भभुआ सदर. कहने को तो सावन का माह चल रहा है और यह माह भी अब खत्म होने को है. लेकिन मानसून की बेरुखी की वजह से एक तरफ लोग गर्मी और उमस से परेशान हैं, तो दूसरी तरफ सूखे खेत से किसान बेहाल हैं. बारिश नहीं होने से शहर में हर तरफ धूल उड़ रही है. गर्मी व उमस के मारे हर कोई परेशान हैं. मौसम विभाग के से अनुमान गलत साबित हो रही हैं. राज्य में दो दिनों की छिटपुट बारिश के बाद पिछले 10 दिनों से बारिश का समाचार कहीं से नहीं आ रहा है. इसके चलते ना तो गर्मी से निजात मिल रही है और ना ही शहर में उड़ते धूल ही जा रहे है. इस बदले मौसम के कारण किसानों की हालत काफी खराब हो चली है. उनकी खड़ी फसल सूखती जा रही है.
मौसम विभाग का 26 तक बारिश होने का दावा
मौसम विभाग के अनुसार बिहार के अधिकतर जिलों में अगले 48 घंटों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के फिर से सक्रिय होने की संभावना है. मौसम विभाग की माने तो मानसून की ट्रफ लाइन के राज्य के उत्तरी भागों से गुजरने के आसार हैं. इसके प्रभाव से राज्य के अधिकतर स्थानों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. विभाग ने कहा है कि 22 अगस्त से 26 अगस्त तक राज्य के उत्तरी भागों के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. इस दौरान कई स्थानों पर मेघगर्जन के साथ वज्रपात की भी आशंका है. मौसम में बड़े परिवर्तन की संभावना के मद्देनजर विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. मौसम विभाग की ओर से बिहार के 11 जिलों में मंगलवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग की ओर से किशनगंज और पश्चिमी चंपारण में अतिभारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
पानी को लेकर भी बढ़ती जा रही है चिंता
मौसम विभाग चाहे जो दावे करे, लेकिन हालात ऐसे है कि लगातार गर्मी व उमस से बेहाल लोगों की चिंता पानी को लेकर भी बढ़ती जा रही है. बारिश नहीं होने से एक ओर सड़कों पर धूल है तो दूसरी ओर जलस्तर भी ऊपर नहीं आ रहा है. आसमान में बादलों की हो रही आवाजाही के बावजूद बारिश के नहीं हो रही है, इससे किसान परेशान हैं. सावन के महीने में भी एकाध दिन हुई झमाझम बारिश के बाद कहीं से बारिश की सूचना नहीं है. लगातार गर्मी व उमस ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. प्रतिदिन सुबह के समय आसमान में बादल जरूर आते हैं, पर थोड़ी देर में ही फिर धूप निकल जाती है. ऐसे में पूरे दिन लोग उमस से तिलमिलाते रहते हैं. आसमान में पूरे दिन सूर्य देवता अपना तेज रूप दिखाते हैं.
वार्डों व मुहल्लों में पेयजल की दिक्कत
सावन के माह में भी अधिकतर जगहों पर वाटर लेवल ऊपर नहीं आया है. बुजुर्ग लोगों का कहना था कि कई साल बाद इस बार सावन के महीने में भी वाटर लेवल ऊपर नहीं आया, जबकि पूर्व में सावन के जाते-जाते शहर में पानी का लेवल ऊपर आ जाता था और पेयजल की स्थिति ठीक हो जाती थी. कैमूर समेत कई शहरों में वाटर लेवल ऊपर नहीं आने के चलते अधिकतर वार्डों व मुहल्लों में पेयजल की दिक्कत अभी भी बनी हुई है. अधिकतर मुहल्लों में गाड़े गये हैंडपंप खराब पड़े हुए है. शहर में लगे कई सबमर्सिबल भी जवाब दे चुके है. कई शहरों में पेयजल की किल्लत बनी हुई है.
किसानों को किसी चमत्कार के इंतजार
इस बार समय से बारिश नहीं होने से जिले के अधिकतर किसान अभी भी आसमान ताक रहे हैं. किसान अगस्त का महीना भी बीतते देख अब किसी चमत्कार के इंतजार में है. नीले आसमान में उजले बादल देख उनका कलेजा बैठ जा रहा है. कैमूर जिले के किसान भूपेंद्र पटेल, अंजय सिंह और मिथिलेश ने बताया कि सावन का महीना भी बीतने को है लेकिन बारिश नहीं होने से खेत में लगी फसलों को बचाना अब चुनौती से कम नहीं है. बताया कि एक समय सावन माह में हमलोगों को खाने-पीने की फुर्सत नहीं मिलती थी. खेत पर ही खाना खाते और रोपनी में जुटे रहते थे. खेत की मिट्टी से सने हाथ-पैर से मेढ़ व खेत बनाने में परेशान रहते थे. चारों तरफ हरियाली और सिर्फ हरियाली धरती की वरदान लगती थी. अपने आप पर गर्व होता था कि हम किसान के साथ अन्नदाता भी है.
अभी भी 32 प्रतिशत बारिश की कमी
पटना सहित राज्य के अधिकतर हिस्से सोमवार को भी गर्मी से बेहाल रहे. अगले दो दिनों तक उत्तर बिहार की ओर मॉनसून की सक्रियता रहेगी. बिहार में अभी भी 32 प्रतिशत बारिश की कमी बनी हुई है. मौसम विभाग की ओर से बताया गया है कि मंगलवार को मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, मधेपुरा, पश्चिम चंपारण जिले में भारी वर्षा होगी. वहीं कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी व हल्की बारिश की संभावना है. इस बीच आज फारबिसगंज में 24.4 मिमी, कटिहार में 9.2 मिमी, सबौर में 8.0 मिमी, किशनगंज में 6 मिमी, सुपौल में 4.6 मिमी, भागलपुर में 4 मिमी, बांका के कटोरिया में 2.4 मिमी बारिश हुई.