27.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 04:20 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार: डॉक्टर ने मरीज को दिया नया जीवन, बिना चीरा लगाए निकाली गोली, जानिए क्या होती है लेप्रोस्कोपी

Advertisement

Bihar News: बिहार के पटना में चिकित्सकों ने मरीज को जीवन दिया है. खास बात यह है कि बिना चीरा लगाए ही चिकित्सकों ने मरीज के शरीर से गोली को निकाला है और इसे नई जिंदगी दी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Bihar News: बिहार के पटना में चिकित्सकों ने ऑपरेशन के बाद मरीज को नया जीवन दिया है. यहां दूरबीन से मरीज के शरीर की गोली निकाली गई है. छाती में गोली लगने के बाद जिंदगी और मौत से जूझ रहे एक मरीज की चिकित्सकों ने जान बचा ली है. इस पूरी प्रक्रिया में बड़ी बात यह कि मरीज के शरीर से गोली निकालने के लिए कोई बड़ा ऑपरेशन या बड़ा चीरा नहीं लगाया गया. लेप्रोस्कोपी की मदद से गोली निकालकर डॉक्टरों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. साथ ही मरीज को एक नई जिंदगी दे दी है. इसके बाद मरीज की स्थिति में सुधार हो रहा है. साथ ही डाक्टर की टीम भी सफल ऑपरेशन से काफी खुश है.

- Advertisement -

लेप्रोस्कोपिक की प्रक्रिया से हुआ मरीज का ऑपरेशन

दरअसल, जमुई के चालीस वर्षीय पवन कुमार साव को छाती के सामने वाली हड्डी, जिसे ब्रेस्ट बोन भी कहते हैं, उसके निचले हिस्से में गोली लग गयी थी. बहुत अधिक पीड़ा और जान जाने की जोखिम की स्थिति में उसे पटना के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. यहां जांच में पता चला कि गोली बाएं फेफड़े और डायफ्राम के बीच में फंस गई है. डायाफ्राम, फेफड़े और पेट के बीच एक पर्दानुमा अंग होता है. गोली की अवस्थिति की सीटी स्कैन के माध्यम से पुष्टी की गई. अमूमन ऐसी परिस्थिति में एक बड़े ऑपरेशन के द्वारा छाती खोलकर ही गोली को निकाला जा सकता है. परन्तु वरिष्ट चिकित्सकों की टीम ने लेप्रोस्कोपिक की प्रक्रिया से ऑपरेशन को किया है. बता दें कि लैप्रोस्कोपी एक प्रकार की सर्जिकल प्रक्रिया ही होती है. इसके जरिए बीमारी का इलाज किया जाता है. इसके माध्यम से शरीर के अंगों की जांच की जा सकती है और केवल छोटे चीरे से इलाज किया जाता है.

Also Read: बिहार: आरजेडी विधायक फतेह बहादुर ने दिया विवादित बयान, देवी सरस्वती को लेकर कही ये बात
मेडिकल दूरबीन की मदद से हुआ इलाज

सर्जन सह निदेशक डॉ. संतोष कुमार के नेतृत्व में वरीय सर्जन डॉ. आलोक कुमार, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. नीतेश कुमार, चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. विनय कृष्ण, मूर्छक डॉ. रवि कुमार के बेहद कुशल टीम ने ओटी सहायक सुजीत कुमार, सरयुग राय की सहायता से उस मरीज का फोर्ड हॉस्पिटल में मिनिमल इनवेसिव तकनीक से सफल ऑपरेशन करके उसकी छाती के निचले हिस्से से गोली निकाल दी. लेप्रोस्कोपी के जरिए गोली निकालने का यह एक नया कीर्तिमान है. इस ऑपरेशन में लेप्रोस्कोपी (एक प्रकार का मेडिकल दूरबीन) की मदद ली गयी. जिसमें बाईं छाती में पांच मिलीमीटर के दो बेहद छोटे- छोटे छेदों के जरिए गोली को बाहर निकाल लिया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज का बहुत तेजी से प्रगति हो रहा है. डॉक्टरों का विश्वास है कि मरीज बहुत जल्दी सामान्य हो जाएगा.

Also Read: बिहार: हाथ नहीं, पैरों से प्रेमी दूल्हे ने दुल्हन को पहनाई वरमाला,परिवार को प्यार कबूल नहीं , जानिए पूरी कहानी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें