हुई है. विशेष प्रशिक्षण के बाद हाथियों को जंगल में गश्ती कराया जा रहा है. वन विभाग इस काम के लिए लंबे समय तक इन हाथियों को ट्रेनर से प्रशिक्षण दिलाया गया है. आने वाले दिनों में हाथियों की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा.

Also Read: World Elephant Day 2023: आज वर्ल्ड एलीफेंट डे पर जानें भारत में कहां कर सकते हैं हाथी सफारी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें