24.1 C
Ranchi
Tuesday, March 11, 2025 | 10:12 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Diwali 2022: आतिशबाजी की होड़ में जहरीली होगी शहर की हवा, रंगीन रोशनी वाले पटाखे सबसे खतरनाक

Advertisement

Diwali 2022: आतिशबाजी वायु को बुरी तरह प्रदूषित कर देती है. पटाखों के कारण श्वास और हार्ट के रोगियों की जान भी जा सकती है. पिछले वर्षों में किए आकलन बताते हैं साल-दर-साल दीपावली पर प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना. सुख और समृद्धि के पर्व दीपावली पर उत्साह-उमंग स्वाभाविक है. हर्ष-उल्लास के इस मौके पर हमारी जरा सी असावधानी या अति-उत्साह हमारी अपनी और शहर की सेहत पर भारी पड़ सकता है. गोपालगंज तो पहले से ही प्रदुषित श्रेणी में है. ऐसे में दीपावली पर्व की रात अधिक से अधिक आतिशबाजी की होड़ शहर की आबोहवा को जहरीली बना देती है जिसका सीधा दुष्प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. तेज आवाज के पटाखे जहां ध्वनि प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ा देते हैं.

आतिशबाजी से प्रदूषित होगी हवा

वहीं आतिशबाजी वायु को बुरी तरह प्रदूषित कर देती है. पटाखों के कारण श्वास और हार्ट के रोगियों की जान भी जा सकती है. पिछले वर्षों में किए आकलन बताते हैं साल-दर-साल दीपावली पर प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है. रिहायशी इलाकों में पीएम 10 अगर 60 आरएसपीएम तक हो तो सामान्य माना जाता है. ध्वनि स्तर की गणना डेसिबल में है. सामान्य स्थितियों में दिन के समय शहर में ध्वनि का स्तर औसतन 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल के आसपास रहता है. आंकड़े रिहायशी इलाकों के हैं.

380 तक पहुंच जाता है एयर क्वालिटी इंडेक्स

मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएन पांडेय के मुताबिक दीपावली के दिन जितना प्रदूषण होता है, उसका असर हवा में करीब दो महीने तक रहता है. यही प्रदूषित हवा सांस के जरिए हमारे शरीर को बीमार बनाती है. दरअसल, अक्तूबर से ओस गिरने लगती है और हवा भी नहीं चलती. इससे पटाखों से निकला जहरीला धुआं ज्यादा ऊपर नहीं जा पाता और हमारे आसपास के वातावरण में घुल जाता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) का लेवल 150 होने पर ही हमारे शरीर को नुकसान पहुंचने लगता है, जबकि दीपावली के समय यही एक्यूआइ 350 से 400 तक पहुंच जाता है.

Also Read: Diwali 2022: बिहार में छोटी दिवाली आज, प्रकाश पर्व कल, जानें कब जलाया जाएगा यम का दीया
रंगीन रोशनी वाले पटाखे सबसे खतरनाक

लाल : स्ट्रॉन्सियम के इस्तेमाल से बने पटाखों से लाल रंग निकलता है. यह छोटे बच्चों की वृद्धि पर प्रभाव डालता है और उनकी हड्डियों के विकास को रोकता है.

हरा : हरे रंग की रोशनी देने वाले पटाखों में बोरिक एसिड का इस्तेमाल होता है, जिससे शरीर में संक्रमण हो सकता है.

नीला : इस रोशनी वाले पटाखों में डायक्सिन होता है. इससे कैंसर होने की आशंका रहती है.

नारंगी : नारंगी रंग के लिए सोडियम क्लोराइड का इस्तेमाल होता है, जिससे ब्लड प्रेशर, किडनी संबंधी बीमारी हो सकती है.

बैंगनी : रूबिडियम और पोटैशियम से बैंगनी रंग बनता है. इसमें कार्सिनोजेनिक या हार्मोन्स को खराब करने वाले केमिकल्स होते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है.

सफेद : सफेद रोशनी पैदा करने वाले पटाखों में मैग्नीशियम, टाइटेनियम और एल्युमिनियम का प्रयोग होता है, यह अल्जाइमर के कारक हो सकते हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर