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लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज, बिहार दौरे पर आ रही निर्वाचन आयोग की टीम, 15 जिलों के डीएम के साथ होगी बैठक

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लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान से पहले तैयारियों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की एक उच्चस्तरीय टीम बिहार आ रही है. यह टीम दो चरणों में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ करेगी.

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भारत निर्वाचन आयोग की एक टीम लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान से पहले की गतिविधियों और तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बिहार आ रही है. आयोग की टीम दो चरणों में यह समीक्षा करेगी. पहले भागलपुर में 16 अक्टूबर को भागलपुर प्रमंडल, मुंगेर प्रमंडल, कोसी प्रमंडल और पूर्णिया प्रमंडल के जिलों के साथ बैठक होगी. इसके बाद आयोग की टीम फिर 27 अक्टूबर को पटना में पटना प्रमंडल, मगध प्रमंडल, तिरहुत प्रमंडल, दरभंगा और सारण प्रमंडल के जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा की जायेगी. इन बैठकों में जिलाधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण भी दिया जाएगा.

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सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ होगी कार्यक्रमों की समीक्षा

चुनाव आयोग की टीम में वरीय उप निर्वाचन आयुक्त डा धर्मेंद्र शर्मा, नीतेश व्यास और उप निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार साहू बिहार के दौरे पर आ रहे हैं. टीम में सचिव सुजीत कुमार मिश्रा, अवर सचिव नरेश कुमार और देवेश कुमार भी शामिल होंगे. इन पदाधिकारियों द्वारा दो चरणों में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ की जायेगी.

15 अक्टूबर को भागलपुर पहुंचेगी आयोग की टीम

आयोग की टीम 15 अक्टूबर को भागलपुर पहुंचेगी. उसके बाद 16 अक्टूबर को भागलपुर में भागलपुर, बांका, मुंगेर, बेगूसराय, जमुई, खगड़िया, लखीसराय, शेखपुरा, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिलों के विशेष पुनरीक्षण अभियान की समीक्षा जिलाधिकारियों से करेगी.

26 अक्टूबर को पटना पहुंचेगी टीम

आयोग की टीम फिर 26 अक्टूबर को पटना पहुंचेगी और अगले दिन 27 अक्टूबर को पटना में पटना जिला, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, कैमूर, गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद, अरवल, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, शिवहर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सारण, सीवान और गोपालगंज के जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे. सभी जिलाधिकारियों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से विशेष पुनरीक्षण की जानकारी देना है.

27 अक्टूबर से मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन

बता दें कि राज्य में 27 अक्टूबर से ही राज्य की सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन किया जाना है. इसके साथ ही नये मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम शामिल कराने का मौका मिल जायेगा. नये मतदाताओं को 2024 के लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने का मौका भी मिलेगा.

वोटिंग पैटर्न को लेकर दो लाख मतदाताओं के रुझान का हो रहा है विश्लेषण

राज्य की सभी 243 विधान सभा क्षेत्रों में वोटिंग के पैटर्न को लेकर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बेसलाइन सर्वे कराया गया है. इस सर्वे में पौने दो लाख मतदाताओं के रूझानों को दर्ज किया गया है. सर्वे में यह पता करने की कोशिश की गयी है कि कहां पर मतदाता वोटिंग करने नहीं निकलते. साथ ही जिन बूथों पर अधिक मतदान हुआ है उसकी वजह क्या रही है. बिहार में लोकसभा चुनाव में वोटिंग पैटर्न उत्साहजनक नहीं है. राज्य की 40 लोकसभा क्षेत्रों में राष्ट्रीय औसत से भी कम लोग मतदान करने निकलते हैं. वोटिंग पैटर्न का आंकड़ा मतदाता सूची तैयारी के पहले ही जारी कर दिया जायेगा.

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बेसलाइन सर्वे एप पर अपलोड किए गए सभी सवाल

राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे का काम 25 जुलाई तक पूरा कर लिया गया था. बेसलाइन सर्वे में हर विधानसभा क्षेत्र के 20 बूथों का चयन किया गया था. इसमें हर विधानसभा के 10 वैसे बूथों के मतदाताओं से फीडबैक लिया गया है जहां पर सर्वाधिक मतदान हुआ है. साथ ही हर विधानसभा क्षेत्र के वैसे 10 बूथों के मतदाताओं से भी बात की गयी है जहां पर कम मतदान हुआ है. मतदाताओं से यह जानकारी ली गयी है कि कम मतदान होने की वजह क्या रही है. सर्वे में पूछे गये सभी प्रकार के जवाब को बेसलाइन सर्वे एप पर अपलोड किया गया है. इसके आधार पर मतदाताओं की भागीदारी का अभियान चलाया जायेगा.

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मतदाताओं के कम मतदान की कई वजह

मतदाताओं के कम मतदान को लेकर कई वजह बताया जाती है. मतदाताओं का नाम वोटरलिस्ट में शामिल नहीं होना, मतदाता के घर से बूथ की अधिक दूरी होना, बूथ पर दबंगों का प्रभुत्व होना, मतदान को प्रभावित करने के लिए मतदाताओं को डराने-धमकाने की घटना प्रमुख है. मतदाताओं के रूझानों का विश्लेषण करने के बाद उस दिशा में आयोग द्वारा पहल की जानी है.

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