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बिहार के स्कूलों में अब ड्रोन फुटेज से होगा निर्माण स्थल का चयन, बिल्डिंग प्लान का पालन होगा अनिवार्य

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अपर मुख्य सचिव के के पाठक निर्देश दिये हैं कि बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम (बीएसइआइडीसी) और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीइपीसी) मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग की तरफ से सूचीबद्ध वेंडरों से तय दरों पर ड्रोन रख सकते हैं.

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रिपोर्ट: राजदेव पांडेय

पटना. प्रदेश के सरकारी स्कूलों से जुड़ी निर्माण योजनाओं में अब ड्रोन फुटेज का इस्तेमाल किया जायेगा. सक्षम अधिकारियों की तरफ से ड्रोन फुटेज जांचने के बाद ही निर्माण काम शुरू हो सकेगा. ड्रोन फुटेज जांचने की जिम्मेदारी राज्य परियोजना निदेशक अथवा स्वयं अपर मुख्य सचिव स्तर के अफसर की होगी. अपर मुख्य सचिव के के पाठक निर्देश दिये हैं कि बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम (बीएसइआइडीसी) और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीइपीसी) मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग की तरफ से सूचीबद्ध वेंडरों से तय दरों पर ड्रोन रख सकते हैं.

बिल्डिंग एज लर्निंग एड प्लान का पालन करना अनिवार्य

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पाठक ने समग्र शिक्षा अभियान की वित्तीय वर्ष 2023-24 के स्कूलों की आधारभूत संरचना निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार करायी है. कार्य योजना का पालन करने के लिए अपर मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर दिये हैं. आदेश में समग्र शिक्षा अभियान की गाइड लाइन पालन करने के लिए कहा है. कहा कि बाला (बिल्डिंग एज लर्निंग एड ) प्लान का पालन करना अनिवार्य होगा.

किलकारी मॉडल को अपनाने की सलाह

राज्य के सभी विद्यालयों में किलकारी मॉडल को अपनाने को कहा है. निर्माण कार्य के दौरान विद्यालयों के ब्राउन और ग्रीन एरिया किसी भी कीमत पर कम नहीं होना चाहिए. जहां ग्रीन और ब्राउन फील्ड समुचित नहीं हैं, आदेश दिये हैंं कि सभी स्कूलों के सारे भवन में एकरूपता होनी चाहिए. अब स्कूल निर्माण से जुड़ी हर योजना का इंटीग्रेटेड स्कूल कंपाउंड डेवलपमेंट प्लान बनना चाहिए. एसपीडी की बिना अनुमति के कोई भी निर्माण कार्य नहीं होगा.

मुख्य बातें

  • -शौचालयों का निर्माण दो तल्ला बनेंगे. नीचे छात्रों के लिए और ऊपर सिर्फ छात्राओं के लिए सुविधायुक्त शौचालय हों.

  • -स्कूल की बिल्डिंग बहुत पुरानी हो, उसे तोड़ कर उसी जगह नयी बिल्डिंग बनायें. अतिरिक्त निर्माण कार्यों को दूसरे और तीसरे तले पर लिया जाये

  • -सिविल वर्क के लिए प्रत्येक जिले में एक कार्यपालक अभियंता , हर तीन प्रखंड पर एक सहायक अभियंता और प्रत्येक प्रखंड में कम से कम एक कनीय अभियंता की नियुक्त की जाये.

स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम के लिए हर साल मिलते हैं 1500-2000 करोड़

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने आधिकारिक पत्र के जरिये विभागीय अफसरों को अवगत कराया है कि स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए हर साल 1500-2000 करोड़ रुपये आते हैं. इस पैसे के जरिये बीइपीसी और बीएसइआइडीसी बड़े पैमाने पर असंगत तरीके से काम कराते हैं. जिसका परिणाम यह हुआ है कि विद्यालयों में खेलकूद और प्रार्थना आदि के लिए मैदान तक नहीं बचा है. हालात है कि कई जगह एक ही स्कूल परिसर में अलग-अलग कई जगह शौचालय बना दिये गये हैं. विद्यालयों का ग्रीन फील्ड हर साल कम हो रहा है. विद्यालयों में लगे झूले निष्क्रिय कर दिये गये हैं.

जिले के सरकारी स्कूल 15 अगस्त तक होंगे कबाड़ मुक्त

जिले के सरकारी स्कूलों से कबाड़ को हटाने की कवायद शुरू कर दी गयी है. शिक्षा विभाग ने पिछले माह स्कूलों में बेकार पड़े सामान को हटाने का निर्देश दिया था. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की ओर से सभी स्कूलों को 15 अगस्त तक स्कूलों में कबाड़ को हटाने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने बेकार पड़े सामान के मूल्य भी निर्धारित कर दिये गये हैं. आदेश के अनुसार स्कूल में पड़े कुल बेकार सामान के रेट तैयार कर उसके 0.5 प्रतिशत की दर पर बेचने का निर्देश दिया गया है.

स्कूलों के निरीक्षण के दौरान दिखा था कबाड़

स्कूलों के निरीक्षण के दौरान यह देखा गया था कि स्कूलों में बेकार पड़े सामान की वजह से जगह का इस्तेमाल नहीं हो रहा है और इससे स्कूलों में गंदगी भी फैल रही थी. इसलिए विभाग ने अनुपयोगी सामान की नीलामी कराने का निर्देश दिया था. स्कूलों में बेकार पड़े सामान को हटाने के लिए पूर्व में 31 जुलाई तक का समय दिया गया था. स्कूलों में रखे प्रत्येक सामान की अवधि निर्धारित है. बेंच-डेस्क के लिए 10 वर्ष की अवधि तय है. इसी तरह कंप्यूटर, अलमारी, बुक केस आदि सामानों के लिए भी अलग-अलग अवधि निर्धारित है.बेकार सामान की नीलामी से मिलने वाली राशि स्कूल के विकास कोष में जमा किया जायेगा. विकास कोष में राशि जमा नहीं करने वाले स्कूल प्रबंधकों पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.

उपस्कर की निर्धारित अवधि

उपस्कर- निर्धारित अवधि

  1. बेंच- डेस्क- 10 वर्ष

  2. कुर्सी- 10 वर्ष

  3. ऑफिस टेबल- 10 वर्ष

  4. अलमीरा- 10 वर्ष

  5. बुक केस- 5 वर्ष

  6. डेस्कटॉप कंप्यूटर- 5 वर्ष

  7. लैपटॉप- 5 वर्ष

  8. प्रिंटर व स्कैनर- 5 वर्ष

  9. यूपीएस- 7 वर्ष

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